Police Flag March Took Place :आचार संहिता लागू, पुलिस का फ्लैग मार्च निकला, 4 ट्रक पोस्टर और होर्डिंग निकाले!
Indore : लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होते ही शहर में प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है। आगामी त्योहारों को ध्यान में रखते हुए पुलिस आयुक्त राकेश गुप्ता और कलेक्टर आशीष सिंह के मार्गदर्शन में शनिवार शाम मेगा फ्लैग मार्च निकाला। फ्लैग मार्च में सैकड़ों पुलिसकर्मी और वाहनों के साथ सायरन बजाते हुए चल रहे थे। पुलिस ने शहर में असामाजिक तत्वों और गुंडों की धरपकड़ भी शुरू कर दी। उधर नगर निगम ने भी सड़कों पर लगे नेताओं के बैनर-पोस्टर्स हटाए।
इस फ्लैग मार्च में एडिशनल कमिश्नर अमित सिंह सहित सभी डीसीपी, एसडीएम एडिशनल डीसीपी, एसीपी, थाना प्रभारियों, केंद्रीय सुरक्षा बलों की टुकड़ी और पुलिस फोर्स शामिल था। वाहनों के काफिले के साथ रीगल चौराहे से फ्लैग मार्च शुरू हुआ। शास्त्री ब्रिज के नीचे से राजकुमार ब्रिज, डीआरपी लाइन चौराहा, मरीमाता, बाणगंगा ब्रिज, लवकुश चौराहा, एम आर-10 चौराहा, बापट चौराहा, ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर, निरंजनपुर चौराहा, सत्यसांई चौराहा, विजयनगर चौराहा, रेडिसन चौराहा, खजराना चौराहा, बंगाली चौराहा, मूसाखेड़ी चौराहा, आईटी पार्क चौराहा, राजीव गांधी चौराहा, चोइथराम मंडी पहुंचा।
इसके बाद यह फ्लैग मार्च शहर के पश्चिमी भाग की तरफ बढ़ा और केसरबाग ब्रिज, चाणक्यपुरी चौराहा, अन्नपूर्णा मंदिर, रणजीत हनुमान मंदिर, फूटी कोठी चौराहा, चंदन नगर चौराहा, जिला अस्पताल, लाबरिया भेरू, गंगवाल बस स्टैंड, राजमोहल्ला चौराहा, अंतिम चौराहा, बड़ा गणपति, रामचंद्र नगर चौराहा, आरएपीटीसी आफिस, 72 क्वार्टर चौराहा, टाटा स्टील से रानी लक्ष्मीबाई प्रतिमा, महेश गार्ड, मरीमाता चौराहा, पोलोग्राउंड से अहिल्याश्रम स्कूल होते हुए डीआरपी लाइन पर समाप्त हुआ। इसके माध्यम से जनता को संदेश पहुंचाया गया कि निष्पक्ष चुनाव के लिए पुलिस उनके साथ है।
बैनर और होर्डिंग निकाले गए
नगर निगम के अमले ने एमजी रोड,राजवाड़ा,जवाहर मार्ग, श्रमिक क्षेत्र, एमआईजी मार्ग सहित अन्य क्षेत्रों में चार ट्रक से ज्यादा होर्डिंग, बैनर, पोस्टर निकाले। अब यदि सरकारी दीवारों और बिजली पोल पर राजनीतिक दलों के बैनर लगे पाए गए तो नगर निगम संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत कार्रवाई करेगा।
मंत्री, मेयर ने लौटाए सरकारी वाहन
आचार संहिता लगने के बाद मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, मंत्री तुलसी सिलावट ने सरकारी वाहन लौटा दिए। इसके अलावा मेयर ने भी शासकीय सुविधाएं वापस कर दी। महापौर परिषद सदस्यों ने भी सरकारी वाहन लौटा दिए। अब तीन माह तक महापौर परिषद की बैठक भी नहीं हो पाएगी।