यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः…
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः ।। मनुस्मृति 3/56।।
यानि जहाँ स्त्रियों की पूजा होती है वहाँ देवता निवास करते हैं और जहाँ स्त्रियों की पूजा नही होती है, उनका सम्मान नहीं होता है वहाँ किये गये समस्त अच्छे कर्म निष्फल हो जाते हैं।
शोचन्ति जामयो यत्र विनश्यत्याशु तत्कुलम् । न शोचन्ति तु यत्रैता वर्धते तद्धि सर्वदा ।। मनुस्मृति 3/57।।
यानि जिस कुल में स्त्रियाँ कष्ट भोगती हैं ,वह कुल शीघ्र ही नष्ट हो जाता है और जहाँ स्त्रियाँ प्रसन्न रहती है वह कुल सदैव फलता फूलता और समृद्ध रहता है । (परिवार की पुत्रियों, बधुओं, नवविवाहिताओं आदि जैसे निकट संबंधिनियों को ‘जामि’ कहा गया है ।)
मनु स्मृति के यह दो श्लोक हमें नारी सम्मान की महत्ता और उसके प्रतिफल से परिचित कराते हैं। संदर्भ मध्यप्रदेश में चल रहे ‘इमरती’ प्रसंग का ही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के एक बयान ने चुनावी माहौल में उबाल ला दिया है।
ग्वालियर-चंबल से वायरल हुए सोलह सेकंड के वीडियो में जीतू पटवारी पर शब्दों की मर्यादा को लांघने का आरोप है। 16 सेकंड के वायरल वीडियो में बीजेपी महिला नेत्री पूर्व मंत्री इमरती देवी के बारे में जीतू पटवारी बोले कि अब इमरती जी का रस खत्म हो गया है। ग्वालियर पहुंचे जीतू पटवारी से मीडिया कर्मियों ने बीते दिनों इमरती देवी के वायरल हुए ऑडियो के बारे में सवाल पूछा था। क्या इमरती देवी कांग्रेस प्रत्याशियों की मदद कर रही हैं? जवाब में हंसते हुए जीतू पटवारी बोले अब इमरती जी का रस खत्म हो गया है ? अब यह तो सरासर अन्याय है। एक तो जिस वीडियो की बात हो रही थी, उसमें इमरती देवी पर कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में काम करने का आरोप था। अच्छा होता कि पटवारी इमरती पर भाजपा में हुए अन्याय की बात करते। उसकी जगह जीतू पटवारी ने खुद और कांग्रेस पर ही जुल्म ढा दिया। और महिलाओं के प्रति सम्मान का भाव न रखने के आरोप को कथित तौर पर प्रमाणित करते नजर आए। हालांकि जब ध्यान दिलाया गया तो जीतू पटवारी बैकफुट पर आ गए। उन्होंने सफाई दी कि मेरे एक बयान को तोड़मरोड़ कर, गलत संदर्भ में प्रस्तुत किया जा रहा है। मेरी मंशा सिर्फ सवाल के जवाब को टालने की थी। श्रीमती इमरती जी मेरी बड़ी बहन जैसी हैं और बड़ी बहन मां के समान होती है। यदि फिर भी किसी को ठेस पहुंची हो, तो मैं खेद व्यक्त करता हूं।
पूर्व मंत्री इमरती देवी ने वीडियो जारी कर अपना पक्ष रखा। इमरती देवी ने कहा कि जो कांग्रेसी लोग हैं उनसे भगवान से प्रार्थना करती हूं कि उन्हें सद्बुद्धि दे। एक दलित महिला उसके बारे में ऐसा बोलना शोभा नहीं देता है। मैं कुछ ज्यादा नहीं बोलना चाहती क्योंकि उन्होंने मुझे सदैव बड़ी बहन कहा हैं। भगवान ने उनकी बुद्धि खराब कर दी है इसलिए ऐसा बोल रहे हैं।वह तो बहुत छोटे हैं उनके बड़े नेता कमलनाथ जी मुझे आइटम कहते हैं, दिग्विजय सिंह महिला को टचिंग माल कहते हैं। कांग्रेसी तो शुरू से ऐसे ही बोलते आ रहे हैं। मैं उनसे कहना चाहती हूं कि इमरती के खिलाफ बोलें लेकिन उसकी इज्जत के खिलाफ वहीं। मैं एसपी के यहां जाऊंगी, एफआईआर कराऊंगी, उन्हें छोडूंगी वहीं। इमरती को इतना सस्ता ना समझें कि कभी भी कुछ बोल दें, मुझे न्याय चाहिए। मैं अपनी सरकार से भी कहूंगी कि मुझे न्याय दो।
तो अब माहौल चुनावी है वरना हो सकता था कि बात बड़ी बहन, मां कहने और खेद जताने पर बन ही जाती। पर अब मामला उलट गया है। जिस वायरल वीडियो पर इमरती को अपनी पार्टी को सफाई देनी पड़ती, उस वीडियो की प्रतिक्रिया देकर जीतू पटवारी ने पूरी कांग्रेस को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। और इमरती ने एफआईआर और न्याय की बात कर सहानुभूति और वाहवाही बटोर ली। तो जीतू के बयान ने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को इस चुनावी माहौल में महिला विरोधी बयानों के लिए बेवजह ही चर्चा में ला दिया। अब सद्बुद्धि शब्द गूंज रहा है तो सनातन का स्त्री सम्मान का भाव याद किया जा रहा हैं और मामला निर्वाचन आयोग तक पहुंच गया है। कांग्रेस के लिए तो यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता: …की अगली पंक्ति यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः…पर गौर करने की जरूरत है…।