Story Reading : कथाकार गंगाराम राजी के कथा पाठ में असगर वजाहत ने कहा ‘भोगे हुए यथार्थ को शब्द दिए!’
Mumbai : किसी भी लेखक का व्यक्तित्व उसकी रचना से जुड़ा होता है। गंगाराम राजी की कहानियाँ जीवंत व अनुभवजन्य होती हैं। वे भोगे हुए यथार्थ को शब्द देते हैं। यह विचार प्रख्यात कथाकार असगर वजाहत ने ‘शोधावरी’ द्वारा मुंबई यूनिवर्सिटी के शंकरराव चव्हाण हॉल में कथाकार गंगाराम राजी के कथा पाठ के बाद व्यक्त किए। वे कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे।
इस मौके पर कथाकार गंगाराम राजी ने अपनी कहानी ‘विश्वास’ का पाठ किया। कहानी के नेपथ्य में सुदर्शन की कालजयी कहानी ‘हार की जीत’ का आधुनिक संदर्भ में जिक्र जो कहानी को जीवंत बना रहा है।कहानी पाठ के बाद छात्रों के सवालों का जवाब देते राजी ने कहा कि संवेदना मेरी कहानियों की ताकत है। हिमाचल का आदमी मुंबई आकर भी कहानी ढूंढता है।
कथाकार, पत्रकार हरीश पाठक ने कहा कि गंगाराम राजी जीवन से कहानी चुनते और बुनते हैं। वे सहज और सरल भाषा में कड़वे सच को बेपरदा करते हैं।कथाकार एसआर हरनोत ने कहा कि यह झूठ का समय है। इस दौर में अच्छे को भी झूठ बोलना पड़ता है।
कार्यक्रम के सूत्रधार डॉ हूबनाथ पांडेय ने आयोजन के प्रयोजन पर अपनी बात रखी।उन्होंने कहा कि आज के इस दौर में जब प्रयोगवादी कहानियाँ लिखी जा रही हैं तब गंगाराम राजी की यह सरल व सहज कहानियां अपने होने को साबित करती हैं।
कथाकार सर्वेश यादव ने कार्यक्रम का संचालन किया व रागिनी काम्बले ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर इंद्रजीत सिंह व संजय भिसे विशेष तौर पर उपस्थित थे।