अब चौथे चरण की सीटों पर फोकस,6 मंत्रियों सहित नेता प्रतिपक्ष की प्रतिष्ठा दांव पर!

नोटा बताएंगा इंदौर में कितनी है PCC चीफ की आवाज में दम

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अब चौथे चरण की सीटों पर फोकस,6 मंत्रियों सहित नेता प्रतिपक्ष की प्रतिष्ठा दांव पर!

भोपाल: प्रदेश में चौथे चरण का मतदान 13 मई को होना है। मालवा और निमाड़ की आठ लोकसभा क्षेत्रों में चौथे चरण में मतदान होगा। इस क्षेत्र में मध्य प्रदेश की सरकार में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री के साथ 6 मंत्री आते हैं। वहीं कांग्रेस का भी इस वक्त का नेतृत्व भी इसी क्षेत्र से है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीत पटवारी के लोकसभा क्षेत्र में उनके प्रत्याशी का नामांकन वापस लेना उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा का बड़ा आघात माना जा रहा है। अब उन्होंने यहां पर कांग्रेसियों से नोटा में वोट देने को सार्वजनिक रूप से कहा है। वहीं विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार भी मालवा क्षेत्र से ही हैं।

इन सीटों पर होना है चौथे चरण का चुनाव

देवास-शाजापुर, उज्जैन, मंदसौर, खंडवा, खरगोन, रतलाम-झाबुआ, धार और इंदौर में 13 मई को मतदान होना है। इंदौर में कांग्रेस की तरफ से कोई उम्मीदवार नहीं हैं। कांग्रेस ने भी किसी अन्य उम्मीदवार को अपना समर्थन नहीं दिया है।

 *दो मंत्रियों पर रिकॉर्ड बनाने की जिम्मेदारी* 

इंदौर में दो मंत्रियों पर रिकॉर्ड बनाने की जिम्मेदारी है। इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय देश की सबसे बड़ी जीत अपने लोकसभा क्षेत्र से करवाने के लिए पूरी तरह से जुट गए हैं। उनका अपना इस पूरे क्षेत्र में प्रभाव है। उनकी पूरी टीम यहां पर अब भाजपा की जीत का रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य लेकर ही आगे बढ़ रही है। वहीं यहां से तुलसी सिलावट भी मंत्री हैं, उन पर भी उनके विधानसभा क्षेत्र सांवेर में ऐतिहासिक लीड भाजपा को दिलाने की जिम्मेदारी है।

*उपमुख्यमंत्री पर भी जिम्मा* 

उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा पर वैसे तो पूरे मालवा क्षेत्र की सीटों को जिताने की जिम्मेदारी है, लेकिन वे मंदसौर लोकसभा क्षेत्र से आते हैं। यहां पर मतदान प्रतिशत बढ़ाने के साथ ही पार्टी को ऐतिहासिक जीत दर्ज कराने की उनकी रणनीति पर ही काम हो रहा है। यहां से भाजपा पिछला चुनाव पौने चार लाख मतों से जीती थी। इस जीत का आंकड़ा पार करने का लक्ष्य उनके पास है।

यहां पर तीन मंत्री की साख दांव पर

रतलाम-झाबुआ लोकसभा क्षेत्र से मध्य प्रदेश सरकार में तीन मंत्री हैं। मंत्री नागर सिंह चौहान की धर्मपत्नी अनीता चौहान यहां से भाजपा की उम्मीदवार है। वहीं पेटलावद से निर्मला भूरिया और रतलाम शहर से चैतन्य कश्यप भी मंत्री हैं। इन तीनों मंत्रियों की इस सीट पर प्रतिष्ठा दांव पर है। यहां पर कांटे का मुकाबला माना जा रहा है। पिछला चुनाव यह भाजपा करीब 90 हजार वोटों से जीती थी। यहां पर प्रदेश कांग्रेस के सबसे बड़ी आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया से भाजपा का मुकाबला है।

शाजापुुर- देवास परमार के जिम्मे

शाजापुर-देवास लोकसभा क्षेत्र से इंदर सिंह परमार मंत्री हैं। वे शुजालपुर से विधायक हैं। इस पूरे क्षेत्र में संघ का भी खासा दखल है। इसके बाद भी परमार के पास यहां से बड़ी जीत दिलाने की जिम्मेदारी है। वे अपने विधानसभा क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्रों में लगातार सक्रिय हैं। यहां से भाजपा ने पिछला चुनाव तीन लाख 70 हजार से जीता था। इस जीत को बरकरार रखना उनकी जिम्मेदारी बन गई है।

धार में नेता प्रतिपक्ष लगा रहे दम

धार लोकसभा क्षेत्र के गंधवानी विधानसभा से उमंग सिंघार विधायक हैं। वे विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। यह लोकसभा सीट अभी भाजपा के पास है। इस सीट को भाजपा से छीनकर कांग्रेस की झोली में डालना उमंग सिंघार की जिम्मेदारी है। यहां पर सिंघार पूरी ताकत के साथ जुटे हुए हैं। इस लोकसभा क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों में से पांच पर कांग्रेस के विधायक हैं। इसलिए इस बार कांग्रेस यहां पर मजबूती के साथ मैदान में डटी हुई है।

*इंदौर में कांग्रेसियों पर कितनी पकड़ होगी जीतू की परीक्षा* 

इधर इंदौर में कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम द्वारा नामांकन वापस लेकर भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस मुकाबले से बाहर हो गई है। यहां पर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अपने गृह नगर के लोगों से खासकर कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे नोटा को वोट दें। अब नोटा बताएगा कि जीतू पटवारी की अपील कितने कांग्रेसियों ने सुनी और उस पर अमल किया।