Ranchi : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन अपनी ही सरकार की नीतियों के खिलाफ विधानसभा के द्वार पर धरने पर बैठी गईं।
जामा विधानसभा क्षेत्र से विधायक सीता सोरेन के इस कदम से राज्य सरकार की किरकिरी भी हुई। इससे पहले सीता सोरेन ने सदन में कहा कि उन्होंने विधानसभा में जो सवाल किया है, उसका सरकार से संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
सीता सोरेन ने कहा कि हम जल जंगल जमीन की सुरक्षा का मसला लेकर सदन में आए हैं। सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड की आम्रपाली परियोजना में वन भूमि पर अतिक्रमण किया जा रहा है। अवैध तरीके से कोयले की ढुलाई हो रही है और सरकार कुछ नहीं करती। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सदन में सरकार गलत जवाब दे रही है।
विधायक सीता सोरेन ने राज्य सरकार से सीसीएल द्वारा किए गए अतिक्रमण को मुक्त कराने की मांग की। सत्ता पक्ष के एक अन्य विधायक झामुमो के लोबिन हेंब्रम ने सरकार से पूछा कि क्या यह बात सही है कि छत्तीसगढ़ की तर्ज पर हेमंत सरकार भी खुद शराब बेचने की तैयारी कर रही है।
उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक बात कोई और नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि झारखंड के आंदोलनकारी शिबू सोरेन हमेशा नशाबंदी की बात करते हैं वहीं दूसरी तरफ उनके पुत्र हेमंत सोरेन अगर ऐसा करने की तैयारी कर रहे हैं तो यह शर्मनाक है। वे झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रमुख शिबू सोरेन की पुत्रवधू हैं।