Rajasthan CS Race: कौन बनेगा राजस्थान का मुख्य सचिव,कई वरिष्ठ IAS अधिकारी है रेस में?
गोपेंद्र नाथ भट्ट की विशेष रिपोर्ट
जयपुर: राजस्थान की वर्तमान मुख्य सचिव उषा शर्मा कल रविवार को रिटायर हो रही है और अब मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को प्रदेश का नया प्रशासनिक मुखिया बनाना है।
वैसे इस रेस में कई IAS अधिकारी शामिल हैं लेकिन वरिष्ठता के आधार पर राजस्थान केडर के IAS अधिकारियों में 1988 बैच के डॉ सुभाष अग्रवाल अभी सबसे ऊपर है। उत्तर प्रदेश मूल के अग्रवाल दिसंबर 2025 में रिटायर होंगे। उनके बाद वरिष्ठता में विशाखपत्तनम मूल के वी.श्रीनिवास,मेरठ (यूपी) मूल की शुभ्रा सिंह ,वाराणसी (यूपी) मूल के राजेश्वर सिंह और उत्तर प्रदेश मूल के रोहित कुमार सिंह है । यें सभी 1989 बैच के IAS अफसर हैं।
वी.श्रीनिवास अभी केन्द्र सरकार के डीओपी और पेन्शन विभाग के सचिव है, जबकि शुभ्रा सिंह राज्य की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव है। उनके पास आवासीय आयुक्त कार्यालय,नई दिल्ली के अतिरिक्त मुख्य सचिव का कार्यभार भी है।इसी प्रकार राजेश्वर सिंह अभी रेवेन्यू बोर्ड,अजमेर के अध्यक्ष है।इनके अलावा रोहित कुमार सिंह भारत सरकार के उपभोक्ता मामले,खाद्य और जन आपूर्ति मंत्रालय नई दिल्ली के सचिव पद पर सेवाएँ दे रहें है।
आईएएस वी.श्रीनिवास सितम्बर 2026, शुभ्रा सिंह 28 फरवरी 2026, राजेश्वर सिंह 31 जुलाई 2024 और रोहित कुमार सिंह 31 मार्च 2024 में सेवा निवृत्त होने वाले हैं।
इन अधिकारियों से जूनियर 1990 बैच के दो और अधिकारी बीकानेर (राजस्थान) मूल के संजय मल्होत्रा भी नई दिल्ली में केन्द्र सरकार के वित्त मन्त्रालय में रेवेन्यू सेक्टरी के पद पर सेवारत है। इनके अलावा लखनऊ मूल के 1991 बैच के सुधांशु पन्त अभी भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मन्त्रालय में सचिव है। संजय मल्होत्रा फरवरी 2028 और सुधांशु पन्त फरवरी 2027 में सेवानिवृत्त होंगे। इसी प्रकार 1992 बैच के अभय कुमार भी इस रेस में शामिल हो सकते है जोकि अगस्त 2028 तक सेवाओं में रहेंगे। अभय कुमार वर्तमान में ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव है।
वैसे पूर्व में ऐसे कई उदाहरण भी मिलते है जिसमें कई कनिष्ठ अधिकारियों को वरिष्ठ अधिकारियों पर वरियता देकर प्रदेश का चीफ़ सेक्रेटरी बनाया जा चुका है। केन्द्र में नियुक्त IAS अधिकारियों को राज्य सरकार में लाने के लिए भारत सरकार को विशेष आग्रह भेजना होता है।