तो 29 वां कमल खिलाएंगे शिवराज…!

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तो 29 वां कमल खिलाएंगे शिवराज…!

अगर पार्टी ने तय किया तो मध्यप्रदेश लोकसभा चुनाव में 25 साल से भाजपा के लिए अजेय बनी 29 वीं लोकसभा सीट पर कमल खिलाने की चुनौती पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पार पाने में सक्षम हैं। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने यहां से 1997 में चुनाव जीता था। और एक बार फिर सुंदर लाल पटवा के राजनैतिक शिष्य पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को छिंदवाड़ा फतह करने की जिम्मेदारी मिल सकती है। विदिशा लोकसभा सीट से पांच बार प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 2005 से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। वर्ष 2018 में मात्र 15 माह कमलनाथ मुख्यमंत्री रहे थे और उसके बाद मार्च 2020 से फिर शिवराज मुख्यमंत्री रहे थे। मुख्यमंत्री रहते शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश से 29 कमल की माला पहनाने का भरोसा दिलाया था। मिशन 2024 को लेकर पार्टी का सबसे ज्यादा फोकस छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर ही है, क्योंकि पिछले चुनाव में एकमात्र यह एक ऐसी सीट थी जहां बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था। महाकौशल के क्लस्टर प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने लोकसभा चुनाव को लेकर न सिर्फ चुनावी रणनीति तैयार की, बल्कि छिंदवाड़ा के सभी 33 मंडल के अध्यक्षों से वन-टू-वन चर्चा भी की। लगभग 4 घण्टे कैलाश विजयवर्गीय संगठन की नब्ज टटोलते रहे और मंथन करते रहे, जिसमें कुछ नेताओं ने स्थानीय नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ाने के लिए अपनी राय दी, तो ज्यादातर ने शिवराज को कमलनाथ के गढ़ को भेदने के लिए महत्वपूर्ण नाम बताया था। पार्टी सूत्रों की मानें तो शिवराज सिंह को छिंदवाड़ा के मैदान में उतारने के लिए सबसे ज्यादा डिमांड है। ऐसे में कैलाश विजयवर्गीय ने इस डिमांड को ऊपर तक पहुचाने की हामी भी भरी थी।
यानि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लोकसभा चुनाव में विदिशा या छिंदवाड़ा से मैदान में उतारा जा सकता है। छिंदवाड़ा कमलनाथ का गढ़ है। वह 9 बार यहां से सांसद रह चुके हैं। अब उनके बेटे नकुलनाथ यहां से सांसद हैं। कांग्रेस पहले ही साफ कर चुकी है कि इस सीट से नकुलनाथ को ही टिकट मिलेगी। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को 20 साल बाद छिंदवाड़ा से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा जा सकता है। 2019 के लोकसभा चुनाव में शिवराज समर्थक रमाकांत भार्गव को विदिशा सीट से मैदान में उतारा गया था। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मिलने के लिए दिल्ली बुलाया था। ऐसे में यह चर्चा आम रही कि मध्यप्रदेश लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा सीट पर मोदी-शिवराज की मंत्रणा हुई है। इसके बाद अटकलों का दौर चला कि नाथ भाजपा में शामिल होंगे। लेकिन फिर इन अटकलों पर पूर्ण सा लग गया। कमलनाथ ने भी इसका खंडन कर दिया था। इसके बाद कांग्रेस की तरफ से नकुलनाथ के छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ाने की पुष्टि हो गई है। नकुलनाथ कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे तो बीजेपी को छिंदवाड़ा से बहुत मजबूत उम्मीदवार उतारना पड़ेगा। ऐसे में यह बात तय है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुकाबले में नकुलनाथ पर भारी पड़ेंगे। शिवराज सिंह चौहान को सीएम नहीं बनाए जाने के बाद उन्हें क्लस्टर के पार्टी नेताओं के साथ बैठकें करने के लिए कहा गया था। वह तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और ओडिशा का दौरा कर चुके हैं।
लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची मार्च के पहले पखवाड़े में जारी हो सकती है। और पहली सूची में ही छिंदवाड़ा से मैदान में उतारे जाने वाले उम्मीदवार का नाम सामने आ सकता है। यदि शिवराज को छिंदवाड़ा से मैदान में उतारा गया तो‌ चुनाव में 1997 की तरह भाजपा का पलड़ा भारी नजर आ सकता है। और शिवराज पार्टी की उम्मीदों पर हर तरह से खरे उतरने में सक्षम हैं, इस बात में कोई संदेह नहीं हैं। ऐसे में शिवराज की मंशा के मुताबिक 2024 में मध्यप्रदेश से 29 कमल के फूलों की माला मोदी के गले में पहनाने में भाजपा सफल होगी और 29 वां फूल खिलाने वाले शिवराज की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होगी…।