Chief DJ Becomes Storyteller in Jail : प्रधान जिला जज जेल में कथावाचक की तरह पहुंचे, कैदियों को धर्म ज्ञान दिया!

कैदियों को भगवान की शरण में जाने और सन्मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित किया!

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Chief DJ Becomes Storyteller in Jail : प्रधान जिला जज जेल में कथावाचक की तरह पहुंचे, कैदियों को धर्म ज्ञान दिया!

Sagar : यहां के सेंट्रल जेल में कैदियों की धार्मिक उन्नति मानसिक शांति के लिए व्याख्यान रखा गया था। जेल में बंद कैदी डिप्रेशन में रहते हैं और उन्हें तनाव से मुक्ति मिले इसके लिए इस तरह की धार्मिक कार्यक्रम होते रहते हैं। लेकिन, वहां जो हुआ उसने कैदियों के साथ वहां मौजूद अफसरों को भी आश्चर्य दिया।

वहां जज साहब व्याख्यान देने के लिए आने वाले थे। सेंट्रल जेल के सभी कैदी उनका इंतजार कर रहे थे। इसी बीच पगड़ी पहने संतों की तरह एक शख्स की वहां एंट्री हुई। कैदी समझे कि ये कोई कथावाचक है। लेकिन, अचानक मौजूद वर्दीधारी उनको सैल्यूट मारने लगे। कैदी यह देखकर हैरान थे कि किसी कथावाचक को इस तरह सलामी क्यों दी जा रही है! बात में पता चला कि वह शख्स कोई कथावाचक नहीं, बल्कि सागर के प्रधान जिला न्यायाधीश अरुण कुमार सिंह हैं। एक जज का यह रूप देखकर वहां मौजूद सभी अचंभित हो गए।

इसके बाद सागर के प्रधान जिला न्यायाधीश अरुण कुमार सिंह ने पूरी तन्मयता से ढाई घंटे तक संगीतमय भजन, कथा और कहानियों के माध्यम से भगवान की शरण में जाने और सन्मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित किया। सेंट्रल जेल सागर में ‘सर्व सुख खान परमात्मा की प्राप्ति का सर्वश्रेष्ठ साधन शरणागति’ को लेकर व्याख्यान रखा था। इस दौरान जज साहब ने कहा कि भगवान की भक्ति के लिए निर्मल मन चाहिए। लेकिन, हमारे अंदर और बाहर के भाव समान नहीं होते। बाहर के भाव क्या होते हैं, यह समझना बहुत मुश्किल होता है।

कथाकार की भूमिका में जज साहब ने कहा कि आप लोग जेल के बाहर तो जा नहीं सकते। जेल में चाहे लड़े झगड़ें या भगवान का भजन करें, यह आपके ऊपर निर्भर करता है. जो इस समय का उपयोग नहीं करेगा जीवन भर दुख भोगता है। फिर काल को दोष लगाएगा, कर्म को दोष लगाएगा, भगवान को दोष लगाएगा कि भगवान बड़ा पक्षपाती है। फलाना व्यक्ति पाप करता है, उसका पूरा घर भर गया, मैं पुण्य करता हूं मुझे जेल की सजा हो गई, मुझ पर मिथ्या दोष लगाया गया।

सेंट्रल जेल अधीक्षक दिनेश कुमार नरगावे ने बताया कि कैदियों की धार्मिक उन्नति के लिए यह व्याख्यान रखा गया था। क्योंकि जेल में बंद कैदी डिप्रेशन में रहते हैं। उन्हें तनाव से मुक्ति मिल सके, इसलिए इस तरह की धार्मिक कार्यक्रम होते रहते हैं।