RTO Barriers are not Being Removed : छह महीने बाद भी अटका पड़ा RTO के 47 बैरियर हटाने का प्रस्ताव!!
Bhopal : प्रदेश में परिवहन विभाग (RTO) के बैरियर को हटाने के लिए प्रस्ताव बनाया गया था। वह मंत्रालय में आज भी धूल खा रहा है। उधर, प्रदेश में परिवहन विभाग के 47 बैरियर्स पर रोज करोड़ों रुपए की अवैध वसूली हो रही है। इससे ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों में आक्रोश है। परिवहन विभाग के 47 बैरियर को हटाने के लिए तत्कालीन परिवहन मंत्री ने अगस्त 2023 में 60 दिन मांगे थे। लेकिन, छह महीने बाद भी बैरियर हटाने की कार्रवाई नहीं हुई।
ये प्रस्ताव मंत्रालय में आज भी धूल खा रहा है। परिवहन बैरियर को हटाने के लिए जो प्रस्ताव बनाया गया है उसके मुताबिक इसे लागू करने में सिर्फ 29 करोड़ का खर्च आ रहा है। इसके बावजूद मंत्रालय इस पर निर्णय लेने से बच रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी परिवहन विभाग के बैरियर पर हो रही अवैध वसूली पर पहले सवाल उठा चुके हैं।
प्रस्ताव में कहा गया है कि नई व्यवस्था में नकद लेन-देन पूरी तरह बंद होगा। पेनल्टी की रसीद भी ऑनलाइन पेमेंट से मिलेगी। ओवरलोडिंग रोकने के लिए 16 लाख की पोर्टेबल ब्रिज मशीनें रहेंगी। ट्रांसपोर्टर खुद अतिरिक्त लोड दर्शाकर डिक्लेयर कर सकता है। चेकिंग में पकड़े जाने पर 200 प्रतिशत पेनल्टी अलग से लगेगी। ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों को बॉडी वॉर्न कैमरे लगाने होंगे। 8-8 घंटे की शिफ्ट के साथ हर 15 दिन में ड्यूटी बदली जाएगी। इन सभी के लिए एक सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल रूम होगा।
ऑनलाइन व्यवस्था का प्रस्ताव
मप्र के लिए तैयार किए ड्राफ्ट में 119 स्थानों पर ऐसे ही चेकिंग पॉइंट ऑनलाइन व्यवस्था के साथ लगाए जाने की प्रस्ताव बनाया गया है। बजट को देखते हुए पहले चरण में 40 स्थानों पर यह व्यवस्था लागू किए जाने की अनुशंसा की गई है। इसका खर्च 29 करोड़ रुपए आना है। गुजरात में 58 चेकिंग पॉइंट हैं, जहां पूरा सिस्टम ऑनलाइन है। किसी भी पाइंट पर नकद राशि की पर्ची नहीं कटती। पेनल्टी भी ऑनलाइन खाते में जमा होती है। अधिकारियों की ड्यूटी 15-15 दिन में बदलती रहती है। ड्यूटी पर तैनात सभी अधिकारियों को बॉडी वॉर्न कैमरे पहनना पड़ते हैं। इसकी लाइव रिकॉर्डिंग सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल रूम में देखी जाती है।