Mandsaur News -गिध्द गणना हुई 850 गिध्द मिले
मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
मंदसौर / प्रत्येक 02 वर्ष में की जाने वाली प्रदेश व्यापी गिद्ध गणना का कार्य इस वर्ष 16 फरवरी से 18 फरवरी के बीच संपन्न हुआ ।
विशेषज्ञ के अनुसार वन मंडल मंदसौर अंतर्गत अभयारण्य गांधी सागर एवं वन परिक्षेत्र भानपुरा के कुछ क्षेत्र गिद्धों का प्राकृतिक आवास स्थल है जहां पर गिद्ध की कुल 04 प्रजातियां पाई जाती है साथ ही गिद्ध की 03 प्रजातियां यहां का वातावरण अनुकूल होने से यहां पर शीत ऋतु में प्रवास करती है।
*वर्ष 2021 में हुई गिध्द गणना मे प्रदेश में दूसरे स्थान पर था मंदसौर*
-वर्ष 2021 में हुई गिद्ध गणना में मंदसौर जिले में विभिन्न प्रजाति के 676 गिद्ध पाए गए थे जोकि मध्यप्रदेश में पन्ना जिले के बाद दूसरे स्थान पर रहा था ।
*प्रकृति के सफाई कर्मी है गिद्ध*-
जानकार बताते हैं कि गिद्ध सामान्यतः केवल मरे हुए वन्यजीवों/ मवेशियों खाकर ही अपना भोजन प्राप्त करतें है। इसलिए इन्हें प्रकृति के सफाईकर्मी के रूप में भी जाना जाता है।
बीते समय में मवेशियों के उपचार हेतु प्रतिबंधित दवाई डिक्लोफेनक के उपयोग से तथा आवास स्थलों की कमी से गिद्ध की संख्या में अचानक से कमी आगई थी।
विशेषज्ञ ने बताया कि गिद्धों के संरक्षण हेतु उनके “नेस्टिंग साइट” को पहचान कर उनका संरक्षण अत्यंत आवश्यक है ताकि इनकी संख्या बढ़ सके।
*इस वर्ष हुई गिद्ध गणना की ये रही खास बातें*
🔸 इस वर्ष गिद्ध गणना का कार्य पूर्व में हुई 2021 की एक दिवसीय गणना की बजाय इस बार प्रदेश व्यापी 16 फरवरी से 18 फरवरी तक तीन दिवस तक किया गया।
🔸तीन दिवस तक हुई गणना में पूर्व में स्थापित गिद्ध आवास स्थलों के साथ कुछ नए आवास स्थलों पर भी गणना करने का समय मिला।
🔸प्रकृति में गिद्धों के महत्व तथा उनकी कम होती संख्या से होने वाले विपरीत परिणामों से लोगों को जागरूक करने में स्वयं सेवकों ने भी बढ़ चढ़कर भाग लिया और जागरूकता के प्रयास किये।
🔸बाहर से आये विशेषज्ञ एवं स्वयं सेवकों के अतिरिक्त गाँधीसागर के स्थानीय स्वयं सेवकों – श्री कृष्ण कांत गोस्वामी, श्री पूरन माटा, श्री नितेश चनल ,श्री हिमांशु राठौर, तथा गाँधीसागर फ्लोटिंग फेस्टिवल से भी स्वयं सेवक जुड़े।
🔸 तीन दिवसीय गणना के प्राथमिक आंकड़ो के अनुसार 02 वर्ष बाद हुई इस गिद्ध गणना में गाँधीसागर एवं आसपास के क्षेत्रों में गिद्ध के आवास स्थलों में वृद्धि के साथ ही इनकी संख्या में भी वृद्धि दर्ज़ हुई है।
🔸प्राथमिक गणना आंकड़ो के अनुसार इस वर्ष गाँधीसागर अभ्यारण्य एवं आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतम 803 गिद्ध देखे गए।
साथ ही वन मण्डल मंदसौर अंतर्गत गाँधीसागर,भानपुरा, गरोठ, एवं मंदसौर वन परिक्षेत्र को मिलाकर कुल 850 के लगभग गिद्ध गणना के दौरान पाए गए हैं।
जो कि पूर्व में वर्ष 2021 में हुई गिद्ध गणना के आंकड़ो की तुलना में अधिक है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक व्यापक रूप से फैले हुए चंबल नदी क्षेत्र एवं गांधीसागर अभयारण्य परिक्षेत्र में स्वयंसेवकों के साथ कोई 60 से अधिक विशेषज्ञों ने फोटोशूट प्रमाण सहित गणना की ।
वनविभाग के राजेश मण्डावलिया के अनुसार क्षेत्र में गिद्द गणना अलग अलग इलाकों में 20 टीमों के माध्यम से गणना कराई गई है । साथ ही हाई रेजोल्यूशन कैमरों से लिए फोटोज में मिली प्रजातियों का विवरण मिला है , इनमें स्थानीय प्रजातियों के अलावा यूरेशियन ओर सिनेरियस किस्मों के साथ देशी गिध्द भी पाए गए हैं ।
वहीं एक दुर्लभ प्रजाति सफ़ेद पीठ वाले गिध्द भी दिखाई दिये हैं ।
ज्ञातव्य है कि गांधीसागर अभयारण्य में अफ्रीकी चीतों के लिए विशेष बाड़ा बनाया गया है , इस क्षेत्र का वातावरण और जलवायु वन्य जीवों के लिए अनुकूल मानी गई है । सामान्य के साथ दुर्लभ प्रजातियों के पशु , पक्षियों , वन्य जीवों की बहुतायत देखने में आई है ।
गिद्दों को भी वातावरण और जलवायु रास आई और परिणाम अच्छे मिले हैं