उद्धव गीता कर्म मार्ग पर आधारित है_ आचार्य हरेशभाई जोशी “शास्त्री “

 "उद्धव गीता "कथाप्रसंग आयोजन

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उद्धव गीता कर्म मार्ग पर आधारित है_ आचार्य हरेशभाई जोशी “शास्त्री “

मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट

मंदसौर। श्रीमद् भागवत गीता तो एक विश्व ग्रंथ के रूप में मान्यता प्राप्त है किंतु उद्धव गीता का ही महत्व उतना ही है क्योंकि यह दोनों ही गीता के वाचक भगवान श्री कृष्ण थे श्रीमद् भगवत गीता उन्होंने अर्जुन के सारथी के रूप में प्रकट की तो उद्धव गीता श्री कृष्ण ने उद्धव के रथ में बैठकर सारथी

उद्धव को सुनाई।

यह उद्गार व्यक्त किए श्रीमद् भागवत के अंतरराष्ट्रीय विद्वान प्रवक्ता पंडित हरेशभाई जोशी “शास्त्री” (अहमदाबाद) ने।

आप श्री तलाई वाले बालाजी मंदिर स्वर्ण कलश महोत्सव के उपलक्ष में रुद्राक्ष माहेश्वरी धर्मशाला में आयोजित श्री उद्धव गीता कथा को व्यास पीठ से संबोधित कर रहे थे। आपने कहा कि श्रीमद् भगवत गीता अर्जुन की अवस्था से संबंधित है और श्री उद्धव गीता उद्धव की व्यवस्था से संदर्भित है। पंडित हरेश भाई जोशी ( अहमदाबाद ) ने कहा कि उद्धव जी बहुत ज्ञानी थे और भगवान श्री कृष्ण के परम सखा थे उनमें और हनुमान जी में बहुत समानता है। ज्ञान मार्ग,कर्म मार्ग और भक्ति मार्ग यह तीनों ही हनुमान जी में भी है और उद्धव जी में भी।

उन्होंने कहा कि उद्धव गीता कर्म मार्ग पर आधारित है। क्योंकि ज्ञान से भी बढ़कर कर्म को माना गया है। जब भूमंडल की लीला कर भगवान श्री कृष्णा फिर से अपने गोलोक धाम प्रस्थान कर रहे थे तब उद्धव ने उनसे कहा था कि आपके बाद हमारे लिए क्या है तब भगवान श्री कृष्ण ने उद्धव के प्रश्नों के उत्तर में जो कुछ कहा वही उद्धव गीता और उद्धव कथा है जिसमें भगवान ने उनके पृथ्वी से जाने के बाद हमारे लिए जो व्यवस्थाएं निर्धारित की है उसका वर्णन है।

आपने बताया कि

ठाकुर जी ने अपना ज्योतिर्मय स्वरूप उद्धवजी को प्रदान किया। इसीलिए बद्रीनाथ तीर्थ में जब शीतकाल में मंदिर के पट बंद हो जाते हैं तब जोशीमठ में उद्धव जी के ही विगृह की ही बद्रीनाथ के रूप में पूजा की जाती है। और इस समय लक्ष्मी जी बद्रीनाथ मंदिर के गर्भ ग्रह में स्थापित होती है। शेष समय बद्रीनाथ तीर्थ में लक्ष्मी जी द्वार के यही आसीन रहती है। तो उद्धव जी को भगवान ने स्वयं अपना स्वरूप ही प्रदान किया है।

आरंभ में मानस मर्मज्ञ आचार्य श्री रामानुजजी ने मंगलदीप प्रज्वलित कर उद्धव गीता कथा प्रसंग शुभारंभ किया।

पोथी पूजन एवं व्यास सम्मान बालाजी मंदिर ट्रस्टी ओमप्रकाश व्यास , वरिष्ठ पत्रकार डॉ. घनश्याम बटवाल, प्रबंधक विकास आचार्य,पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मदनलाल राठौर , डॉ दिनेश तिवारी , सचिन पारेख , रविन्द्र पांडेय विश्वास व्यास ,पंडित पीयूष उपाध्याय , पंडित भूपेन्द्र शर्मा आदि ने किया।संचालन ब्रजेश जोशी ने किया। आभार संजय वर्मा ने माना । उद्धव गीता प्रसंग आयोजन में बड़ी संख्या में गणमान्य जन , युवाओं के साथ महिलाओं की उपस्थिति रही ।