When Deadly Hobby of Selfie Stop? :कब थमेगा सेल्फी का यह जानलेवा शौक ?

' सेल्फी के शौक ने मांडू में ली पर्यटक की जान '

1242

When Deadly Hobby of Selfie Stop ? ;कब थमेगा सेल्फी का यह जानलेवा शौक ?

– डॉ . श्रीकांत द्विवेदी की विशेष रिपोर्ट 

सेल्फी के शौक ने मांडू में ली पर्यटक की जान ‘ समाचार पढ़कर मन व्यथित हो उठा । वाकया है , 24 जनवरी की दोपहर दो बजे के आसपास का । इन्दौर के दिनेश लोधी अपने तीन अन्य साथियों के साथ माण्डव भ्रमण पर आए थे । भ्रमण के दौरान काकड़ा खो पर पहुंचे । जहां रेलिंग पार कर सेल्फी लेते हुए दिनेश असंतुलित होकर खाई में जा गिरा और मौत के मुंह में समा गया । चूंकि उक्त खाई काफी गहराई लिए हुए है । ऐसे में किनारे से गिरने के बाद सुरक्षित बच पाना मुश्किल ही होता है । वैसे इस जगह पर यह हादसा कोई नई बात नहीं है ।

bd23496dc453d4b0594e48151abd45b2ccd2b3f83f88ea28e0fa59ee545c299cPhoto

images 3

प्रशासन के तमाम निर्देशों एवं प्रतिबंध के बाद भी इस तरह की दुर्घटनाएं आए दिन घटित हो रही हैं । बावजूद इसके इस तरह की दुर्घटनाओं से पर्यटकों ने कोई सबक नहीं सीखा । जबकि माण्डव स्थित काकड़ा खो , सनसेट पॉइंट , रूपमती महल के साथ ही पाताल पानी , तिन्छा फाल , तथा चौरल डेम पर खतरनाक झोन के सूचना बोर्ड भी लगा रखे हैं । फिर भी युवा पीढ़ी के पर्यटक अति उत्साह में निर्धारित हद से आगे निकल कर सेल्फी के शौक में तथा झरनों के नीचे नहाने के चक्कर में असमय मौत के मुंह में समा जाते हैं ।

Ban On Picnic Spot : इंदौर के पिकनिक स्पॉट पर जाना प्रतिबंधित, कलेक्टर के निर्देश | Mediawala

वैसे पर्यटन स्थलों के संभावित दुर्घटना वाले क्षेत्रों में वहां तैनात कर्मचारी भी पर्यटकों को रोकने एवं चेतावनी देने का प्रयास भी करते हैं । इस पर भी लोग हैं कि मानते नहीं हैं । सुरक्षा प्रहरियों से आंखें बचाकर मौत के मुहाने तक पहुंच ही जाते हैं । ऐसे में शासन – प्रशासन को इस तरह के हादसों को रोकने हेतु और कड़े कदम उठाने होंगे । जोखिम वाले स्थानों की सुरक्षा व्यवस्था ज्यादा बेहतर बनाना होगी । वहीं अभिभावकों को भी स्वत: जागरूक होना पड़ेगा । कारण , पर्यटन के लिए बच्चों को भेजकर निश्चिंत न हो जाए , बल्कि बच्चों को ठीक से दिशा निर्देशित करें । बच्चों को अकेले न भेजें । हो सकें तो साथ में कोई जिम्मेदार व्यक्ति भी जावें ।

मांडू में सेल्फी लेते समय हादसा: जहाज महल की छत की मुंडेर पर खड़ी होकर सेल्फी ले रही थी 12वीं की छात्रा, पैर फिसलने से 40 फीट नीचे गिरी, अस्पताल में भर्ती - Dainik Bhaskar

देखने में यह भी आता है कि कुछ विद्यार्थी शाला समय में ही बगैर किसी को बताए आसपास के पर्यटन क्षेत्रों में पहुंच जाते हैं । ऐसे में शिक्षण संस्थाओं में भी विद्यार्थियों को इस तरह के हादसों से बचने हेतु समय – समय-समय समझाइश दी जानी चाहिए । बच्चों को ठीक से समझाएं कि असावधानी वंश सेल्फी के चक्कर में अपनी जान यू‌ ही न गंवाएं ,अपने परिवार को शोक संतप्त होने बचाएं । कुल मिलाकर इस तरह के हादसों को रोकने के लिए जिम्मेदारी सभी की बनती है.

Stories of 2 Ex Chiefs : MP के 2 पूर्व मुखियाओं की व्यथा कथा