ED Action in Land Scam : धार में ED ने 151 करोड़ की भूमि और FD कुर्क की!
धार से वरिष्ठ पत्रकार छोटू शास्त्री की विशेष रिपोर्ट
Dhar : यहाँ के बहुचर्चित सेंट टेरेसा भूमि घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कार्रवाई की और 151 करोड़ (बाजार मूल्य) की भूमि और फिक्स डिपॉजिट (सावधि जमा) को कुर्क कर लिया। प्रवर्तन निदेशालय ने इस आशय की विज्ञप्ति जारी करके अपनी कार्रवाई की जानकारी दी।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 29 जनवरी 2024 को मध्य प्रदेश के धार भूमि घोटाले के मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के प्रावधानों के तहत 8 करोड़ 53 लाख 50 हजार 392 रुपए (जिसका वर्तमान बाजार मूल्य अनुपातन 151 करोड रुपए से अधिक) कि चल अचल संपत्तियों को अस्थाई रूप से कुर्क किया है। इस कुर्की में मध्य प्रदेश सरकार की अवैध रूप संबंधित रूप से कब्जा की गई भूमि भी शामिल है।
विज्ञप्ति के अनुसार, उक्त सरकारी भूमि के हिस्से की बिक्री से सुधीर रत्नाकर पीटर दास और अन्य द्वारा अर्जित अपराध की आय भी शामिल है। कुर्क की गई संपत्तियों में 56 जल संपत्तियां और दो अचल संपत्तियां (सावधि जमा) शामिल है जो मुख्य मास्टरमाइंड सुधीर रत्नाकर पीटर दास सहित विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने आईपीसी 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज अपराधों के बाबत मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर और दायर की गई चार्जशीट के आधार पर जांच शुरू की है। विषयगत भूमि धर्म के तत्कालीन महाराजा आनंद राव पवार द्वारा कनाडा प्रेस्बिटेरियन मिशन की डॉ सुश्री मार्गरेट ओ’ होरा को महिला अस्पताल और डॉक्टर के लिए आवासीय सुविधा स्थापित करने के एकमात्र उद्देश्य के लिए दी गई थी। 1927 में डॉक्टर ओ’ होरा के कनाडा वापस चले जाने के बाद उक्त भूमि को छोड़ दिया गया और जिला धार मध्य प्रदेश की 1927-28 की मिसल बंदोबस्त (सरकारी रिकॉर्ड) के अनुसार उक्त भूमि सरकारी भूमि के रूप में दर्ज की गई।
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इसके बाद विभिन्न व्यक्तियों और धार्मिक संस्थाओं की मिलीभगत से सुधीर रत्नाकर पीटर दास द्वारा रचित और क्रियान्वित की गई साजिश के माध्यम से विषयगत सरकारी भूमि को अवैध रूप से हस्तांतरित कर दिया गया। इसमें निजी व्यक्तियों के साथ-साथ सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत के अलावा राजस्व और न्यायिक अधिकारियों के समक्ष मिलीभगतपूर्ण कार्रवाई से रिकॉर्ड को नष्ट करना, रिकॉर्ड में हेरफेर करना आदि शामिल है।
ईडी की जांच से पता चलता है कि मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित 3,567 हेक्टेयर क्षेत्रफल वाली सरकारी जमीन को सुधीर दास ने अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर विभिन्न भूखंडो में विभाजित किया और लाभ कमाने के और धोखे से बेईमानी के इरादे से जाली दस्तावेज बनाकर विभिन्न व्यक्तियों को धोखाधड़ी से भेज दिया गया। अब इस मामले में आगे जांच प्रक्रियाधीन है।