श्रीप्रकाश दीक्षित की विशेष रिपोर्ट
Bhopal Madhya Pradesh: माँ बनने का सुख बिना पति के भी उठाया जा सकता है इसकी साहसिक पहल कर भोपाल की संयुक्ता बनर्जी ने बेमिसाल मिसाल पेश की है. यह भोपाल ही है जिसने आदित्य तिवारी को देश का सबसे कम उम्र का पहला सिंगल पेरेंट बनाया. वे यहाँ से डाउन सिंड्रोम पीड़ित अनाथ बच्चे को गोद लेकर इतिहास रच चुके हैं. पहला बच्चा खुद पैदा करने के बजाए गोद लेने का संकल्प ले चुके हिमांशु और कविता कक्तवान दंपत्ति को भोपाल ने डाउन सिंड्रोम बच्चा सुलभ कराया. पिता के निधन के बाद हुए कर्मकांड से भाई को कर्ज मे डूबा देख भोपाल की अमृता तिवारी ने मृत्यु भोज के खिलाफ बिगुल बजा सबको इससे लड़ने की प्रेरणा दी है.
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भोपाल के डॉक्टर चंद्रेश शुक्ला और जबलपुर की देवाश्री अवस्थी की शादी में 400 से ज्यादा दिव्यांग बच्चे बतौर बाराती शामिल हुए. इस अनुकरणीय वैवाहिक आयोजन में मुख्यमंत्री शिवराज भी भागीदार बने. महाकाल की नगरी उज्जैन में सभी धर्मों के सौ से अधिक दिव्यांग जोड़ों का सामूहिक विवाह इतिहास बना गया. संस्कारधानी कहलाने वाले जबलपुर में आयुर्वेद डॉक्टर समरीन बाला जब अपनी दिव्यांग प्रेमिका मीना से कोर्ट मैरिज के लिए उन्हें गोद में लेकर पहुंचे तब इसकी दूर तक चर्चा हुई.