नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 10 वर्ष की सजा!
Bhopal : राजधानी की जिला अदालत ने वर्ष 2019 में नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 साल के कारावास की सजा सुनाई। यह फैसला रश्मि मिश्रा विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट की कोर्ट ने सुनाया। प्रकरण में शासन की और से पैरवी विशेष लोक अभियोजक दिव्या शुक्ला एवं श्रीमती ज्योति कुजूर द्वारा की गई।
संभागीय जनसम्पर्क अधिकारी मनोज त्रिपाठी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि 18 मार्च 2019 को क्षेत्र में रहने वाले परिजन अपनी नाबालिग बेटी को थाना बिलखिरिया लेकर पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था की रात 9 बजे कोई अज्ञात व्यक्ति उनकी नाबालिक बेटी को बहला-फुसला कर अपने साथ लेकर चला गया था।
परिजनों ने पुलिस को आगे बताया कि उनके पडोस मे ही रहने वाली ज्योति नामक महिला के परिवार वाले भी उसी समय घर पर ताला लगाकर कही चले गए हैं। महिला ने संदेह जताया था कि उसकी बेटी को भगाने में उन लोगों का हाथ हो सकता हैं। शिकायत मिलने पर पुलिस ने थाने पर गुम इंसान का मामला कायम कर 20 मार्च 2019 को नाबालिग को दस्तयाब किया गया था।
दस्तायाब के बाद उसके बयान दर्ज किए गए जिसमें उसने बताया कि वह वीरू वाल्मीकी नामक युवक को बीते 1 साल से जानती हैं। और उनके बीच अच्छी दोस्ती है। वीरू उसे अपने साथ बहलाकर फुसलाकर रात के समय बस से भोपाल से विदिशा ले गया। विदिशा में वीरू उसे अपने जीजा के घर ले गया और वहां उसे पत्नी की तरह रखने लगा।
इस दौरान आरोपी लगातार उसका शारीरिक शौशण करता रहा। पीड़िता के बयानों के आधार पर पुलिस ने प्रकरण में धारा 363, 366, 376(2) एन भादवि 3/4 पॉक्सो एक्ट की धाराओ को इजाफा करते हुए विवेचना के बाद अभियोग पत्र कोर्ट में पेश किया था। सुनवाई के दौरान अभियोजन द्वारा पेश किए गए साक्ष्य, तर्को, दस्तावेजों एवं वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर अदालत ने आरोपी वीरू वाल्मीकी को धारा 376 भादवि एवं 3/4 पॉक्सो एक्ट मे 10 साल का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपए के अर्थदण्ड एवं धारा 366 भादवि मे 5 वर्ष का सश्रम कारावास व 1 हजार रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किए जाने का आदेश सुनाया।