राम और भारत को समझ क्यों नहीं पा रहे राहुल…!
कांग्रेस राहुल राज में आखिर कैसे अपनी नैया पार लगा पाएगी, इस बात की चिंता तो कभी-कभी कांग्रेस नेताओं को भी जरूर होती होगी। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांगेस को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। मध्यप्रदेश में हर रोज कांग्रेस छोड़ नेता भाजपा की तरफ भाग रहे हैं। 5 मार्च 2024 को जब राहुल गांधी राम के नाम पर विवादित बयान दे रहे थे, तब भी मध्यप्रदेश और गुजरात में यही हुआ। छिंदवाड़ा नगर निगम के कांग्रेस के 7 पार्षद सहित युवा नेता भाजपा में शामिल हुए। वहीं राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की गुजरात में एंट्री से पहले पार्टी के स्टेट चीफ अबंरीश डेर और सीनियर नेता के साथ ही पूर्व विधायक अर्जुन मोढवाडिया भाजपा में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस छोड़ भाजपा में आने वाले नेता एक ही वजह बता रहे हैं कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बहिष्कार का कांग्रेस का निर्णय और दूसरा मोदी सरकार की विकास की विचारधारा। दूसरी तरफ भारत में राम नाम की महिमा राहुल गांधी को समझ में क्यों नहीं आ पा रही है। और कांग्रेस के दिग्गज और वरिष्ठ नेता आखिर राहुल को भारत में राम नाम का मर्म समझाने में विफल क्यों हो रहे हैं। यदि समझा पाते तो शायद राहुल राम का नाम जोड़कर ऐसे बयान कतई नहीं देते। शाजापुर में राहुल गांधी ने नुक्कड़ सभा को संबोधित किया और विवादित बयान देते हुए कहा कि मोदी चाहते हैं कि आप दिनभर मोबाइल पर रहो। जय श्री राम बोलो और भूखे मर जाओ। राहुल गांधी को यह कोई क्यों नहीं समझाता कि भारत में भूखा भी राम का नाम लेता है तो उसके भोजन का इंतजाम हो ही जाता है। ऐसे में राहुल गांधी को राम के नाम के साथ विवादित बयान देने का गैर जिम्मेदाराना व्यवहार करने की जरूरत ही क्यों पड़ती है? राहुल के भाव अगर ठीक भी हैं, तो अपनी बात कहने के लिए उसी तरह के शब्द और संदर्भ का प्रयोग करने की सलाह आखिरकार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता क्यों नहीं दे पा रहे हैं?
इधर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तो राहुल गांधी की न्याय यात्रा पर ही सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि जीवन भर जिस पार्टी ने अन्याय किया वो न्याय यात्रा निकाल रहे हैं। जिनके शासन काल में कांग्रेस ने बहुत लंबा समय अदा किया है। लेकिन चुनाव के समय में कोई अपने दल का विचार ना करते हुए, इस तरह समय जाया कर रहा तो ये उनका विषय है। उज्जैन देव दर्शन करने की नगरी है। वो भगवान के अच्छे से दर्शन कर लें। मध्यप्रदेश की धरती पर भगवान उनको सद्बुद्धि दे। लेकिन वो पश्चाताप भी करें कि भगवान राम का न्योता, उनकी पार्टी ने क्यों ठुकराया था ? वो जनता से माफी मांगें, राहुल गांधी जी अपना स्पष्टीकरण दें ? शांति और सद्भाव के टापू पर वो अपनी यात्रा जिस भाव से कर रहे हैं, वो कभी फलीभूत नहीं होगी क्योंकि जीवन भर जिस पार्टी ने अन्याय किया वो न्याय यात्रा निकाल रहे हैं। तो मांग की कि उस काल के दरमियान किए गए अपराधों पर कांग्रेस आज सार्वजनिक रूप से माफी क्यों नहीं मांगती ?
तो राहुल गांधी के जय श्रीराम पर विवादित बयान पर विधायक रामेश्वर शर्मा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। रामेश्वर शर्मा ने कहा – कि जय श्रीराम खाने भी देता है, संतोष भी देता है, परिवार और समाज में मैत्री का भाव भी जगाता है। राम राज्य में कोई भूखा नहीं रहता केवल भ्रष्टाचारी ही भूखे मरेंगे, क्योंकि मोदी न खाएगा न खाने देगा। शर्मा ने कहा घमंडिया गठबंधन की मति भ्रष्ट हो गई है, इसलिए ये जब भी बोलते हैं, श्रीराम के विरोध में ही बोलते हैं। जो राम और राष्ट्र के खिलाफ गलत बोलेगा उसका ऐसा हश्र होगा कि ढूंढ़ने से भी नहीं मिलेंगे।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा मध्य प्रदेश में जारी है। जहां वे महंगाई और बेरोजगारी समेत कई मुद्दे उठा रहे हैं। हालांकि इस दौरान वे विवादित बयान देने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं। और इसी तरह के विवादित बयान कांग्रेस को लगातार बैकफुट पर ला रहे हैं। उज्जैन में राहुल बाबा महाकाल के दर्शन कर रहे हैं तो उससे पहले राम का नाम लेने वालों के भूखों मरने की बात कह देते हैं। ऐसे में शिव भी उन पर कृपा कैसे कर पाएंगे। क्योंकि शिव कहते हैं कि जो राम को प्रिय है, वही भक्त उन्हें प्रिय है। ऐसे में राहुल गांधी को राम-शिव और भारतीय संस्कृति, धर्म और आस्था को गहराई से समझने की जरूरत है वरना कांग्रेस की नैया पार होने में संदेह बना रहेगा। ताज्जुब की बात यह है कि राम और भारत को राहुल आखिर अभी तक समझ क्यों नहीं पा रहे हैं…!