Tiger Reserve at Ratapani: आचार संहिता के बाद रातापानी अभयारण्य को टाइगर रिजर्व क्षेत्र बनाने के लिए वन विभाग जनप्रतिनिधियों से करेगा रायशुमारी
भोपाल। बाघ सरंक्षण प्राधिकरण से सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद वन विभाग राता -पानी अभयारण्य को प्रदेश का आठवां टाइगर रिजर्व क्षेत्र बनाने की कवायद तेज कर दिया है। आचार संहिता खत्म होने के बाद वन विभाग भोपाल, सीहोर और रायसेन जिलें के जनप्रतिनिधियोें 4 जून के बाद रायशुमारी करने करने की तैयारी शुरू कर दी है। टाइगर रिजर्व क्षेत्र घोषित करने के लिए शासन ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों से सहमति लेने के लिए वन विभाग को हरी झंडी दे दी हैं। भोपाल सीसीसीएफ पीके खरे ने बताया कि आचार संहिता खत्म होने के बाद वन विभाग की एक विशेष टीम तीनों जिलों के जनप्रतिनिधियों से इस मामले को लेकर बातचीत करने का प्लान बना रहा है। जिसमे सांसद, विधायक, जिला पंचायत के सदस्य और ग्राम प्रधान से टाइगर रिजर्व क्षेत्र बनाने के लिए विभाग उनका भी पक्ष जानने का प्रयास करेगा। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सीएम मोहन यादव राता- पानी अभयारण्य को टाइगर रिजर्व क्षेत्र बनाने के लिए गंभीर है। मौजूदा समय में रातापानी अभयारण्य में 56 टाइगर और भारी संख्या में तेंदुआ , भालू और हिरण हैं। यह अभयारण्य तीनों जिलों में 823 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ हैं।
16 साल से चल रही हैं प्रक्रिया-
रातापानी अभयारण्य को टाइगर रिजर्व घोषित करने के लिए वर्ष 2008 से वन विभाग प्रयास कर रहा है। राजनीतिक दबाब के चलते वन विभाग का सारा प्रयास ठंडे बस्ते में चला जाता है। सीएम मोहन यादव अब इस मामले में दिलचस्पी लेना शुरू कर दिए है। वन विभाग के अधिकारियों को अब उम्मीब बढ़ गई है कि अब रातापानी अभयारण्य को टाइगर रिजर्व क्षेत्र बनाने में अब कोई बाधा सामने नहीं आएगी।
सफारी भी शुरू-
रातापानी प्रदेश का इकलौता ऐसा अभयारण्य है जो टाइगर रिजर्व घोषित नहीं होने के बावजूद भी वन विभाग यहां सैलानियों के लिए सफारी की सुविधा मुहैया कराना शुरू कर दिया है। राजधानी के समीप स्थित होने से वन विभाग को उम्मीद है कि टाइगर रिजर्व बनने के बाद यहां बड़ी संख्या में देशी और विदेशी पर्यटकों के आने की संभावना ज्यादा है। विदिशा और रायसेन जिले में विश्व धरोहर होने से भोपाल में बड़ी संख्या में देशी और विदेश पर्यटक आते हैं। टाइगर रिजर्व क्षेत्र बन जाने के बाद पर्यटकोें की संख्या में अच्छी- खासी बढ़ोत्तरी होगी।