नये साल में मन्दसौर को मिलेगी नई उड़ान – अपार संभावनाएं लेंगी आकार

नये साल में मन्दसौर को मिलेगी नई उड़ान –
अपार संभावनाएं लेंगी आकार

( डॉ घनश्याम बटवाल , मंदसौर )

नया साल शुभ और संभावनाओं से परिपूर्ण होगा । यह आशा सबको है ।
मंदसौर जिला 2024 में नई ऊंचाई छूने की और अग्रसर है । हाल में सम्पन्न विधानसभा चुनाव में विजयी होकर नई सरकार ने पुनः सत्ता संभाली है और विशेष रूप से जिले की एकमात्र सुरक्षित सीट के जीते हुए विधायक श्री जगदीश देवड़ा को प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बनाया गया है । वे वित्तमंत्री , वाणिज्यिक कर एवं सांख्यिकी दायित्व भी संभालेंगे ।

सीमांत जिले मंदसौर के संदर्भ में देखें तो यहां विकास की अपार संभावनाएं हैं और कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य चल रहा है । आने वाले दिनों में कार्यो में गति के साथ ये मूर्त रूप लेंगी

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दिल्ली – मुंबई ऐट लेन एक्सप्रेस हाइवे आरम्भ होचुका है यह परिवहन क्षेत्र के साथ मंदसौर गरोठ को राष्ट्रीय क्षितिज पर स्थापित करेगा । 100 किलोमीटर से अधिक एक्सप्रेस हाइवे जिले से गुजर रहा है ।

मंदसौर कृषि प्रधान होने से तीन फसलें ली जाती हैं , विभिन्न जिंसों के उत्पादन के साथ अफ़ीम पैदावार विशिष्ट है । एक जिला – एक उत्पाद योजना में मंदसौर का लहसुन चुना गया है । देश प्रदेश ही नहीं विदेशों में भी मन्दसौरी लहसुन भेजा जारहा है । कृषि उत्पाद किसानों की आर्थिक समृद्धि का आधार है । नए साल में उद्यानिकी , ओषधि फसलों के साथ लहसुन , अफ़ीम , सोयाबीन , मैथी , धनिया में अच्छी संभावना देखी जारही है ।

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इसी प्रकार गांधीसागर चंबल डेम के अपस्ट्रीम एवं डाउनस्ट्रीम परिक्षेत्र के माध्यम से शामगढ़ , गरोठ , मल्हारगढ़ आदि के ग्रामीण क्षेत्रों की प्रस्तावित कोई 2000 करोड़ रुपये से अधिक लागत की सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं पर काम जारी है इसके माध्यम से जिले में सिंचाई में लगभग डेढ़ लाख हेक्टेयर रकबे में वृद्धि का अनुमान है
वहीं गांधीसागर चंबल नदी से पेयजल समस्या समाधान की दिशा में तेज़ी से काम होरहा है । सैंकड़ों गांवों तक हजारों हेक्टेयर खेतों तक नहरों का निर्माण हुआ है ।

इसके साथ ही पर्यटन का आकर्षण भी बढ़ने जारहा है । देशी – विदेशी सैलानियों के बढ़ने की पूरी संभावना है । लगभग साढ़े तीन सौ वर्ग किलोमीटर परिक्षेत्र में फैले गांधीसागर अभयारण्य में अफ्रीकी चीते बसाने की योजना मूर्त रूप लेने जारही है । बाड़ा बंदी के साथ चीतों के आहार के लिए भी अन्य वन्य प्राणियों का जमावड़ा होरहा है । फॉरेस्ट सफारी शुरू होने से पर्यटकों का आवागमन बढ़ेगा वहीं व्यापार व्यवसाय में वृद्धि होगी । दुर्लभ वन्य जीव इस क्षेत्र में पाए जाने के कारण विश्व पटल पर चर्चित होरहा है गांधीसागर अभयारण्य ।
साधन सुविधाएं बढ़ने के साथ पर्यटकों का आगमन होगा । सुरक्षा की दृष्टि से वन्य जीवों के लिए तीन किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में ईको सेंसिटिव झोन बनाया है ।

पर्यटन केवल वन्य क्षेत्रों में ही नहीं धार्मिक और पुरातात्विक के साथ ऐतिहासिक क्षेत्रों में भी वृद्धि की आशा की जारही है । संजीत से गांधीसागर जलमार्ग विकसित कर कंवला से गांधीसागर बीच वॉटर टूरिज़्म सर्किट बना है । वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी भी परवान पर है ।

इसके अलावा पुरातात्विक व ऐतिहासिक महत्व के कारण प्राचीन दशपुर को जाना जाता है । सम्राट यशोधर्मन , कीर्ति स्तंभों , हिंगलाजगढ़ , धर्मराजेश्वर , भानपुरा शैलचित्रों , अफजलपुर का सूर्यमन्दिर , नटनागर शोध संस्थान ,
पशुपतिनाथ , सहस्त्र लिंग प्रतिमा , सौंधनी समेत कई स्थलों पर धर्म अध्यात्म के साथ शोधकर्ताओं , इतिहासकारों का विशेष आकर्षण है ।
सम्मिलित पर्यटन कई विशेषताओं के साथ किया जायेगा ।

अष्टमुखी पशुपतिनाथ महादेव एक अद्वितीय विग्रह मंदसौर में स्थापित है , महाकाल लोक की तर्ज़ पर यहां भी पशुपतिनाथ लोक निर्माण की शुरुआत होगई है । आरम्भिक रूप से शासन ने 25 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है । पशुपतिनाथ किनारे बहने वाली शिवना नदी के शुद्धिकरण का प्रोजेक्ट भी क्रियान्वयन किया जारहा है । शुद्धिकरण के लिए 28 करोड़ मंजूरी होकर कार्य जारी है ।
इसके पूर्ण होने से मन्दिर और शिवना घाटों का विकास होगा और आकर्षक बढ़ने के साथ आवागमन में वृद्धि होगी

संसदीय क्षेत्र के जुड़े नीमच से रतलाम तक रेलवे लाइन दोहरीकरण काम गति पर है । 133 किलोमीटर रेलवे लाइन के लिए 1100 करोड़ रुपये व्यय होंगे । इसके चालू होते ही यात्री ट्रेनों के साथ मालगाड़ियों की गति और संख्या बढ़ने से सभी क्षेत्रों को आर्थिक , सामाजिक और व्यापारिक लाभ मिलेगा ।

हवाई पट्टी तैयार होने के साथ पायलट ट्रैनिंग सेंटर भी स्थापित हुआ है और प्रशिक्षित बेच तैयार होरही है ।
देश के हवाई नक्शे में मन्दसौर का नाम अनजाना नहीं रहा । सिविल एविएशन विभाग मंदसौर में संभावित एयर टेक्सी सुविधा , यात्रियों के आवागमन , मालभाड़ा व राजस्व आधार का आकलन कर रहा बताया है । इसके जुड़ने से नेशनल एविएशन मैप में मंदसौर शामिल होगा ।

चिकित्सा सुविधाओं में भी वृद्धि होने जारही है । मंदसौर में शासकीय मेडिकल कॉलेज भवन निर्माणाधीन है बिल्डिंग पूर्णता की और हैं । 2024 में यहां चिकित्सा शिक्षा के साथ विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता रहेगी । निजी क्षेत्र में भी जिला मुख्यालय पर चिकित्सा उपकरणों के साथ हॉस्पिटल्स में विशेषज्ञ चिकित्सक सेवायें प्रदान कर रहे हैं ।

शिक्षा के क्षेत्र में भी मंदसौर केंद्र के रूप में विकसित हुआ है । इंजीनियरिंग , फॉर्मेसी , उद्यानिकी , प्रबंधन , विधि , आयुर्वेद , एग्रीकल्चर , नर्सिंग , चार्टर्ड अकाउंटेंट चैप्टर सैन्य स्कूल सहित अन्य विधाओं के निजी व शासकीय संस्थान कार्यरत हैं और अच्छे परिणामों के साथ प्रतिष्ठा प्राप्त कर रहे हैं । देश ही नहीं विदेशों में भी मंदसौर का गौरव बढ़ा रहे हैं ।

स्पोर्ट्स में हॉकी बैडमिंटन रोलबाल स्केटिंग व्हालीबाल मार्शल आर्ट्स में मंदसौर राष्ट्रीय स्तर तक प्रतिभायें दे रहा है । यह फ़ील्ड युवाओं को आकर्षित कर रहा है । स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर भी उपलब्ध होने से विशेष पहचान बनी है । इनडोर आउटडोर स्टेडियम इंटरनेशनल स्तर के यहां तैयार हैं । हॉकी टर्फ ग्राउंड प्रतिभाओं को तैयार कर नेशनल इंटरनेशनल में भेज रहा है ।

आने वाले दिनों में मंदसौर की प्रचलित और संभावना पूर्ण योजनाओं के मूर्त रूप लेने के साथ प्रगति के नए आयाम स्थापित होने की आशा सम्पूर्ण जिलेवासी कर रहे हैं । बस जनप्रतिनिधियों के साथ सरकार और प्रशासनिक अमला सकारात्मक भूमिका में रहे , निर्माण और विकास कार्यों की मॉनिटरिंग करते हुए गुणवत्तापूर्ण कार्यवाही को अंजाम दे ।