आज आचार संहिता का दिन है…!

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आज आचार संहिता का दिन है…!

 

आज यानि 16 मार्च 2024 को आखिर आचार संहिता का दिन आ ही गया। लोकसभा चुनाव 2024 चुनाव की तारीखों की आज घोषणा हो जाएगी। तीसरी बार मोदी सरकार की राह लगभग साफ है। इंडी गठबंधन का हाल भी बदहाल हो गया है। मुख्य कर्ताधर्ता नीतिश कुमार अब मोदी के हो गए हैं। और यह कह चुके हैं कि अब अदलाबदली का खेल न खेलकर स्थायी रूप से एनडीए का हिस्सा बने रहेंगे। उधर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने इंडी गठबंधन के प्रति अपनी घृणा का इजहार खुलकर कर ही दिया है। बाकी जगह भी स्थितियां नाजुक ही हैं। ऐसे में अब चुनाव की तारीखों को देखकर स्थितियां पूरी तरह से साफ हो जाएंगी कि किस चरण में किसको कितनी बढ़त की गुंजाइश है। हर बूथ पर 370 वोट‌ बढ़ाने का लक्ष्य‌ पाने पर आमादा भाजपा 370 पार होकर एनडीए को चार सौ पार करेगी या इंडी गठबंधन कोई करिश्मा करने में सफल हो पाती है।

खैर मध्यप्रदेश में आचार संहिता से पहले तबादलों की लंबी सूचियां दिनभर माहौल को गरमाती‌ रहीं। इसी तरह के हालात दूसरे राज्यों में भी रहे होंगे। मध्यप्रदेश में आईएएस, आईपीएस सहित‌ सभी विभागों के आला अफसर इधर से उधर हो गए हैं। और आनन फानन में रिलीविंग और ज्वाइनिंग का दौर चल रहा है।‌ तो तीन दिन में मध्यप्रदेश सरकार ने कैबिनेट की दो बैठकों का आयोजन कर जनहितैषी और कर्मचारी हितैषी फैसलों पर मुहर लगाई है। मंत्रिपरिषद के निर्णयों पर प्रशासकीय स्वीकृति आदेश भी जारी हो गए हैं। सिंगरौली, श्योपुर, मंदसौर और नीमच चिकित्सा महाविद्यालय के लिए 1167 करोड़ 95 लाख रुपये की पुनरीक्षित स्वीकृति दे दी गई है। तो उज्जैन चिकित्सा महाविद्यालय के लिये 592 करोड़ 30 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। दतिया, खण्डवा, रतलाम, शहडोल, विदिशा, छिंदवाड़ा, शिवपुरी, सतना, राजगढ़, नीमच, मंदसौर, श्योपुर एवं सिंगरौली में 13 नर्सिंग कॉलेज के लिए 192 करोड़ 40 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। केन्द्र प्रवर्तित योजना के मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना के लिये 14.80 करोड़ प्रति नर्सिंग महाविद्यालय की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गयी है। 136 शव वाहन संचालन की स्वीकृति भी सरकार ने दी है।प्रदेश के समस्त जिलों में शव वाहन संचालित किये जाने का दायित्व नगरीय विकास एवं आवास विभाग के स्थान पर लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को संस्थागत मृत्यु हेतु शव वाहन का दायित्व सौंपा गया है। प्रदेश के समस्त 13 चिकित्सा महाविद्यालयों वाले जिलों में प्रारंभिक स्तर पर 4 तथा शेष अन्य 42 जिला चिकित्सालयों में 2 कुल 136 शव वाहन के लिए निविदा की स्वीकृति राज्य शासन द्वारा प्रदान की गयी है। शासकीय संस्था में मृत्यु उपरांत मृतक को निवास स्थल/श्मशान तक निःशुल्क परिवहन व्यवस्था शव वाहन द्वारा आउटसोर्स माध्यम से संचालित किये जाने के लिए निविदा आमंत्रित किए जाने की स्वीकृति दी गयी है। योजना के विभिन्न पहलुओं पर सुझाव देने के लिए चार सदस्यीय मंत्रि-परिषद उप-समिति गठन किये जाने का निर्णय लिया गया है। जिसमें उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल, मंत्री नगरीय विकास एवं आवास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा सहकारिता मंत्री सम्मिलित हैं। इसके साथ ही प्रदेश में एयर एम्बुलेंस की संचालन व्यवस्था और “मानक संचालन प्रक्रिया” को स्वीकृति प्रदान की गयी है। तो अंतिम कैबिनेट में मोहन सरकार ने स्वास्थ्य से लेकर श्मशान तक शव के नि:शुल्क परिवहन की पूरी व्यवस्था की है।

तो मध्यप्रदेश में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाले नेताओं का तांता लगा हुआ है। लग रहा है कि देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश कांग्रेस मुक्ति की दौड़ में बाजी मारने को उत्सुक है। जिस तरह हर दिन कांग्रेस के दिग्गज नेता भाजपा का दामन थाम रहे हैं, उससे लगता है कि मोदी का परिवार बनने की होड़ कांग्रेसी नेताओं में भी लगी है। हालांकि कांग्रेस में भी समर्पित नेताओं की कमी नहीं है। और ऐसे ही एक समर्पित कांग्रेस नेता चंद्रप्रभाष शेखर के निधन की खबर ने मध्यप्रदेश को दुःखी किया है। पूर्व मंत्री और मध्यप्रदेश कांग्रेस संगठन में प्रमुख भूमिका का निर्वहन करने वाले इंदौर के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चंद्रप्रभाष शेखर का 15 मार्च को निधन हो गया। श्री शेखर मध्यप्रदेश सरकार में गृह मंत्री तथा मध्यप्रदेश गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष रहे थे। उन्होंने इंदौर ही नहीं प्रदेश की राजनीति में संगठन की प्रमुख भूमिका में रहकर संगठन को पूरी सक्रियता के साथ मजबूती दिलाने का काम किया। पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय प्रकाशचंद सेठी, स्वर्गीय अर्जुनसिंह, स्वर्गीय श्यामाचरण शुक्ल, स्वर्गीय मोतीलाल वोरा और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह के मुख्यमंत्रित्वकाल में मंत्री के रूप में रहकर जनहित के लिए कार्य किये वहीं प्रदेश कांग्रेस में कमलनाथ के अध्यक्षीय कार्यकाल में पूरे समय प्रदेश कांग्रेस कमेटी में रहकर प्रदेश भर के कांग्रेसजनों से मेल-मुलाकात और उन्हें पार्टी हित में कार्य करने की प्रेरणा दी। एक उम्रदराज सक्रिय और समर्पित कार्यकर्ता की तस्वीर बनकर चंद्रप्रभाष शेखर उन कांग्रेस नेताओं को आइना दिखाते रहेंगे, जिन्हें पार्टी ने सब कुछ दिया और जो संकट की घड़ी में कांग्रेस से किनारा कर रहे हैं।

खैर 2024 का लोकसभा चुनाव देश को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है। अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को हुई भगवान राम के बाल स्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा से जहां सनातन का डंका बज रहा है, तो मोदी का जादू भी मतदाताओं के सिर चढ़कर बोल रहा है। फिर भी मतदाताओं का फैसला और समय, काल, परिस्थिति ही राजनीतिक दशा और दिशा तय‌ करेगी। आज आचार संहिता लगने का दिन है! इसके बाद काउंटडाउन शुरू हो जाएगा। मई का महीना मतदाताओं के मन की बात की गवाही देकर आगामी पांच साल के जनाधार पर मुहर लगाएगा

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