Millionaire Beggar :बच्चों से भीख मंगवाकर मां ने 45 दिन में कमाए ढाई लाख!
Indore : भिखारी अमीर भी होते हैं, ये अभी तक सुना होगा, पर अब लोगों ने देख भी लिया। अपने बच्चों से भीख मंगवाने वाली मां इंदिरा बाई ने 45 दिन में ढाई लाख रूपए कमा लिए। उसके पास जमीन भी है, दो मंजिला घर है, पति के पास मोटरसाइकिल है वो 20 हजार का मोबाइल फोन इस्तेमाल करती है। ये बात इंद्रा बाई ने हिरासत में बताया।
इस महिला पर बच्चों से भीख मंगवाने और बच्चों को इस अपराध के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज किया गया। बाणगंगा थाने के सब इंस्पेक्टर ईश्वरचंद राठौड़ ने बताया कि इंदिरा बाई को सीआरपीसी की धारा 151 के तहत गिरफ़्तार किया गया है। उसे एसीपी की अदालत में पेश किया गया और वहीं से न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेज दिया गया।
इंदिरा बाई की एक बेटी को एक एनजीओ की देखभाल में रखा गया। गैर सरकारी संगठन ‘प्रवेश’ के स्वयंसेवकों के साथ इस महिला ने उस समय बहस की, जब उसे और उसकी 7 साल की बेटी को सड़क उठाकर ले जाया जा रहा था। उसने कहा कि भूख से मरने के बजाए हमने भीख मांगना मंजूर किया जो चोरी करने से बेहतर है।
इंदिरा बाई के पांच बच्चे हैं जिनकी उम्र 10, 8, 7, 3 और 2 साल है। बड़े बच्चों को वे व्यस्त लव कुश चौराहे पर रखती थी, जहां से रास्ता उज्जैन की ओर जाता हैं। महाकाल मंदिर जाने वाले का रास्ता यही है। इंदिरा बाई ने पुलिस को बताया कि उसने प्लानिंग के तहत इस क्रॉसिंग को चुना। क्योंकि, यह उज्जैन के लिए एक पारगमन बिंदु था। प्रार्थना करने के लिए जा रहे भक्त भिक्षा मांग रहे बच्चों और महिलाओं को भगाते नहीं। उसने बताया कि महाकाल लोक के बाद उनकी कमाई बढ़ गई। अधिकारियों ने कहा कि महाकाल लोक के निर्माण से पहले प्रतिदिन भक्तों की संख्या लगभग ढाई हजार थी, जो अब 1.75 लाख रोज है।
इंदिरा बाई राजस्थान के बारां की रहने वाली है। जब पुलिस को इसकी जानकारी हुई तो उसे पकड़ लिया गया। लखपति भिखारी महिला के खिलाफ अब जेजे एक्ट की गंभीर धाराओं में केस दर्ज होगा। बाल सुधार गृह में उसकी बेटी ने भी बयान दिया कि उसकी मां भीख मंगवाती थी। यह महिला अपनी कमाई का पैसा अपने पास रखती थी। पति की कमाई पति के पास और बच्चों की कमाई बच्चों के पास रहती थी। पत्नी इंदिरा पर कार्रवाई की खबर लगते ही पति अमरलाल दो बेटों के साथ राजस्थान भाग गया।
सालाना 20 करोड़ की कमाई
इंदौर नगर निगम के साथ भिखारियों के पुनर्वास के लिए एक एनजीओ काम कर रहा है। उसके स्वयंसेवकों ने शहर के 38 प्रमुख चौराहों से लगभग 7 हजार भिखारियों का डेटा जमा किया। इनमें 50% बच्चे हैं। स्वयंसेवकों का अनुमान है कि सामूहिक रूप से भीख मांगने वाले भिखारी सालाना 20 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाते हैं।