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Kissa-A-IPS:Supercop Amit Lodha: लोकप्रियता के शिखर से मुश्किलों की गहरी खाई तक का सफर!
भारतीय पुलिस सेवा में 1988 बैच के IPS अधिकारी अमित लोढ़ा (IPS Amit Lodha) बिहार के चर्चित अफसरों में हैं। अमित लोढ़ा को पुलिस में ‘सुपरकॉप’ (Supercop) माना जाता है। उनकी पढ़ाई से लेकर यूपीएससी क्रैक करने तक के किस्से मशहूर हैं। जब भी कोई बात उनसे जुड़ती है तो वो चर्चा बन जाती है। बिहार के खूंखार अपराधी चंदन महतो के साथ उनकी लम्बी चली लड़ाई काफी मशहूर है। वे अपनी किताब ‘बिहार डायरीज़’ के लिए भी मशहूर हैं। उनकी इस किताब पर OTT पर वेब सीरीज ‘खाकी: द बिहार चैप्टर’ भी बनी। लेकिन, इसके बाद चर्चित होने के साथ ही वे विवादों में भी आ गए।अमित लोढ़ा की 2021 में दूसरी किताब, लाइफ ‘इन द यूनिफॉर्म’ भी आई है. इसमें उन्होंने यूपीएससी के अपने सफर का जिक्र किया है।
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कई बार किसी की लोकप्रियता ही उसके रास्ते में रोड़े अटकाने लगती है। यही कारण है कि अमित लोढ़ा भी इससे बच नहीं सके। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण निरोध अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया। आरोप है कि अमित लोढ़ा ने वेब सीरीज और फिल्म कंपनियों के माध्यम से अपनी काली कमाई को सफेद किया है। उन पर आरोप है कि फिल्म प्रोडक्शन के नाम पर लाखों रुपए पत्नी समेत अन्य लोगों के बैंक खातों में ट्रांसफर कराए, ताकि इस रकम को वेब सीरीज बनाने की एवज में मिला पैसा दिखाया जा सके।
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अमित लोढ़ा की स्कूली शिक्षा जयपुर के सेंट जेवियर स्कूल में हुई। फिर वे आईआईटी के लिए दिल्ली आ गए। लेकिन, आईआईटी में उनका आत्मविश्वास जवाब दे गया और वे डिप्रेशन में चले गए। यहां तक कि उस दौरान उन्हें आत्महत्या के ख्याल भी आते रहे। लेकिन, फिर वे संभले और पढ़ाई पर ध्यान दिया। उनका आत्मविश्वास तब शिखर पर पहुंचा, जब पहली ही कोशिश में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास कर ली। अमित के नाना भी आईएएस ऑफिसर रहे हैं। अमित का नेचर स्कूल में शर्मीले लड़के का था। वे किसी से ज्यादा बात नहीं करते थे। स्कूल में दाखिला भी उन्हें दूसरे साल भी बड़ी कोशिश के बाद मिला। पहली बार तो स्कूल में एडमिशन के लिए होने वाले टेस्ट का पेपर उन्होंने खाली ही छोड़ दिया था। अगले साल उनकी मां ने उन्हें तैयारी करवाई फिर वे पेपर में पास हुए और उनका एडमिशन हुआ।
अमित लोढ़ा से एक बार किसी ने उनकी लव लाइफ पर सवाल पूछा, तो उन्होंने कहा कि जहां से मेरी स्कूलिंग हुई वो सेंट जेवियर स्कूल पूरी तरह बॉयज स्कूल था। वहां लड़कियां नहीं पढ़ती थी। इसलिए शुरू से संकोची रहा। यही कारण है कि उन्हें प्यार करने का समय ही नहीं मिला। प्यार को लेकर उनका कहना था कि सच्चा प्यार वो होता है, जो सही रास्ता दिखाए। इस पायदान पर मेरे पास बहुत से दोस्त हैं। उनकी पत्नी तनु भी काम में उन्हें काफी सपोर्ट करती है। वे जब बाहर जाते हैं तो उनकी पत्नी उन्हें खुद गन थमाती हैं।
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अपने अनुभवों से अमित का मानना है कि कई बार सिर्फ वाहवाही के लिए पुलिस निर्दोषों को पकड़ लेती है। अगर किसी केस में आरोपी आदतन अपराधी नहीं है, तो उसकी काउसंलिंग होनी चाहिए। विशेषकर भीड़ से पकड़े गए युवाओं से पुलिस पहले सामान्य बात करे। कई बार पुलिस जल्दबाजी के चक्कर में लोगों को पकड़ लेती है और इसका खामियाजा कई निर्दोषों को भुगतना पड़ता है। उन्होंने एक घटना भी बताई कि बिहार के गया में एसएसपी रहते हुए उन्होंने ऐसे कुछ निर्दोष युवकों को तत्काल छोड़ दिया, जिन्हें पुलिस पकड़कर लाई थी। बाद में उनके इस फैसले की सराहना कोर्ट ने भी की थी। एक पकड़ा गया युवक तो आज अच्छा अधिकारी है।
अमित की पुलिसिंग के कई किस्से हैं। उनकी लाइफ पर फिल्म बनने की भी खबर है, जिसमें अक्षय कुमार लीड रोल करेंगे। ये फिल्म बेबी, एमएस धोनी सहित कई बड़ी फिल्में बना चुके नीरज पांडे बना रहे हैं। फिल्म बिहार डायरीज से प्रेरित है। उन्होंने बताया कि फिल्म में बिहार में पोस्टिंग के दौरान 70 लोगों को मारने वाले क्रिमिनल को पकड़ने और पुलिस अधिकारियों की जिंदगी से जुड़ी बातें हैं।
लेकिन, इसके बावजूद वे अभी संकट से बाहर नहीं आए। स्पेशल विजिलेंस यूनिट के अनुसार, अमित लोढ़ा पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी सेवक के पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार और निजी स्वार्थ लाभ में वित्तीय अनियमितता की। नेटफ्लिक्स और ‘फ्राइडे स्टोरी’ टेलर के साथ सरकारी सेवक होते हुए भी व्यावसायिक काम किए। बताया गया कि प्रोडक्शन हाउस के साथ उनका सौदा कथित तौर पर 1 रुपए का था। लेकिन, पुलिस का दावा है कि उनकी पत्नी के खाते में 49 लाख रुपए का लेनदेन हुआ। इसके साथ ही प्रोडक्शन हाउस के साथ डील फाइनल होने से पहले ही पत्नी के खाते में कुछ पैसे जमा कर दिए गए थे। आशय यह कि अमित लोढ़ा की जांबाजी के किस्सों को ग्रहण लग गया। उनके बारे में लोगों का कहना है कि वे अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के फेर में वेब सीरीज और फिल्म के चक्कर में लग गए और यही उनके अपयश का कारण बना।
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सुरेश तिवारी
MEDIAWALA न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक सुरेश तिवारी मीडिया के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है। वे मध्यप्रदेश् शासन के पूर्व जनसंपर्क संचालक और मध्यप्रदेश माध्यम के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहने के साथ ही एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी और प्रखर मीडिया पर्सन हैं। जनसंपर्क विभाग के कार्यकाल के दौरान श्री तिवारी ने जहां समकालीन पत्रकारों से प्रगाढ़ आत्मीय रिश्ते बनाकर सकारात्मक पत्रकारिता के क्षेत्र में महती भूमिका निभाई, वहीं नए पत्रकारों को तैयार कर उन्हें तराशने का काम भी किया। mediawala.in वैसे तो प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खबरों को तेज गति से प्रस्तुत करती है लेकिन मुख्य फोकस पॉलिटिक्स और ब्यूरोक्रेसी की खबरों पर होता है। मीडियावाला पोर्टल पिछले सालों में सोशल मीडिया के क्षेत्र में न सिर्फ मध्यप्रदेश वरन देश में अपनी विशेष पहचान बनाने में कामयाब रहा है।