श्री राम शरणम् मम …

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श्री राम शरणम् मम …

श्री राम शरणम् मम…भगवान राम को समर्पित इस सुरक्षा मंत्र का अनुवाद इस प्रकार है ‘मैं भगवान राम की शरण लेता हूं।’ इस मंत्र का जाप स्वयं को भगवान राम और उनकी सुरक्षा के प्रति समर्पित करने जैसा है। लोग कहते हैं कि यह मंत्र भगवान राम के अधीन सुरक्षा और आश्रय की याचना है। माना जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से उनकी सुरक्षात्मक ऊर्जा का आह्वान होता है और भक्तों को जीवन की हानि, नकारात्मकता और बाधाओं से बचाया जाता है। सुरक्षा मंत्र का जाप विशेष रूप से तब प्रभावशाली होता है जब आप तनावपूर्ण दिनों से गुज़र रहे हों या जब आपको सही मार्गदर्शन नहीं मिल पा रहा हो।

यह बात विशेष तौर पर इसलिए समसामयिक है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को भगवान राम के बाल स्वरूप में प्राण प्रतिष्ठा के बाद आज यानि 5 मई 2024 को तीसरे चरण के मतदान से दो दिन पहले अयोध्या में राम के दर्शन कर मोदी मन की बात संकेत में ही सही कहने में सफल होंगे। भाव श्री राम शरणम् मम…का ही है। 2014 में मिशन 272 के समय भी मई के पहले सप्ताह में मोदी अयोध्या से लगे फैजाबाद में थे, तब मंच पर उनके पीछे भगवान राम और प्रस्तावित राम मंदिर की तस्वीर बनी हुई थी। मंच पर मोदी जब बोल रहे थे तो उनके पीछे भगवान राम की तस्वीर साफ नजर आ रही थी। और अब वह प्रस्तावित राम मंदिर बन चुका है और मोदी 2024 में मई के पहले सप्ताह में ही अयोध्या में राम मंदिर में मत्था टेकेंगे और भगवान श्रीराम की शरण में होंगे। यह परीक्षा मिशन 400 की है। तब भगवान राम टेंट में थे, अब भव्य मंदिर में विराजमान हैं। सुप्रीम कोर्ट का आदेश था, तो भक्त मोदी के प्रयास का प्रताप है। तब भी भले ही खुले तौर पर राम के नाम पर वोट नहीं मांगे थे, पर संदेश और संकेत पूरी तरह से सबको समझ में आए थे। अब भी मोदी जी राम के नाम पर वोट नहीं मांग रहे हैं, पर भगवान राम से राष्ट्र के कल्याण और 2047 तक विकसित भारत के निर्माण की कामना तो खुलकर कर ही सकते हैं और कर भी रहे हैं।

मोदी ने तब कहा था कि राम की धरती से लोगों को रामराज्य की आस दिलाता हूं। मोदी ने रहा था कि गांधी जी ने भी राम राज्य की तारीफ की थी। मोदी ने कहा कि भगवान राम की परंपरा में वादाखिलाफी की जगह नहीं है। रामराज्य का मतलब है सभी का विकास और सभी खुशहाल। मंच से उन्होंने रहा था कि प्राण जाए पर वचन न जाए। नरेंद्र मोदी ने जनता का आह्वान कि या था कि आप मुझे मजबूत सरकार दें, मैं मजबूत हिन्दुस्तान दूंगा।

22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रही था कि हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख और इस पल को याद रखेंगे। लोग हजारों साल बाद भी इस पल की चर्चा करेंगे। अब रामलला टेंट में नहीं रहेंगे, वे अब दिव्य मंदिर में रहेंगे। पीएम मोदी ने विश्वास जनता या था कि जो घटित हुआ, उसकी अनुभूति देश और दुनिया के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी। यह क्षण अलौकिक है। यह माहौल, यह घड़ी हम सब पर प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद है।

अब पीएम मोदी रविवार 5 मई 2024 को शाम 7 बजे अयोध्या जाकर राम मंदिर में दर्शन करेंगे। देश में चल रहे लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान से पहले यानी कि 5 मई को पीएम मोदी अयोध्या जाएंगे। रविवार को पीएम मोदी अयोध्या जाकर रामलला का दर्शन और पूजन करेंगे। इसके बाद वह अयोध्या में रोड शो भी करेंगे। हाल ही में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने भी अयोध्या में रामलला के दर्शन किए थे। संकेत और संदेश साफ हैं और हर सनातनी इसे खुलकर महसूस भी करेगा। कहने को बस यही है कि श्री राम शरणम् मम…।