Loksabha Elections: राजस्थान में घमासान शुरु,कई रोचक मुकाबले,कांग्रेस के घोषित उम्मीदवार ने टिकट लौटाया!
गोपेन्द्र नाथ भट्ट की विशेष राजनीतिक रिपोर्ट
देश की सबसे बड़ी पंचायत लोकसभा के चुनाव को लेकर घमासान शुरु हो चुका है। भौगोलिक दृष्टि से देश के सबसे बड़े प्रदेश राजस्थान के रण में लोकसभा चुनाव के कारण सियासत की राजनीति इन दिनों परवान पर चढ़ी हुई है। प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए प्रथम चरण में 19 अप्रेल को 12 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए नामांकन की अन्तिम तिथि बुधवार को भाजपा और कांग्रेस तथा अन्य 131 उम्मीदवारों ने 179 नामांकन पत्र भरे है । इस मध्य दूसरे चरण में 26 अप्रेल को प्रदेश की 13 लोकसभा सीटों पर होने वाले चुनावों में से एक राजसमंद लोकसभा सीट से कांग्रेस के घोषित उम्मीदवार सुदर्शन सिंह रावत ने चुनाव लड़ने से इंकार करते हुए पार्टी को अपना टिकट लौटा दिया है।
इस बार यह देखना दिलचस्प होंगा कि रेगिस्तान प्रधान राजस्थान में इस बार ऊंट किस करवट बैठेगा? राजस्थान की कई हॉट सीटों पर जोरदार मुकाबला होने की उम्मीद है। सबकी नजरें इन हॉट सीटों के मुकाबले पर टिकी हुई है। दरअसल प्रदेश के दिग्गजों के चुनावी रण में कूदने से और अन्य सियासी कारणों के कारण इन सीटों की जंग की चर्चा हर जुबां पर हो रही है। सबसे ज्यादा चर्चा नागौर, बीकानेर, चूरु, जोधपुर,बाडमेर और जालौर जैसी सीटों की हो रही है।
फिलहाल नामांकन का मेला थमा है।राजस्थान में इस बार चुनाव एक तरफा होता नहीं दिख रहा लगातार दो चुनाव में शून्य पर रहने वाली कांग्रेस इस बार कईं सीटों पर भाजपा को जोरदार टक्कर देती दिख रही है लिहाजा इस बार चुनाव बेहद रोचक होता दिख रहा है। प्रदेश की करीब आधा दर्जन सीटें ऐसी है जहां इस बार बेहद रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा। इन सीटों पर सभी की नजरें टिकी हुई है। यहां भीतरघात का खतरा भी बताया जा रहा है। दोनों ही दलों ने इन सीटों पर जीत के लिए पूरी ताकत भी झोंक दी है। अब नतीजे क्या होंगे यह तो 4 जून को ही पता लगेगा।
इस मध्य सबसे गर्मागर्म खबर यह है कि राजसमंद लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार सुदर्शन सिंह रावत ने चुनाव लड़ने के इनकार कर दिया है और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को पत्र लिख कर पार्टी को टिकट लौटा दिया है।
उन्होंने पत्र में लिखा कि मुझे 2018 में कांग्रेस पार्टी ने प्रत्याशी के तौर पर भीम देवगढ़ से विधानसभा चुनाव लडने का अवसर दिया एवं भीम देवगढ़ की जनता ने 15 साल के कुशासन से त्रस्त होकर मुझे सुशासन एवं विकास की आशा के साथ राजस्थान की विधानसभा में भेजा तथा विकास के नए आयाम स्थापित किए । इन सबके उपरान्त गत विधानसभा चुनावों से पूर्व मेवाड के राजनीतिक परिदृश्य को बदलने वाले घटनाक्रमों के कारण परिणाम अनुकूल नही रहे। हमें पराजय का सामना करना पड़ा।हमने जनता के जनादेश को स्वीकार किया। तत्पश्चात विगत एक माह में लोकसभा चुनाव की रायशुमारी व चर्चा के दौरान मेंने कई बार प्रदेश के सभी शीर्ष नेताओं को लोकसभा चुनाव लडने में असमर्थता जताई क्योंकि यह मेरी व्यक्तिगत राय थी कि ऐतिहासिक विकास कार्यों के बावजूद गत विधानसभा चुनाव की पराजय के मात्र चार माह बाद मुझे यह नैतिक अधिकार नही एवं तर्कसंगत भी नहीं की में लोकसभा चुनाव लडू न इसको लेकर मैंने कोई रणनीति तैयारी की। मेरे विदेश में व्यापार के सिलसिले में अगले दो माह तक विदेश दौरे रहने का कार्यक्रम था। अतः किसी युवा एवं इच्छुक व्यक्ति को मौका देकर उम्मीदवार बनाया जाये परन्तु मेवाड़ के एक शीर्ष नेता द्वारा पार्टी नेतृत्व को अन्धेरे में रखकर मेरी अगले दो माह विदेश दौरे पर होने एवं बार-बार असहमति जताने के बावजूद मेरा नाम प्रस्तावित किया गया जो कि उचित नही है। 25 मार्च की शाम को मुझे सोशल मीडिया के द्वारा मेरे उम्मीदवार घोषित होने की खबर मिली जो कि मेरे लिये आश्चर्य का विषय थी । मेरी पुनः कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से अनुरोध है कि मेरी जगह किसी योग्य एवं इच्छुक उम्मीदवार को मौका दिया जाये. मेरे इस कदम से मेरे समर्थको, शुभचिन्तकों एवं पार्टी नेतृत्व की भावना को ठेस पहुंची हुई होगी इस हेतु में सभी का क्षमा प्रार्थी हूं।
लोकसभा चुनाव के मध्य भाजपा ने राजस्थान में 40 स्टार प्रचारकों की सूची की जारी की है। सूची में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश के मुख्य मंत्री भजनलाल शर्मा, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी,राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओम माथुर, प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे, सह प्रभारी विजया रहाटकर एवं प्रवेश वर्मा,पूर्व प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़,उप नेता डॉ.सतीश पूनिया, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी,कृष्ण पाल सिंह गुर्जर, पुरुषोत्तम रुपाला, संजीव बालियान,उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, महाराष्ट्र उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भाजपा नेता मनोज तिवारी, अलका सिंह गुर्जर, पूर्व मंत्री डॉ.किरोड़ीलाल मीणा, सांसद घनश्याम तिवारी, राजेंद्र गहलोत, कनकमल कटारा,पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी, उप मुख्य मंत्री दीया कुमारी, डॉ.प्रेमचंद बैरवा, मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, विधायक बाबा बालकनाथ आदि स्टार प्रचारक होंगे।
देखना है कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेताओं की एक माह के सघन चुनावी दौरों के बाद राजस्थान में ऊंट किस करवट बैठेगा?