Conference on Cancer : हर 13 दिन में कैंसर की दवाओं की रिसर्च में नया मॉलिक्यूल सामने आया! 

कैंसर का एक कारण कीटनाशकों का अधिक प्रयोग, ऑर्गेनिक में रुचि बढ़ने का यही कारण!

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Conference on Cancer : हर 13 दिन में कैंसर की दवाओं की रिसर्च में नया मॉलिक्यूल सामने आया! 

Indore : वर्ल्ड कैंसर डे के मौके पर कैंसर रिसर्च एंड स्टेटिक्स फाउंडेशन के सहयोग से ‘इनोवेशन इन ऑन्कोलॉजी 2024 एंड बियोंड’ कॉन्फ्रेंस शनिवार को हुई। इसमें बताया गया कि कैंसर की दवाओं की रिसर्च में हर 13 दिन में एक नया मोलेक्यूल आ रहा है। ऐसे में हमें अपडेट रहना जरूरी है। कॉन्फ्रेंस के कन्विनियर डॉ राकेश तारन ने बताया इन नई दवाओं का इस्तेमाल कैसे और किन मरीजों पर करना है, इनके लाभ क्या हैं, इनको कैसे दिया जाता है। सर्जरी में नया क्या है यह सारी बारीकियों को हम दो दिन की कॉन्फ्रेंस में एक्सपर्ट से समझेंगे।

विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर कैंसर रिसर्च एंड स्टेटिक्स फाउंडेशन के सहयोग से शनिवार को ‘इनोवेशन इनऑन्कोलॉजी 2024 एंड बियोंड’ विषय पर कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। दिल्ली के डॉ पीयूष बाजपेई ने कहा कि कैंसर का एक बड़ा कारण तरह-तरह के कीटनाशकों और यूरिया का प्रयोग भी देखा गया, इसलिए अब लोग ऑर्गेनिक फार्मिंग की और रूचि दिखा रहे हैं। साथ ही खान-पान में भी ऑर्गेनिक चीजों को शामिल किया जाने लगा है। जिससे 40 प्रतिशत तक कैंसर को प्रिवेंट किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि संतुलित और ऑर्गेनिक भोजन, तनाव मुक्त दिनचर्या और फिजिकल एक्विटिज़ से हर तरह के कैंसर से बचाव संभव है। कैंसर होने की एक बड़ी वजह बिगड़ती जीवनशैली भी है, वहीं 5 ℅ कैंसर जेनेटिक कारणों से भी होता है। यदि किसी की फैमिली हिस्ट्री है तो डॉक्टर से चर्चा जरूर करना चाहिए, साथ ही समय पर आवश्यक जांचे भी करवाना चाहिए। कॉन्फ्रेंस मे देशभर से 100 से अधिक डेलिगेट्स शामिल हुए। रविवार को कई इंटरनेशनल फेकल्टी भी कॉन्फ्रेंस का हिस्सा होंगी।l

मरीजों का सर्वाइवल टाइम बढ़ रहा 

कोलकाता के डॉ चंद्रकांत एमवी कहते हैं कि समय के साथ कैंसर का ट्रीटमेंट बेहतर हो हुआ है। पहले यदि चौथी स्टेज के लंग कैंसर मरीज सिर्फ 6 महीने ही जी पाते थे। अब ऐसे मरीजों का लाइफ स्पैम पांच साल तक बढ़ गया। क्योंकि, हमने अलग-अलग उम्र के मरीजों में होने वाले कैंसर के स्वभाव को डिटेक्ट किया है, जिसके आधार पर उचित इलाज मरीज को दिया जाता है। लंग कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू है। 50% लोगों को तंबाकू के सेवन से कैंसर होता है। जबकि 50 ℅ लोग अन्य कारणों से लंग कैंसर का शिकार होते हैं।

ट्रीटमेंट की पेनफुल थैरेपी से राहत

डॉ राकेश तारन ने बताया कि इस कॉन्फ्रेंस में हम नए ड्रग कितने प्रभावी हैं, साइड इफेक्ट क्या हैं, कैसे उन्हें यूज करना है जैसी अहम जानकारी साझा कर रहे हैं। जैसे अब कैंसर ट्रीटमेंट की पैनफुल थैरेपी से राहत देने के लिए जल्दी ही पिल्स आएगी, जिस पर लगातार रिसर्च जारी है। अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी कैंसर ट्रीटमेंट में शामिल होगा और बेहतर इलाज में मदद करेगा। इससे बचाव के लिए हमें अपनी पुरानी जीवन शैली को अपनाना चाहिए।

साल में मेमोग्राफी जरूर करवाएं 

चेन्नई की डॉ मंजुला राव ने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर का प्रतिशत अन्य कैंसर की तुलना में अधिक है। अधिकतर मरीज का ये कंसर्न रहता है कि क्या ब्रेस्ट को बचाकर आपरेट कर सकते हैं। हम ब्रेस्ट को बचाने की पुरी कोशिश करते हैं। बड़े ट्यूमर को निकालकर कई बार हम ब्रेस्ट भी बना देते हैं। कई एडवांस ट्रीटमेंट हैं जिनके साइड इफेक्ट कम हैं, जैसे प्रोटॉन थेरेपी, इम्यूनो थेरेपी आदि।

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ब्रेस्ट कैंसर के कई कारण हैं जिसमें अनियमित जीवन शैली और खानपान मुख्य है। 18 साल के बाद महिलाओं को हर महीने पीरियड के 5-7 दिन बाद सेल्फ एक्समिनेशन करना चाहिए और ब्रेस्ट मे गांठ, उसके रंग में बदलाव या दर्द जैसी चीजों पर ध्यान देना चाहिए, जबकि 40 की उम्र के बाद हर महिला को साल मे एक बार मेमोग्राफी ज़रूरी करवानी चाहिए। स्तन कैंसर से बचाव के लिए कोई एक निश्चित तरीका नहीं है। लेकिन, स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और नियमित जांच करवाकर स्तन कैंसर का खतरा कम कर सकते हैं। कॉन्फ्रेंस के पहले दिन सांस्कृतिक संध्या का आयोजन हुआ, जिसमें कैंसर सर्वाइवर आर्टिस्ट कथक डांसर संजय महाजन की प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र थी।

कैंसर से बचाव के 5 ज़रूरी स्टेप्स

संतुलित और ऑर्गेनिक आहार, पूरी नींद, किसी भी लत खासकर तंबाकू का न होना, तनाव मुक्त दिनचर्या और नियमित एक्सरसाइज।