विपक्ष को छकाती मोहन की रणनीति…

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विपक्ष को छकाती मोहन की रणनीति…

मैदान में शत्रु को इतना दौड़ाओ कि वह थक कर चूर हो जाए, तब फिर उस पर आक्रमण करो। ताकि वह लड़ने की स्थिति में ही न बचे और हार मान जाए।इसी तरह सदन में विपक्ष को रणनीति के तहत विषय से हटकर बात कर इतना छकाओ यानि तंग करो कि वह या तो सदन से बहिर्गमन कर जाए या फिर उसे जो सुनाया जाए, वही चुपचाप सुनने को मजबूर हो जाए। जरूरत पड़े तो सहयोगी मंत्री इतना विवादित मुद्दा सामने रख दें कि विपक्ष के सामने बहिर्गमन के अलावा कोई रास्ता ही न बचे। सत्ता पक्ष की यही रणनीति मध्यप्रदेश विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री के कृतज्ञता ज्ञापन में देखने को मिली। नेता प्रतिपक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बोलने के बाद जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बोलने के लिए खड़े हुए तो पहले वह राम मंदिर, धारा 370 हटाए जाने, तीन तलाक खत्म करने सहित मोदी सरकार की दस साल की उपलब्धियों पर बोलते रहे। मोदी के पहले पांच साल को समृध्दि का तो दूसरे पांच साल को आत्मनिर्भर भारत का काल बताया।
वहीं विपक्ष को चुनौती दे दी कि वह किसी भी तरह मनमोहन के दस साल की तुलना मोदी के दस साल के कार्यकाल से कर लें। विपक्ष जहां राज्यपाल के अभिभाषण में विंदुओं का उल्लेख कर मध्यप्रदेश सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा था, तो मुख्यमंत्री ने अपने अंदाज में अपने वक्तव्य को मोदी सरकार की उपलब्धियों पर केंद्रित कर दिया। और आगामी लोकसभा चुनाव में देश में बड़ी जीत और प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों को जीतने का दावा भी ठोक दिया। यही नहीं बल्कि मोदी के तीसरे कार्यकाल को नई इबारत लिखने वाला बता दिया। विपक्ष जैसे तैसे खुद में सुनने की क्षमता पैदा कर ही रहा था कि नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस पर इतना तीखा प्रहार किया कि विपक्ष तिलमिला गया। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा विवादित शब्दों को विलोपित करने की मांग पर एक व्यवस्था दी, जो विपक्ष को रास आने लायक नहीं थी और हताशा में विपक्ष को बहिर्गमन करने के अलावा कोई विकल्प ही नहीं बचा था। विपक्ष ने बहिर्गमन किया और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी बात पूरे मन से रखकर चैन की सांस ली।
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डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अटक से कटक तक पीएम मोदी का कोई पर्याय नहीं है। दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में एक बार फिर मोदी सरकार बन रही है, तो प्रदेश की 29 में से 29 सीटें भाजपा को मिलेंगी। मोदी के जैसा कोई व्यक्ति नहीं है। ‘आतंकवाद और आर्थिक मंदी से चीन जैसे देश भी जूझ रहे हैं। लेकिन भारत में पीएम मोदी के कारण औद्योगिक क्रांति हुई है। भारत दुनिया का मित्र है। भारत ने 10 साल में सोने की चिड़िया बनने की ओर कदम बढ़ाए है। वहीं आजादी के अमृतकाल में विश्व गुरु बनने की और भारत अग्रसर है। मोदी ने राष्ट्रप्रथम की दृष्टि रखी है। डॉ. मोहन यादव ने भरोसा जताया कि प्रदेश के भाल पर विकास की नई इबारत लिखेंगे। हर क्षेत्र में विकास किया जाएगा। इन सब कामों को लेकर सरकार आगे बढ़ रही है ‘कांग्रेस के शासन में ना बिजली रही, ना सड़क रही। दो महीने की सरकार से ही सारी अपेक्षा कर रहे हैं। कांग्रेस से सवाल किया कि आप 15 महीने में क्या कर पाए? प्रदेश में विकास दर 16 प्रतिशत से अधिक है। सिंचाई की सुविधा मिली है। स्वच्छता के मामले में इंदौर नंबर वन पर है। खनिज ब्लॉक आवंटन में नीलामी के अंदर पहले नंबर पर है।’ मोहन यादव ने दावा किया कि एनडीए 400 के पार जाएगा।
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और इसी बीच सदन में संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने गुरु गोविंद सिंह, शिवाजी व टंट्या भील को भी लुटेरा कहा था। इतिहास के पन्नों में जितना महापुरुषों का असम्मान कांग्रेस ने किया, कांग्रेस को शर्म आना चाहिए। तब वही हुआ जो होना था कि विजयवर्गीय के बयान पर कांग्रेस विधायकों ने घोर आपत्ति जताई। और जो अपेक्षित था, वही हुआ। कांग्रेस विधायकों ने विजयवर्गीय के बयान को सदन की कार्यवाही से विलोपित करने की मांग की। बीजेपी विधायकों ने कहा- एनसीईआरटी की किताबों में साफ तौर पर लुटेरा लिखा गया था। उसे मुरली मनोहर जोशी ने ठीक करने का काम किया था। विपक्ष ने तथ्य सामने रखने की चुनौती दी। विधानसभा अध्यक्ष ने तथ्य सामने आने के बाद विलोपित करने की मांग पर विचार करने की व्यवस्था दी। पर असंतुष्ट कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया। यहीं पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनकी टीम सफल हो गई और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की टीम को सदन से बाहर जाने को मजबूर होना पड़ा।
वैसे यह मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की स्टाइल ही है। वह विपक्ष की बातों का सीधा जवाब न देकर पहले अपने मन की बातें सुनाते हैं और विपक्ष को छकाते हैं। बाद में अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए अपनी बात पूरी कर देते हैं। अब विपक्ष को रास आए या वह उदास, हताश हो जाए, इसी में भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ‌की जीत छिपी रहती है…।