Administrative Surgery: फील्ड से लेकर मंत्रालय तक बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की सुगबुगाहट, कई ACS,PS,HOD के बदलेंगे प्रभार
भोपाल: लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे पूरे होते जा रहे है वैसे वैसे प्रदेश में फील्ड से लेकर मंत्रालय और PHQ तक में नये सिरे से आईएएस-आईपीएस की तैनाती को लेकर सुगबुगाहट तेज हो रही है।
दरअसल विधानसभा चुनाव के बाद कई किस्तों में जिला पंचायत सीईओ से लेकर कलेक्टर-एसपी, संभागायुक्त और मंत्रालय में सचिव, पीएस और एसीएस तक बदले गए लेकिन सरकार को उनसे काम को लेकर जो उम्मीदें थी वह पूरी होती दिखाई नहीं दे रही है इसीलिए अब नये सिरे से प्रशासनिक जमावट किए जाने के संकेत है। जिसमें ऐसे अफसरों को प्रमुख भूमिका में रखा जाएगा जो परफारमर हो और टास्क मास्टर हो। साथ ही चौकाने वाली बात यह भी हो सकती है कि कई ACS को मंत्रालय से बाहर भी किया जा सकता है।
मंत्रालय और पुलिस मुख्यालय में कई अफसर लंबे समय से जमे हुए है। स्कूल शिक्षा विभाग की PS रश्मि अरुण शमी को एक ही स्थान पर छह साल का समय पूरा हो रहा है। इस दौरान मध्यप्रदेश में 3 मुख्यमंत्री बदल गए लेकिन वे स्कूल शिक्षा विभाग में ही लंबे समय से है इसलिए उन्हें इस प्रशासनिक सर्जरी में बदला जा सकता है।
*गेहूं की कम खरीदी और दसवी-बारहवी के रिजल्ट में गिरावट का भी दिखेगा असर-*
प्रदेश में इस बार दसवी और बारहवी के रिजल्ट में गिरावट देखने को मिली है। मंत्रालय और लोक शिक्षण संचालनालय के अफसर मैदानी स्तर पर पदस्थ शिक्षकों और अतिथि शिक्षकों के पुअर परफारमेंस को इसका कारण बता रहे है लेकिन वरिष्ठ अफसरों की मानीटरिंग का अभाव, नवाचार और कुशल प्रबंधन का अभाव भी इसमें रहा है। इसलिए शिक्षा विभाग में भी संचालनालय से लेकर मंत्रालय तक और मैदानी स्तर पर भी अफसरों में और स्कूली शिक्षकों में बदलाव किया जाएगा। इसी तरह इस बार समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी में काफी कमी आई है। केन्द्र सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की दर बढ़ा दी है और राज्य सरकार बोनस भी दे रही है इसके बाद समर्थन मूल्य पर पिछले साल से भी कम खरीदी होना और नये लक्ष्यों की पूर्ति नहीं होने को भी मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया है। सतना में समर्थन मूल्य पर कागजों में गेहूं खरीदी कर खरीदी बढ़ाने का प्रयास किया गया। इससे सरकार द्वारा दिए जा रहे समर्थन मूल्य और बोनस की बंदरबांट भी सामने आई है। इसको लेकर भी सीएम सख्त है। ऐसे में खाद्य मंत्रालय, खाद्य संचालनालय, नागरिक आपूर्ति निगम, मार्कफेड और अन्य खरीदी एजेंसियों तथा ठेकेदारों की संलिप्तता इस गड़बड़ी में देखने में आई है इसलिए यहां भी व्यापक स्तर पर बदलाव किया जाएगा। ACS हेल्थ मोहम्मद सुलेमान को कोई बड़ा विभाग मिल सकता है।2 संभागों के कमिश्नर और एक दर्जन जिलों के कलेक्टर को भी बदलने की चर्चा है।