Low Voting in Indore : इंदौर में मतदान ठंडा रहा, शाम तक सिर्फ 56.53% मतदान हुआ!

पूर्वी इलाके में सुबह से मतदान, पश्चिम में सन्नाटा रहा, बे-मौसम बरसात ने शाम का मतदान ठंडा किया!

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Low Voting in Indore : इंदौर में मतदान ठंडा रहा, शाम तक सिर्फ 56.53% मतदान हुआ!

Indore : मध्य प्रदेश में 5 बजे तक 68.01% मतदान हुआ। इंदौर में सबसे कम  56.53% मतदान हुआ और मंदसौर लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा 71.76% वोट गिरे। चौथे चरण में मध्यप्रदेश के धार, रतलाम, उज्जैन, देवास, खंडवा, खरगोन और मंदसौर जैसी आदिवासी बहुलता वाली सीटों में मतदान हो रहा है।

निर्वाचन आयोग को पश्चिमी मध्य प्रदेश में चौथे चरण की वोटिंग से अधिक उम्मीदें थीं। इसका एक बड़ा कारण यह है कि चौथे चरण के चुनाव वाले इलाके में आदिवासी मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। जहां परंपरागत रूप से अधिक वोटिंग होती है। इसे देखते हुए निर्वाचन आयोग उम्मीद कर रहा है कि सोमवार को अच्छी वोटिंग हो सकती है। लेकिन, अनुमान के मुताबिक इंदौर में मतदान कम रहा।

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लोकसभा चुनाव में इंदौर लोकसभा सीट के लिए सोमवार को वोटिंग हुई। इस बार कांग्रेस प्रत्याशी के भाजपा में शामिल हो जाने पर चुनाव को लेकर मतदाताओं में उत्साह नहीं देखा गया। पूर्वी शहर के अहिल्या आश्रम मतदान केंद्र, गोरी नगर स्थित मतदान केंद्र, सुखलिया क्षेत्र के कई मतदान केंद्रों पर हालात यह रहे कि सुबह से ही लाइन लग गईं। मतदाता अपनी बारी आने का इंतजार करते रहे। वहीं कई बूथ तो दिनभर खाली पड़े रहे। इक्का-दुक्का मतदाता आते और वोट डालकर रवाना हो जाते। रामबाग चौराहा स्थित संस्कृत महाविद्यालय में बनाया गया आदर्श मतदान केंद्र भी दिनभर वोटरों की राह तकता रहा। कुछ जगह मतदान को लेकर भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में विवाद की भी खबरें सामने आईं, हालांकि पुलिस और सुरक्षा बलों ने मामले को शांत करवाया। कुल मिलाकर कहीं भारी तो कहीं हल्का मतदान हुआ।

जानकारी अनुसार इंदौर लोकसभा सीट पर मतदान के लिए 2677 मतदान केंद्र बनाए गए। इन केंद्रों पर सुबह 7 बजे से ही मतदान प्रक्रिया शुरू हो गई थी। शहर के पूर्वी क्षेत्र स्थित अहिल्या आश्रम गौरी नगर और अन्य क्षेत्रों में बनाए गए मतदान केंद्रों पर जहां वोटिंग को लेकर लोगों में उत्साह देखा गया। मतदान केंद्रों पर सुबह से ही लंबी-लंबी कतारें देखी गई। वहीं पश्चिम क्षेत्र में मतदान को लेकर निराशाजनक माहौल रहा। पश्चिम क्षेत्र के रामबाग चौराहा स्थित संस्कृत महाविद्यालय और आसपास के कई केंद्रों में हालात यह रहे कि वोटर दिनभर इक्का-दुक्का ही आए और वोट डालकर लौट गए। संस्कृत महाविद्यालय में बनाया गया आदर्श मतदान केंद्र इसके बाद भी यहां वोटरों में उत्साह नहीं देखा गया।

 

वोटरों को केंद्रों तक लाते दिखे

पश्चिम क्षेत्र में जब वोटरों में उत्साह नहीं दिखाई दिया। कई क्षेत्रों में पार्षद और पूर्व पार्षद वोटरों को घर से लाकर मतदान केन्द्रों तक छोड़ते हुए दिखाई दिए। साथ ही भाजपा कार्यकर्ता भी घर-घर जाकर वोटरों से मतदान करने की गुहार लगाते भी दिखाई दिए। ऐसा पहली बार हुआ जब वोटरों को इस प्रकार घर-घर जाकर वोटिंग के लिए जगाना पड़ा।

 

जूनी इंदौर क्षेत्र में उत्साह दिखा

मतदान प्रक्रिया सुबह 7 बजे शुरू हो गई थी इसके बावजूद भी 8:30 बजे तक जब मतदान केंद्रों पर मतदाता नहीं पहुंचे तो जूनी इंदौर क्षेत्र में तो तहसीलदार, पटवारी और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने वोटरों के घर-घर पहुंचकर मतदान करने के लिए गुहार लगाई। इसके बाद भी बताया जा रहा है कि करीब 2 घंटे तक मतदान केंद्रों पर किसी प्रकार की वोटरों की चहलकदमी नहीं देखी गई।

 

कांग्रेस प्रत्याशी के नहीं होने से नीरस

वर्तमान लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम अंतिम समय में नाम वापस लेकर भाजपा में शामिल हो गए। इस प्रकार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की चुनौती समाप्त हो गई। इसके बाद से ही लोगों का चुनाव को लेकर उत्साह समाप्त हो गया। यह लगभग तय पहले से ही माना जा रहा था कि भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी रिकॉर्ड वोटों से जीतेंगे,  लेकिन अक्षय कांति बम के मैदान से बाहर होने के बाद तो कांग्रेस की चुनौती ही समाप्त हो गई। ऐसे में लोगों में भी वोट डालने को लेकर उत्साह नहीं देखा गया।

 

बेमौसम बारिश से बिजली गुल, वोटर परेशान

शाम 5 बजे जैसे ही मौसम बदला और बेमौसम बारिश शुरू हो गई। इसके बाद शहरभर में बिजली गुल हो गई। बिजली चली जाने से मतदान केंद्रों पर भी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बिजली के लिए बड़े-बड़े दावे किए थे यह मौसम की बारिश ने एक बार फिर बिजली कंपनी के दावों को धो दिया। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों के बड़े-बड़े दावे धरे के धरे रह गए और शहर भर में बिजली चली गई। मतदान केंद्रों के बाहर खड़े मतदाताओं को इस दौरान परेशानी का भी सामना करना पड़ा।

 

शहर से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों में उत्साह

मतदान को लेकर शहर से ज्यादा उत्साह ग्रामीण क्षेत्रों में नजर आया, जिसमें देपालपुर में सर्वाधिक 30.84%, सांवेर में 28.2% और राऊ में भी 25.97% मतदान हुआ। जबकि शहरी विधानसभा सीटों पर भी 20 से 22 फीसदी औसत मतदान बताया गया है। भाजपा ने अंतिम दिनों में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने में जो मेहनत की वह सफल होती नजर आ रही है। अनुमान लगाया जा रहा था कि कांग्रेस उम्मीदवार के सामने न होने से चुनाव अत्यंत नीरस हो गया और मतदाताओं को निकालने में इस भीषण गर्मी में परेशानी होगी, लेकिन सुबह 7 बजे से कई केंद्रों पर अच्छी लम्बी कतारें देखी गई, जिसके चलते चार घंटे में यानी सुबह 7 से 11 बजे के बीच 25% मतदान होना बताया गया है। इसमें देपालपुर में सर्वाधिक 30.84, तो सांवेर में 28.2 और राऊ में 25.97 फीसदी मतदान हुआ है। वहीं विधानसभा 1 में 24.59, विधानसभा-2 में 23.79, विधानसभा-3 में 20.18, विधानसभा-4 में 23.18 और विधानसभा-5 में 22.65 फीसदी मतदान हुआ।

 

कहां कितने फीसदी मतदान

– देवास: 71.53

– धार: 67.55

– इंदौर: 56.53

– खंडवा: 68.21

– खरगोन: 70.80

– मंदसौर: 71.76

– रतलाम: 70.61

– उज्जैन: 70.64

आयोग को चौथे चरण से ज्यादा उम्मीदों की बड़ी वजह थी। साल 2019 में पश्चिम मध्य प्रदेश की 8 सीटों पर लगभग 76% मतदान हुआ था। साल 2024 के चुनाव में पहले तीन चरणों में क्रमशः 67.75%, 58.59% और 66.75% वोटिंग हुई। 2019 में मध्य प्रदेश में चार चरणों में कुल मतदान 71.16% था। इस बार तीन चरणों का औसत 64.76% ही पहुंचा। इस लिहाज से प्रदेश में पिछले चुनाव की औसत वोटिंग के करीब पहुंचना भी बड़ी चुनौती रही।