Dangers of Corona Vaccine : कंपनी ने कोरोना वैक्सीन के दुष्प्रभाव की बात मानी, बताया इस बीमारी का खतरा!
New Delhi : कोरोना महामारी से बचाव के लिए दुनियाभर में बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन हुआ। कोरोना कि वैक्सीन को लेकर सवाल भी उठते रहे। इस बीच फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने यह स्वीकार किया है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन का दुष्प्रभाव हो सकता है। इसकी वजह से शरीर में खून के थक्के बन सकते हैं। कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कोरोना वैक्सीन के दुष्प्रभाव की बात मानी और हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बताया। कोवीशील्ड वैक्सीन एस्ट्राजेनेका का हिस्सा है। यूके अदालत में चले एक मामले में कोर्ट में कंपनी ने अपने दस्तावेजों में यह माना है। लंदन के समाचार पत्र ‘द टेलीग्राफ’ की एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है।
कोरोना महामारी को पुरी दुनिया ने झेला था। इस बीमारी से बचाव के लिए बड़े स्तर पर टीकाकरण हुआ। अरबों लोगोंं को कोविड वैक्सीन लगी। इस बीच वैक्सीन के दुष्प्रभाव की बात अब सामने आ गई। फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने यह स्वीकार किया कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन एक दुर्लभ दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है, जिसे थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) के रूप में जाना जाता है। टीटीएस की वजह से शरीर में खून के थक्के बन जाते हैं। जिस कारण हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक आ सकता है।
फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी में वैक्सीन विकसित की। कंपनी कोर्ट में एक मुकदमे का सामना कर रही थी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उनके टीके के गंभीर दुष्प्रभाव हैं और इससे मौत का खतरा है। ‘द टेलीग्राफ’ की रिपोर्ट में कहा गया कि दो बच्चों के पिता एमी स्कॉट ने पिछले साल कोर्ट में मुकदमा दायर किया था।
उन्होंने आरोप लगाया था कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लेने के बाद उनके शरीर में खून का थक्का जम गया था, जिससे वह काम करने में असमर्थ हो गए थे। अप्रैल 2021 में टीका लगने के बाद उन्हें मस्तिष्क में स्थायी चोट लग गई थी। दिमाग में यह चोट खून का थक्का यानी ब्लड क्लॉट की वजह से हुई थी। रिपोर्ट के अनुसार, उच्च न्यायालय में इस तरह के 51 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें पीड़ितों ने मुआवजे के रूप में 100 मिलियन पाउंड तक की अनुमानित क्षति की मांग की है।
कंपनी ने मई 2023 में स्कॉट के वकीलों से कहा था कि वे यह स्वीकार नहीं करते हैं कि टीटीएस सामान्य स्तर पर वैक्सीन के कारण होता है। हालांकि, फरवरी में उच्च न्यायालय को सौंपे गए कानूनी दस्तावेज में एस्ट्राज़ेनेका ने कहा कि उनकी वैक्सीन कुछ मामलों में टीटीएस का कारण बन सकती है। कोवीशील्ड वैक्सीन एस्ट्राजेनेका का हिस्सा है। एस्ट्राजेनेका ने भारत सरकार को वैक्सीन की आपूर्ति के लिए दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के साथ भी साझेदारी की थी। भारत में भी इस वैक्सीन से लोगों का टीकाकरण हुआ है। टीटीएस की वजह से शरीर में खून के थक्के बनने लग जाते हैं। यह ब्लड क्लॉट अगर हार्ट में होता है तो हार्ट अटैक आ सकता है। अगर क्लॉट ब्रेन में होता है तो ब्रेन स्ट्रोक आने का खतरा oरहता है।