पहले चरण की 6 सीटों पर रोचक मुकाबला, कमलनाथ की प्रतिष्ठा दांव पर, पूर्व केंद्रीय मंत्री कुलस्ते का भाग्य भी तय करेंगे मतदाता

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पहले चरण की 6 सीटों पर रोचक मुकाबला, कमलनाथ की प्रतिष्ठा दांव पर, पूर्व केंद्रीय मंत्री कुलस्ते का भाग्य भी तय करेंगे मतदाता

भोपाल: लोकसभा चुनाव के पहले चरण में आज एमपी में 6 सीटों पर मतदान हुआ।

जानिए इन सभी 6 सीटों की जानकारी-

सीधी-

कांग्रेस – कमलेश्वर पटेल
भाजपा – डॉ. राजेश मिश्रा
गोगंपा- अजय प्रताप सिंह

शहडोल-

कांग्रेस – फुंदेलाल मार्को
भाजपा – हिमाद्री सिंह

मंडला-

कांग्रेस- ओमकार सिंह मरकाम
भाजपा- फग्गन सिंह कुलस्ते

बालाघाट-

कांग्रेस- सम्राट सरस्वार
भाजपा- भारती पारधी
बसपा- कंकर मुजारे

छिंदवाड़ा-

कांग्रेस- नकुलनाथ
भाजपा- विवेक साहू बंटी

जबलपुर-

कांग्रेस – दिनेश यादव
भाजपा – आशीष दुबे

मध्य प्रदेश में पहले चरण के मतदान में 6 लोकसभा सीटों पर मतदान आज हुआ। इन सभी सीटों पर रोचक मुकाबला हो रहा है। दो सीटों पर त्रिकोणीय संघर्ष के आसार नजर आ रहे हैं। वहीं कमलनाथ और फग्गन सिंह कुलस्ते जैसे दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है।

हालांकि कमलनाथ चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, उनके बेटे नकुल नाथ चुनाव मैदान में हैं, फिर भी प्रतिष्ठा कमलनाथ की ही दांव पर मानी जा रही है। सीधी में कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य कमलेश्वर पटेल और मंडला में कांग्रेस चुनाव समिति के सदस्य ओमकार सिंह मरकाम का भविष्य दांव पर लगा हुआ है।

छिंदवाड़ा-

यहां पर भाजपा और कांग्रेस में सीधा मुकाबाल है, लेकिन यह सीट देश की हॉट सीटों में शुमार है। इस सीट पर कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ कांग्रेस से उम्मीदवार हैं वहीं भाजपा ने विवेक साहू बंटी को चुनाव प्रचार में उतार है। यहां पर चुनाव के दौरान कई मामले सामने आए, जिसमें वीडियो क्लिप की भी एंट्री हुई। पुलिस एफआईआर तक हुई। यानि जीत के लिए दोनों ही दलों ने हर दांव-पेंच यहां पर लगा दिए हैं।

बालाघाट-

इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है। यहां पर भाजपा ने एक पार्षद को सीधे लोकसभा चुनाव में उतार दिया। भारती पारधी भाजपा उम्मीदवार हैं, वहीं सम्राट सरस्वार कांग्रेस उम्मीदवार हैं। पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ कर यहां का मुकाबला रोचक के साथ ही त्रिकोणीय करने का प्रयास किया है। खासबात यह है कि कंकर मुंजारे की पत्नी अनुभा मुंजारे कांग्रेस से विधायक हैं।

मंडला-

यह सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इस सीट पर भाजपा के केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते की प्रतिष्ठा दांव पर हैं। वे हाल ही में हुए विधानसभा का चुनाव निवास सीट से हार गए थे। वहीं कांग्रेस ने भी ऐसे नेता को टिकट दिया है जो पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य हैं, यानि उन्होंने यह तय किया है कि देश में कांग्रेस के टिकट पर कौन कहां से चुनाव लड़ेगा। राहुल गांधी के भी करीबी माने जाते हैं।

शहडोल-

यहां पर चुनाव भाजपा और कांग्रेस में सीधा हैं। भाजपा ने सांसद हिमाद्री सिंह को ही टिकट दिया है। हिमाद्री सिंह पहले कांग्रेस में ही थी, बाद में वे भाजपा में आई थी। इधर कांग्रेस ने पुष्पराजगढ़ से विधायक फुंदेलाल मार्को को उम्मीदवार बनाया है। यह भी अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित सीट है। इस सीट पर कांग्रेस आखिरी बार 2009 का लोकसभा चुनाव जीती थी।

जबलपुर-

यह सीट भाजपा का गढ़ बन चुकी है। इस सीट पर कांग्रेस पिछले 28 साल से चुनाव नहीं जीत सकी है। यहां पर आखिरी बार कांग्रेस ने चुनाव 1991 में जीता था। अगला चुनाव 1996 में हुआ तब से कांग्रेस लगातार हार रही है। यहां पर रामेश्वर नीखरा और विवेक तन्खा जैसे दिग्गज नेताओं को भी कांग्रेस उतार चुकी लेकिन जीत नहीं मिल सकी। इस बार कांग्रेस ने यहां पर खासी दम लगाई है।

सीधी-

इस सीट पर इस बार भाजपा और कांग्रेस ने नए चेहरों पर दांव लगाया है। यहां की सांसद रीति पाठक अब विधायक हो चुकी है, इसलिए भाजपा ने यहां से राजेश मिश्रा को टिकट दिया है। कांग्रेस ने अपनी वर्किंग कमेटी के सदस्य कमलेश्वर पटेल को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट से कमलेश्वर पटेल के पिता इंद्रजीत पटेल पूर्व में चुनाव हार चुके हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह भी इस सीट से चुनाव हार चुके हैं। यहां पर भाजपा से बगावत कर उसके पूर्व राज्यसभा सदस्य अजय प्रताप सिंह गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से उम्मीदवार हैं। इसलिए यह चुनाव रोचक हो गया है।