11th Day of Bhojshala Survey : टीम के नए सदस्यों के साथ 11वें दिन का सर्वे शुरू!
धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट
Dhar : हाई कोर्ट के निर्देश पर भोजशाला में चल रहे सर्वे के लिए एएसआई की टीम आधुनिक उपकरणों के साथ 11वें दिन भोजशाला पहुंची। हिंदूपक्ष की ओर से गोपाल शर्मा और आशीष गोयल के अलावा मुस्लिम पक्ष की ओर से अब्दुल समद भी दाखिल हुए। आज भी हिंदू पक्ष के आशीष गोयल ने मीडिया से बात की, लेकिन उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी। वे पहले दिन दी बातों को ही रिपीट करते आ रहे हैं। मुस्लिम पक्ष के प्रतिनिधि अब्दुल समद ने कहा कि आज हमारी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होना है और हमारी मांग यह है की भोजशाला का टाइटल डिसाइड हो, ताकि हिंदुओं की तरह मुसलमानों को भी इसमें अधिकार मिले।
सर्वे टीम ने रविवार को अपना सर्वे कार्य सुबह 6 बजे प्रारंभ कर दिया था और दोपहर को समाप्त कर दिया। भोजशाला मे चल रहे इस सर्वे पर पूरे देश की निगाह होने के कारण मुख्यालय द्वारा अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है की सर्वे की कोई भी जानकारी बाहर नहीं आए। हिंदू और मुस्लिम पक्ष के प्रतिनिधियों को भी इस बारे में हिदायत दी गई है कि वे अंदर की कोई बात बाहर न करें। मोबाइल ले जाने पर रोक होने से अंदर के कोई चित्र या जानकारी भी बाहर नहीं आ पा रही है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
आज के दिन की प्रमुख बात यह है कि मुस्लिम पक्ष की उस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होना है जो एएसआई सर्वे रोकने के लिए दायर की गई थी। कोर्ट ने 22 मार्च को दायर की गई इस याचिका पर तत्काल सुनवाई करने या सर्वे पर रोक से इनकार करते हुए 1 अप्रैल को सुनवाई करने का कहा था। मुस्लिमों की और से वकील सलमान ख़ुर्शीद है। आज सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर सभी की नजरें हैं।
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नींव का अंतिम छोर नही मिला
भोजशाला के पिछले हिस्से में खुदाई कर भोजशाला की नींव को भी परखा जा रहा है। किंतु 10-12 फीट खुदाई के बाद भी नींव का अंतिम छोर सर्वे टीम को नहीं मिला। वही भोजशाला इमारत के नीचे कोई तलघर या कोई स्ट्रक्चर होने की संभावना भी व्यक्त की जा रही है। परंतु यह तभी स्पष्ट होगा जब जांच आगे बढ़ेगी।
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हवन कुंड और छत पर सर्वे
एएसआई की एक टीम ने भोजशाला परिसर में मौजूद हवन कुंड की भी जांच की। मंगलवार को होने वाले सत्याग्रह के दौरान भी इसी कुंड में आहुति दी जाती है। ऐसे में टीम के सदस्यों ने कई तकनीकों का उपयोग करते हुए सर्वे किया। साथ ही भोजशाला की छत पर भी एएसआई की सर्वे टीम पहुंची और वहा भी निरीक्षण किया गया।
अब तक सर्वे में कुछ हुआ
भोजशाला के दक्षिण भाग में एक नए स्थान पर खुदाई शुरू की गई। इसके साथ ही 50 मीटर के क्षेत्र को फोकस करते हुए विभिन्न स्थलों का दस्तावेजीकरण भी किया गया। जिस तरह कार्य चल रहा है, उससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह काम लंबे समय तक चलेगा। जीपीआर के माध्यम से अन्य स्थानों पर भी खुदाई की तैयारी की जा रही है। इसके लिए रडार से जानकारियां हासिल कर ली गई हैं।
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ज्ञानवापी सर्वे से जुड़े सदस्य शामिल
उल्लेखनीय है कि वाराणसी के ज्ञानवापी की तर्ज पर भोजशाला का सर्वे कार्य 22 मार्च से किया जा रहा है। ज्ञानवापी में जिन सात विशेषज्ञों ने काम किया था, वे भी यहां पहुंच चुके हैं और अपना कार्य शुरू कर दिया। हिंदुओं के मुताबिक भोजशाला सरस्वती देवी का मंदिर है। जबकि, मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यह मौलाना कमालुद्दीन की मजार बनाई थी। बताया जाता है कि अंग्रेज अधिकारी यहां रखी वाग्देवी की मूर्ति को लंदन ले गए थे।
टीम के सदस्य बढ़े, 8 नए सदस्य
सर्वे टीम में एएसआई के 24 सदस्य हैं। टीम के 8 नए सदस्य दक्षिण भारत से विशेष रूप से सर्वे में भाग लेने के लिए भोजशाला पहुंचे। इन सदस्यों की संख्या बढ़ने से सर्वे का दायरा भी बढ़ाया गया। 50 मीटर के दायरे के साथ ही छत पर भी टीम ने सर्वे किया। इस दौरान टीम ने भोजशाला के पीछे स्थित पेड़ों पर भी मार्किंग की। साथ ही आबकारी रोड़ से भोजशाला का लेआउट भी लिया गया। टीम के सदस्यों सुबह आधुनिक उपकरण लेकर भोजशाला के पिछले हिस्से में पहुंचे। टीम के सदस्यों ने यहां मेजरमेंट भी देखा।