पंचायत चुनावों में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण का खत्म होना मध्यप्रदेश की राजनीति में प्रभावी मुद्दा बनने जा रहा है। आज से मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। सत्र में सरकार और विपक्ष पिछड़ा वर्ग के मुद्दे पर भी आमने-सामने होंगे। मध्यप्रदेश में भाजपा संगठन और सरकार में पिछड़ा वर्ग का बड़ा चेहरा नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह के आवास पर पिछड़ा वर्ग नेताओं की इस मुद्दे पर बड़ी बैठक रविवार को हुई। हमने सीधी बात की मंत्री भूपेन्द्र सिंह से।
– नौकरियों में आरक्षण को लेकर सरकार ने पिछड़ा वर्ग की एक लड़ाई जीती थी और पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग का आरक्षण खत्म होना क्या दूसरी बड़ी लड़ाई की शुरुआत है?
– पंचायत चुनावों में भाजपा ने तो आरक्षण दिया ही था लेकिन कांग्रेस ने उस पर रोक लगवा दी है। अब जो भी वैधानिक और संवैधानिक स्थिति बनी है, उस पर सरकार जो भी कर सकती है वह करेगी। आरक्षण हमने दिया था, कांग्रेस ने इसे खत्म करवाकर अपना असली चेहरा उजागर कर दिया है।
– अब पिछड़ा वर्ग को लेकर एक बार फिर भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने हैं?
– भाजपा ने हमेशा पिछड़ा वर्ग और अन्य सभी वर्गों का ख्याल रखा है। पंचायत चुनाव में याचिका लगाकर कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग आरक्षण खत्म करवाया है। कांग्रेस कटघरे में है। हमने आरक्षण दिया था और कांग्रेस ने इसे रोककर आत्महत्या की है। कांग्रेस को ही पुनर्जीवन चाहिए।
– सोमवार से विधानसभा का शीतकालीन सत्र है। क्या मुद्दे रहेंगे और क्या तैयारी है?
– सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर से बचाव की पूरी तैयारी की है। विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, जिस पर वह सरकार को घेरने की कोशिश कर सके। लॉ एंड आर्डर में सरकार ने भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू किया है। इससे कानून-व्यवस्था में और सुधार होगा। सड़क, बिजली, सिंचाई के क्षेत्र में लगातार काम चल रहा है। गरीब कल्याण की योजनाओं का लाभ सभी को मिल सके, इस पर सरकार लगातार काम कर रही है। बिरसा मुंडा की जयंती के साथ ही आदिवासी सम्मान का काम भाजपा सरकार ने ही किया है।
– पंचायत चुनाव को लेकर अब सरकार क्या करने जा रही है?
– पंचायत चुनाव को लेकर अब जो भी करना है, सुप्रीम कोर्ट को ही करना है। निर्वाचन आयोग को भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना है। यह विधिक स्थिति से साफ होगा कि सरकार आगे क्या वैधानिक कदम उठा सकती है। ओबीसी संगठन के लोग इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं। जो भी फैसला होना है, वह कोर्ट से ही होगा।
– आगे नगरीय निकाय चुनाव को लेकर भी सरकार क्या करने जा रही है?
– नगरीय निकाय चुनाव को लेकर सरकार पूरी तरह से तैयार है। सरकार चाहती है कि शीघ्र चुनाव हों। जनता के प्रतिनिधि चुने जाएं और स्थानीय समस्याओं का ठीक ढंग से निराकरण संभव हो। मेरा मत है कि ओबीसी को चुनावों में आरक्षण मिलना चाहिए।
– ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया को लेकर क्या सोचते हैं?
– ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया इतनी जल्दी पूरी नहीं हो सकती है। फिलहाल चुनाव प्रक्रिया में कई तरह की विसंगतियां हैं। अभी चुनाव होंगे तो परिणाम घोषित नहीं होंगे। लंबे समय तक आचार संहिता लगी रहेगी, तो विकास कार्य प्रभावित होंगे।
– आज आपने पिछड़ा वर्ग नेताओं के साथ बैठक की थी। क्या चर्चा हुई है।
– यह विचार हुआ है कि पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार दृढ़ संकल्पित है।पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण पर रोक के लिए कांग्रेस और उसके राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा दोषी हैं। राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के सभी पहलुओं का अध्ययन कर रही है।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पिछड़ा वर्ग के हितों की दिशा में प्रयासों के प्रति सभी ने विश्वास प्रकट किया है।
– पिछड़ा वर्ग का मुद्दा 2023 विधानसभा चुनाव में भी प्रभावी रहेगा?
– 2023 विधानसभा चुनाव के लिए हम लोग पूरी तरह से तैयार हैं। जिस तरह सेमीफाइनल में सफल हुए हैं, उसी तरह फाइनल में भी पूरी तैयारी के साथ विजय हासिल करेंगे। पिछड़ा वर्ग का मतदाता कांग्रेस को स्थानीय चुनाव में आरक्षण खत्म करवाने के गुनाह की सजा 2023 विधानसभा चुनाव में भी देगा।