TI Suspended in Khajrana Betting Scandal : खजराना सट्टा कांड में टीआई सस्पेंड, कुछ और पर कार्यवाही होगी!
आदेश में लिखा ‘थाना क्षेत्र में नियंत्रण का अभाव स्पष्ट, प्रथम दृष्टया संदिग्ध कदाचरण पाया गया!
Indore : खजराना इलाके में भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा से जुड़े नेता के घर चल रहे सट्टे पर कार्रवाई के मामले में खजराना थाने के टीआई सुजीत श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया। उन्हें थाने से हटाकर अटैच किया गया है। बुधवार को डीएसपी के निर्देश पर सट्टे के अड्डे पर दबिश दी गई थी। यहां से बड़ी मात्रा में नकदी जब्त हुई थी। समझा जा रहा कि इस मामले में कुछ और पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई होगी।
डीसीपी के निर्देश पर बुधवार दोपहर पुलिस ने भाजपा नेता सलीम मंसूरी के सट्टे के अड्डे पर छापा मारा। मंसूरी पुलिस वालों से सांठगांठ करके सट्टे का अड्डा चला रहा था। मंसूरी ने खुद को विधायक (भाजपा) प्रतिनिधि बताकर पुलिस को कार्यवाही से रोकने की भी कोशिश की। लेकिन, पुलिस किसी दबाव में नहीं आई। पुलिस ने मौके से 11 लाख 77 हजार रुपए जब्त कर मंसूरी समेत 6 लोगों की गिरफ्तारी किया। थाना खजराना में अपराध क्रमांक 450 2024 धारा 419 भादवि, ¼ पब्लिक गैंबलिंग एक्ट का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। सलीम के विरुद्ध कईं प्रकरण दर्ज है। पूरा थाना सट्टे के अड्डे से वाकिफ था। मामले में थाना प्रभारी सुजीत श्रीवास्तव सहित बीट अधिकारी की भूमिका संदिग्ध बताई गई।
कार्यवाही की खजराना टीआई को खबर नहीं
पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता को सूचना मिली थी कि खजराना इलाके के अशर्फी नगर में सलीम मंसूरी में लंबे समय से सट्टा चल रहा है। अफसरों से सांठगांठ और विधायक का करीबी होने से इस पर कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस कमिश्नर ने जोन-2 के डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा को कार्यवाही निर्देश दिए। डीसीपी ने परदेशीपुरा एसीपी (आईपीएस) नरेंद्र रावत की टीम गठित की और खजराना पुलिस को बताए बगैर छापा मारा।
सलीम ने अफसरों से हुज्जत कर उन्हें रोकने की भी कोशिश की। विजयनगर, एमआईजी और परदेशीपुरा की टीम ने सलीम और उसके बेटे आलम मंसूरी को हिरासत में लिया और घर से 11 लाख 77 हजार रुपये जब्त किए। पुलिस ने सलीम के साथी रईस, इरफान, युसूफ और मुनव्वर को भी पकड़ा। सलीम के घर में 18 जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।
टीआई के निलंबन की कार्यवाही
उक्त सट्टा थाना क्षेत्र में खुलेआम बड़े पैमाने पर चल रहा था, जिसकी सूचना आमजन व अन्य सूत्रों के माध्यम से प्राप्त हुई एवं उक्त प्रकरण में पुलिस टीम द्वारा 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर सट्टे की भारी रकम रुपये 11.77,500 जब्त कर 8 मोबाईल व सट्टा पर्ची के 9 बंडल रोल भी जब्त किए हैं। इस प्रकार बडे पैमाने का सट्टा थाना खजराना क्षेत्र में संचालित हो रहा था, जिसको रोकने में थाना प्रभारी खजराना असफल रहे हैं, जो उनकी कार्य के प्रति लापरवाही व थाना क्षेत्र में नियंत्रण के अभाव व संदिग्ध कार्यवाही को प्रथम दृष्टया स्पष्ट पाया जाकर उनकी कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह को इंगित करता है।
अतः थाना खजराना क्षेत्र में व्यापक व खुलेआम चल रहे सट्टे को रोकने में थाना प्रभारी के असफल होने व थाना क्षेत्र में नियंत्रण का अभाव स्पष्ट होकर संदिग्ध कदाचरण प्रथम दृष्टया स्पष्ट पाया जाने पर से पुलिस अधिनियम 1861 की धारा 7 व पुलिस रेगुलेशन के पैरा क्रमांक 221 में प्रदत्त शक्तियों के अनुसार निरीक्षक सुजीत श्रीवास्तव, थाना प्रभारी खजराना इन्दौर महानगर जोन-2 को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाकर रक्षित केन्द्र इन्दौर से संबंध किया जाता है। निलंबन अवधि में शासकीय सेवक को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा एवं बिना अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे।
पहले भी बदनाम रहा खजराना थाना
यहां जो भी टीआई आता है अल्पसंख्यक नेता उन्हें घेरे में ले लेते हैं और जमावट में लग जाते हैं। एक दशक का रिकॉर्ड देखा जाए तो यहां के ज्यादातर टीआई बदनामी लेकर ही यहां से विदा हुए। भूमाफिया बॉबी छाबड़ा को सुविधा देने के मामले में प्रीतम सिंह ठाकुर को हटाया गया था। दिनेश वर्मा फर्जी तरीके से एफआईआर लिखने के मामले में मुलजिम बनाया गया। उनकी जांच अभी भी चल रही है। संतोष यादव को भी कोरोना में जुलूस निकाले जाने पर लाइन अटैच कर दिया गया था। इसके पहले यहां पर कई नामी टीआई रहे हैं।