Genome Sequencing Machine Training : जिनोम सिक्वेंसिंग मशीन की ट्रेनिंग लेने टीम पुणे जाएगी!
Indore : डेढ़ वर्ष से शहर के एमजीएम मेडिकल कालेज में रखी जिनोम सिक्वेंसिंग मशीन शुरू होने की राह अब थोड़ी उम्मीद नजर आ रही है। क्योंकि, कॉलेज से साइंटिस्ट और डाक्टरों की टीम अब प्रशिक्षण के लिए पुणे जाने वाली है। इसके बाद मशीन का संचालन जल्द शुरू हो सकेगा। मशीन के शुरू होने से शहर में ही कोरोना के नए वैरिएंट का पता आसानी से लगाया जा सकेगा।
शहर में अभी कोरोना के मरीजों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। विदेशों से आने वाले लोगों के साथ ही शहर में रहने वाले लोग भी पाजिटिव आ रहे हैं। अभी भी शहर में कोरोना के पांच एक्टिव मरीज है। जिन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया है। लेकिन अभी तक शहर में आने वाले मरीजों में कोरोना के वैरिएंट का पता नहीं लगाया जा सका है। क्योंकि इनके सैंपल को भोपाल जांच के लिए भेजा गया है। वहां से सप्ताहभर बाद भी इसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को नहीं मिल पाई है।
अधिकारियों के मुताबिक कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग के तीन साइंटिस्ट और तीन डाक्टरों की टीम मशीन संचालित करने के प्रशिक्षण के लिए पुणे के नेशनल इंस्टिटयूट आफ वायरोलाजी जा रही है। यह टीम 15 से 19 जनवरी तक के बीच प्रशिक्षण लेगी। एमजीएम में अभी तक इस मशीन के शुरू न होने का कारण उपकरणों की कमी बताया जा रहा है।
मेडिकल कालेज से कई बार इस मशीन को संचालित करने के लिए उपकरणों की मांग की गई है। लेकिन अभी तक इसके उपकरण नहीं मिल पाए है। जबकि इंदौर में विदेशों से बड़ी संख्या में यात्री आते हैं। ऐसे में कोरोना के वैरिएंट का पता नहीं लग पाना शहर के लोगों को भी इसकी चपेट में ले सकता है। बता दें कि प्रदेश में भोपाल और ग्वालियर में जिनोम सिक्वेंसिंग मशीन संचालित हो रही है। इन दोनों ही केंद्रों पर प्रदेशभर के सैंपल आते हैं, ऐसे में रिपोर्ट आने में देरी हो रही है।