Silver Screen: अच्छी होगी तभी फ़िल्में चलेंगी, महंगी फ़िल्में सफलता की गारंटी नहीं!
किसी फिल्म का हिट होना उसके निर्माण बजट से तय नहीं होता। फिल्म की कहानी अच्छी होगी, पटकथा में बांधने का माद्दा होगा, अभिनय जोरदार होगा और निर्देशन दर्शक को कुछ और न सोचने दे तो कम बजट की फिल्म भी कमाल कर देती है। ऐसे सैकड़ों उदाहरण हैं, जब बड़े बजट की फिल्म फ्लॉप हुई और उसके सामने छोटे बजट वाली फिल्म को पसंद किया गया। 2023 में भारी शोर-शराबे और उम्मीदों के साथ आई फिल्म ‘आदि पुरुष’ के साथ भी यही हुआ। 600 करोड़ के बड़े बजट से बनी इस फिल्म में दक्षिण और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के कई बड़े कलाकार थे। लेकिन, फिल्म की रिलीज के पहले दिन ही बवाल हो गया। दक्षिण के सुपर स्टार प्रभास, कृति सेनन और सैफ अली खान जैसे कलाकारों और रामायण की पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म के कथानक, संवाद और फिल्मांकन से दर्शक नाराज हुए। दर्शकों को इतना गुस्सा था कि पटकथा और संवाद लेखक मनोज मुंतशिर को माफी तक मांगनी पड़ी। फिल्म अपनी लागत भी नहीं निकाल सकी। दरअसल, ये फिल्म फिल्मकारों के लिए सबक है कि वे दर्शकों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ न करें। अन्यथा दर्शकों को नकारने में देर नहीं लगती। दर्शकों के लिए बड़े कलाकार, भव्य सेट और महंगी ड्रेसें कोई मायने नहीं रखते। यदि फिल्म में मनोरंजन नहीं है, तो दर्शक उसे स्वीकारते।
फिल्मों की सफलता का अपना अलग इतिहास होता है। कोई फिल्म लोकप्रियता और कमाई का इतिहास रच देती है, तो कोई ढेर हो जाती है। राज कपूर की फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ (1970) के साथ जो हुआ, वो सभी जानते हैं! इस फिल्म को राज कपूर ने बड़े अरमान से कई बड़े सितारों के साथ बनाया था। इस प्रयोगवादी फिल्म को बनाने में उन्होंने अपनी सारी कमाई और संपत्ति दांव पर लगा दी थी। बताते हैं कि अपनी पत्नी कृष्णा के सारे जेवरात भी इस फिल्म को बनाने में लगाए थे। लेकिन, जब फिल्म रिलीज हुई तो भूचाल आ गया। सारी उम्मीदें धराशायी हो गई। फिल्म बुरी तरह फ्लॉप हुई। इसे फ्लॉप फिल्मों के इतिहास में मिसाल माना जाता है। उन्हें यह फिल्म बनाने में 6 साल से ज्यादा समय लगा था। इस जुनून में वे लगभग दिवालिया हो गए थे। ‘मेरा नाम जोकर’ सर्कस में काम करने वाले जोकर राजू के जीवन के उतार-चढ़ाव भरी यात्रा थी। वह सर्कस में दर्शकों को हंसाने और खुश करने में कामयाब होता है। लेकिन, उसकी जिंदगी बिखर जाती है। 4 घंटे 15 मिनट लंबी फिल्म दर्शकों के साथ समीक्षकों को भी पसंद नहीं आई। इसके अलावा फिल्मकार बोनी कपूर की फिल्म ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ (1993) अपने समय की मल्टी स्टारर और बड़े बजट (10 करोड़) की फिल्म थी। लेकिन, ये फिल्म फ्लॉप रही थी। इस फिल्म में उस दौर की हिट अनिल कपूर और श्रीदेवी की जोड़ी थी।
कुछ दिनों से दक्षिण बनाम हिंदी सिनेमा की बहस जोर पकड़ रही है। दर्शकों का मानना है कि बॉलीवुड अब तमिल और तेलगू भाषा की फिल्मों का रीमेक बनाकर दर्शकों के सामने परोसा जा रहा है। बड़े बजट के चलते बॉलीवुड फिल्मों को बनाता है और इसके प्रमोशन पर पैसे खर्च किए जाते हैं। लेकिन, जरूरी नहीं कि बड़े बजट के चलते फिल्में हमेशा चलती हैं। कई ऐसी फिल्में हैं जिनका बजट करोड़ों में रहा, लेकिन वे बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी। कई फिल्मों की तो आधी से ज्यादा लागत ही डूब गई। इन फिल्मों में आमिर खान और अमिताभ बच्चन जैसे कई बड़े सितारे भी अपना जादू नहीं दिखा पाए! ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ बड़े बजट की फिल्म थी जो 2018 में रिलीज हुई, पर बॉक्स ऑफिस पर नहीं चली। इस फिल्म का बजट 310 करोड़ था। पर, फिल्म जब परदे पर उतरी तो फिल्म की कमाई 138 करोड़ पर ही सिमट गई। जबकि, इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, आमिर खान जैसे बड़े कलाकार और कैटरीना कैफ थी। ऐसी ही एक फिल्म कबीर खान के निर्देशन में बनी ’83’ थी।1983 में इंडियन टीम ने क्रिकेट विश्वकप जीतकर इतिहास रचा था। इसी रोमांच पर बनी यह बड़े बजट की फिल्म बॉक्स ऑफिस पर खास कमाल नहीं कर पाई। रणवीर सिंह ने फिल्म में कपिल देव का किरदार निभाया था। 260 करोड़ में बनी बड़े बजट की फिल्म 103 करोड़ ही कमा पाई। जबकि, इस फिल्म को लेकर काफी उम्मीद थी।
डायरेक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी की फिल्म ‘सम्राट पृथ्वीराज’ भी 200 करोड़ की लागत वाली फिल्म थी। फिल्म की कमाई सिर्फ 65 करोड़ रही। इसमें पृथ्वीराज की भूमिका अक्षय कुमार ने निभाई थी। लेकिन, इस फिल्म ने भी पानी नहीं मांगा। ‘रांझणा’ (2013) जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म देने वाले डायरेक्टर आनंद एल राय की फिल्म ‘जीरो’ भी ऐसी ही फिल्मों की फेहरिस्त में शामिल है। फिल्म में शाहरुख खान, अनुष्का शर्मा और कैटरीना कैफ जैसे बड़े नाम थे। 270 करोड़ की यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर मात्र 100 करोड़ की ही कमाई कर सकी थी। 2016 में आई रितिक रोशन की फिल्म ‘मोहन जोदाड़ो’ हिस्टोरिकल ड्रामा फिल्म थी। जबकि, निर्देशक आशुतोष गोवारिकर को फिल्म से काफी उम्मीद थीं। इसके बाद भी यह फिल्म कोई कमाल नहीं दिखा सकी।
138 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म की कमाई मात्र 54 करोड़ की हुई।
निर्देशक अभिषेक बर्मन की फिल्म ‘कलंक’ भी बुरी तरह फ्लॉप हुई। 2019 में रिलीज हुई फिल्म में संजय दत्त, माधुरी दीक्षित, वरुण धवन, आलिया भट्ट, सिद्धार्थ रॉय कपूर, सोनाक्षी सिन्हा समेत कई बड़े कलाकार थे। 137 करोड़ के बड़े बजट में यह फिल्म 78 करोड़ की ही कमाई कर सकी। सलमान खान की 135 करोड़ में बनी फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ भी महज 114 करोड़ का आंकड़ा पार नहीं कर सकी। शाहरुख खान और करीना कपूर की फिल्म ‘रा-वन’ भी सुपर फ्लॉप फिल्मों में है। इस फिल्म का बजट 130 करोड़ था और कमाई हुई 113 करोड़ रुपए। अनुराग कश्यप की फिल्म ‘बॉम्बे वैलवेट’ फ्लॉप फिल्म है। रणबीर कपूर, अनुष्का शर्मा की करण जौहर की यह फिल्म 118 करोड़ में बनी। लेकिन, कमाई हुई 22 करोड़ रुपए। कंगना रनौत की ‘धाकड़’ और ‘तेजस’ भी बड़े बजट की फ़िल्में थी। ‘धाकड़’ 95 करोड़ में बनी थी, पर कमाई 3 करोड़ रही। इसे फिल्म इतिहास की सबसे फ्लॉप फिल्म कहा जाता है।
‘आदि पुरुष’ को अब तक की बड़े बजट वाली सुपर फ्लॉप फिल्मों में गिना जाता है। इससे पहले सिनेमा में सबसे बड़ी फ्लॉप का रिकॉर्ड ‘राधे श्याम’ के नाम था, जिसने बॉक्स ऑफिस पर लगभग 170 करोड़ रुपए का नुकसान किया। इसके अलावा शमशेरा (100 करोड़), तेलुगु फिल्म आचार्य (80 करोड़), कन्नड़ फिल्म कब्ज़ा (80 करोड़) शामिल हैं। आमिर खान की ‘लाल सिंह चड्ढा’ (70 करोड़), प्रभास और पूजा हेगड़े की ‘राधे श्याम’ को भी दर्ज किया जा सकता है। यह फिल्म 300 करोड़ के बड़े बजट में बनी थी, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर अपनी लागत भी नहीं निकाल सकी।
अनुराग कश्यप के निर्देशन में बनी फिल्म ‘बॉम्बे वेलवेट’ भी एक ऐसी फिल्म है, जिसे दर्शकों ने पसंद नहीं किया था। रणबीर कपूर और अनुष्का शर्मा जैसे बड़े स्टार्स की इस फिल्म नहीं चला सके। फिल्म का ट्रेलर और समीक्षा देखकर ही दर्शकों ने सोच लिया होगा कि ये देखने लायक फिल्म नहीं है। तभी 120 करोड़ के बजट में बनी ‘बॉम्बे वेलवेट’ ने 43 करोड़ का कलेक्शन किया था। साल 2019 में रिलीज हुई ‘साहो’ का बजट 350 करोड़ रुपए था। इस फिल्म में प्रभास एक्शन अंदाज में नजर आए। लेकिन, फिल्म लगभग 420 करोड़ का ही कलेक्शन कर सकी। फिल्म की लागत तो निकल आई, पर फिल्म को लेकर जो हाइप क्रिएट किया गया था वो नहीं चला। बड़े कलाकार, भव्य सेट और बड़ा बजट होते हुए इन फिल्मों का धराशायी होना ये बताता है कि बड़े नाम और बड़ा बजट ही किसी फिल्म को हिट नहीं करवा सकता। इसके लिए कसावट वाला कथानक और दर्शकों को बांधे रखने की क्षमता बहुत जरूरी है।