High Court’s Decision on Bhojshaala : भोजशाला पर हाई कोर्ट के फैसले पर धार के हिंदू खुश!

धार के शहर काजी ने कहा 'हाई कोर्ट ने जो आदेश दिया वह मुस्लिम समाज को मंजूर नहीं!'

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High Court’s Decision on Bhojshaala : भोजशाला पर हाई कोर्ट के फैसले पर धार के हिंदू खुश!

धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट

Dhar : यहां की ऐतिहासिक भोजशाला को लेकर लंबे अरसे से चल रहे कानूनी विवाद को लेकर हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने अहम फैसला दिया। ‘हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस’ ने भोजशाला मैं सर्व को लेकर याचिका दाखिल की थी। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए दो न्यायाधीशों की बेंच ने एएसआई के 5 सदस्यों की एक कमेटी गठित कर दो पिटीशनरो की मौजूदगी में पूरे मामले पर सर्वे कर बंद लिफाफे में रिपोर्ट 6 सप्ताह के अंदर पेश किए जाने की बात कही है।

जिसमें यह तय किया जाएगा कि भोजशाला पर आखिर अधिकार किसका हो, हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के वकील विष्णु शंकर जैन के माध्यम से दायर याचिका पर आए फैसले के बाद अब शहर के हिंदुओं में खुशी की लहर दौड़ गई। वे इस फैसले को अपनी बड़ी जीत बता रहे है।

याचिकाकर्ता अशोक जैन ने फैसले के बाद कहा कि हमने मांग की थी, कि यह मां सरस्वती का मंदिर है। भोजशाला में हिंदू समाज को पूरा समय दिया जाए। यह हमारा मंदिर है और सर्वे करेंगे तो सामने दिखेगा। ज्ञानवापी में तो खोदने के बाद मिला है यहां मां सरस्वती का मंदिर 1035 में राजा भोज ने निर्मित किया था। यह सब आज भी यहां मौजूद है। क्योंकि, समय के अनुसार आक्रांतोओं ने जिस प्रकार मंदिर को ध्वस्त किया था। यहां का मां सरस्वती का मंदिर भी ध्वस्त किया था बहुत सी चीज सामने दिख रही है। बहुत सी चीजें तो सामने दिखाई दे रही है और खुदाई करने पर भी बहुत कुछ निकलेगा। सर्वे का मतलब हमारी अभी जीत हो गई है और अब हमें मंदिर भी मिलेगा। यहां मां सरस्वती का भव्य मंदिर बनेगा, जिस प्रकार से राम मंदिर अयोध्या में बना है वैसा ही धार में मां सरस्वती का मंदिर बनेगा।

सर्वे की रिपोर्ट हाई कोर्ट के समक्ष रखी जाएगी

मामले को लेकर वकील श्रीश दुबे ने कहा कि गत कई वर्षों से हाईकोर्ट में कई याचिकाए लंबित थी। आज उनका फैसला हुआ। हिंदू समाज और भोज उत्सव समिति के नेतृत्व में आन्दोलन चल रहा था और यह हिंदू पक्ष की बहुत बड़ी जीत हुई। कार्यकर्ताओं में उत्साह है। एक अंतरिम आवेदन न्यायालय के समक्ष लगाया गया था। सर्वे की रिपोर्ट हाई कोर्ट के समक्ष रखी जाएगी। फिर तय किया जाएगा कि भौगोलिक स्थिति क्या थी। 19 जनवरी को विस्तृत तर्क हुआ उसके बाद हाई कोर्ट ने अपना अपना आदेश सुरक्षित रखा था। एक आदेश दिया है कि एएसआई के निर्देशन मे जिनके डायरेक्टर और जनरल है उनके नेतृत्व मे विस्तृव कमेटी 5 सदस्य की कमेटी बनेगी और वह 6 सप्ताह के अंदर पूरा सर्वे करवाकर यहां की सारी चीजों की विस्तृत रिपोर्ट बनाकर हाई कोर्ट के अंदर 6 सप्ताह के अंदर सबमिट करेंगे।

 

मुस्लिम समाज को फैसला मंजूर नहीं  

हाई कोर्ट के फैसले के बाद धार के शहर काजी वकार सादिक ने कहा कि कोर्ट ने जो आदेश दिया उसका सम्मान है और सम्मान के साथ हम यह कहना चाहते है कि जो आदेश दिया गया है वह मुस्लिम समाज को मंजूर नहीं है। जल्द ही हमारी कमेटी इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी। मैं आपको बताना चाहता हूं कि 1902-03 की ऑर्कोलाजिकल डिपार्टमेंट की सर्वे रिपोर्ट यहां मौजूद है, जिससे यह स्पष्ट तथ्य है कि यह कमाल मौलाना मस्जिद है। ऑर्कोलाजिकल डिपार्टमेंट ने इसका जवाब 1998 को प्रस्तुत कर दिया है और डिपार्टमेंट अपनी बात से पलट नहीं सकता।