Hearing Songs on Head Phones Increases Deafness : तेज आवाज में हेडफोन पर गाने सुनने से युवाओं में बहरापन!
Indore : बदलती जीवनशैली और जागरूकता की कमी के कारण अब कम उम्र में ही लोगों को वह बीमारियां भी होने लगी है, जो एक उम्र के बाद देखने को मिलती थी। ईयरफोन का अधिक उपयोग और किसी भी चीज से कान को साफ करने के कारण अब कम उम्र में कम सुनाई देने की समस्या देखने को मिल रही है।
एमवाय अस्पताल ओपीडी में रोजाना 80 से अधिक मरीज अपनी कान की समस्याओं को लेकर आते हैं। इसमें कम सुनाई देना, पानी बहना, इंफेक्शन आदि समस्या है। इनमें करीब 20 प्रतिशत बच्चे और 40 प्रतिशत युवा शामिल है। यह काफी चिंताजनक स्थिति है। विशेषज्ञों के मुताबिक कम सुनाई देने या बहरेपन की समस्या पिछले एक दशक में काफी तेजी से बढ़ती देखी गई है। आश्चर्यजनक रूप से बच्चों-युवाओं में इसका जोखिम तेजी से बढ़ा है। 60 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग 30% लोगों में सुनने की क्षमता कम होने लगती है, हालांकि जिस प्रकार से कम उम्र के लोगों में इसका जोखिम देखा जा रहा है वह काफी चिंताजनक स्थिति है।
यह है इसके मुख्य कारण
विशेषज्ञों के मुताबिक बार-बार तेज आवाज के संपर्क में आने से कानों को होने वाली क्षति प्रमुख है। ईयरफोन-हेडफोन या फिर लाउडस्पीकर-साउंड की तेज आवाज के संपर्क में रहना आपके लिए हानिकारक हो सकता है। युवाओं में ईयरफोन-हेडफोन का इस्तेमाल अधिक देखा जा रहा है जो कानों के लिए गंभीर समस्या कारक है। ईयरफोन-हेडफोन की ध्वनि जितनी तेज होगी, श्रवण हानि होने का खतरा उतना अधिक हो सकता है। इन उपकरणों का एक्सपोजर जितना लंबा होगा, बहरेपन का जोखिम भी उतना अधिक बढ़ जाता है। इन उपकरणों का इस्तेमाल या तो बहुत कम करें या फिर आवाज को बिल्कुल कम रखें।
– अस्पतालों में हर वर्ष बढ़ रही मरीजों की संख्या
– मरीजों में 20 प्रतिशत बच्चों की संख्या
– 30 प्रतिशत युवा मरीज आ रहे अस्पतालों में
– पब कल्चर के कारण तेज आवाज बन रही परेशानी
सर्दी-खांसी होने पर न बरतें लापरवाही
एमजीएम मेडिकल कालेज की नाक-कान-गला रोग विभागाध्यक्ष डॉ यामिनी गुप्ता ने बताया कि सर्दी-खांसी में लापरवाही नहीं बरतना चाहिए। इससे कान से जुड़ी समस्या भी हो सकती है। इसके कारण कान में इंफेक्शन हो सकता है, जिससे पानी बहने की समस्या होने लगती है। अस्पताल ओपीडी में हर वर्ष कान से जुड़ी समस्या के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसमें बच्चे और युवा भी शामिल है।
कानों को न करें साफ
ईएनटी विशेषज्ञ डॉ अरविंद किंगर ने बताया कि कई लोग कान को साफ करने के लिए लोहे की वस्तु का भी इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। कान को साफ करने की आवश्यकता ही नहीं है, वह ऐसे ही साफ हो जाते हैं। लेकिन इसके बाद भी तकलीफ हो रही है तो विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए। इंदौर में पब कल्चर बढ़ गया है, यहां तेज आवाज में साउंड बजता है। जिसके कारण कम सुनाई देने की समस्या युवाओं में बढ़ने लगी है।