Excise Sub Inspector Transfer : आबकारी आयुक्त के 6 तबादला आदेश चर्चा का विषय बने!
Bhopal : लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले प्रदेश में चुनाव आयोग के निर्देश और प्रशासनिक आवश्यकताओं को देखते हुए कलेक्टर, एसपी समेत कई विभागों में ट्रांसफर किए गए। ये सभी ट्रांसफर मुख्यमंत्री समन्वय (Chief Minister Coordination) में किए गए। किसी भी विभाग प्रमुख ने अपनी तरफ से कोई तबादला आदेश नहीं निकाला। लेकिन, आबकारी आयुक्त ने सहायक आबकारी अधिकारी, आबकारी उपनिरीक्षकों और आरक्षक के तबादले अपने आदेश से कर दिए। उनके ये आदेश विभाग में चर्चा का विषय बने हैं।
आबकारी विभाग में एक जिले से दूसरे जिले में पदस्थ करना या संभाग से बाहर तबादला करना मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री के अधीन आता है। जब प्रदेश सरकार ने तबादलों पर से बैन हटाया हो, तभी विभाग प्रमुख विभागीय मंत्री की अनुशंसा से तबादला आदेश निकाल सकते हैं। लेकिन, आबकारी आयुक्त ने प्रशासनिक आधार पर चुनाव की आड़ में इन आबकारी अधिकारियों को एक जिले से दूसरे जिले में पदस्थ कर दिया।
आबकारी आयुक्त ने मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री को ताक में रखकर धार में पदस्थ आबकारी उपनिरीक्षक विवेक त्रिपाठी को जिला रायसेन में पदस्थ कर दिया। यह सिर्फ जिले ही नहीं, संभाग से भी बाहर पदस्थ करने का आदेश था। इसी प्रकार आबकारी उपनिरीक्षक अनिरूध्द खानवलकर को पहले दतिया से मुरैना पदस्थ किया और बाद में इस आदेश को निरस्त करते हुए उन्हें वापस दतिया पदस्थ कर दिया। आबकारी मुख्यालय में पदस्थ सहायक आबकारी अधिकारी एससी सेमिल का तबादला भिंड कर दिया। वहीं भोपाल जिले में पदस्थ आबकारी उपनिरीक्षक पूजा राठौर को मुरैना में पदस्थ कर दिया। मंदसौर में पदस्थ आबकारी उपनिरीक्षक वैभव ठाकुर को ब़ड़वानी पदस्थ करने का आदेश निकाला गया। इसके अलावा दो भंडार प्रभारी के भी तबादले किए गए।
इस तरह के निकले आदेश से आबकारी विभाग में खासी चर्चा है कि क्या आबकारी उपनिरीक्षक अपनी मर्जी से जिस जिले में चाहते हैं वहां पदस्थ हो सकते हैं? आबकारी आयुक्त को जिले में ही प्रशासकीय आधार पर तबादले के अधिकार हैं। कई जिले ऐसे हैं जहां कलेक्टर द्वारा मांग भी की गई है कि उन्हें आबकारी उपनिरीक्षक की आवश्यकता है, लेकिन इसके बाद भी उन जिलों में तबादले नहीं किए गए।