Book Discussion : दिव्या जैन की पुस्तक ‘खुदी को कर बुलंद’ वंचित महिलाओं की बुलंद आवाज!

घर की चहारदीवारी में यातना सहती स्त्री की यह त्रास कथाएं सच में शौर्य कथाएं : हरीश पाठक

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Book Discussion : दिव्या जैन की पुस्तक ‘खुदी को कर बुलंद’ वंचित महिलाओं की बुलंद आवाज!

Mumbai : यह किताब अधिकारों से वंचित महिलाओं की आवाज है। इसमें दृष्टि साफ है और उन स्वयंसिद्धा स्त्रियों का संघर्ष है जिस को पार कर उन्होंने एक बड़ा मुकाम बनाया। यह विचार प्रो विभूति पटेल ने पत्रकार, संपादक दिव्या जैन की पुस्तक ‘खुदी को कर बुलंद’ के लोकार्पण व विमर्श समारोह में व्यक्त किये। वे समारोह की अध्यक्षता कर रही थीं।

लेखक, अभिनेता विष्णु शर्मा ने कहा ‘यह जीवन का साहित्य है। गलत का विरोध करना जरूरी है। विरोध करेंगे तो आपके भीतर शक्ति आयेगी।’ वे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। आयोजन के विशिष्ट अतिथि कथाकार पत्रकार हरीश पाठक ने कहा ‘अंधेरे में चमकता है दुख। घर की चहारदीवारी में यातना सहती स्त्री की यह त्रास कथाएं सच मे शौर्य कथाएँ हैं जो सवाल भी करती हैं और खुद उत्तर भी देती हैं।’

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कवि पवन तिवारी ने कहा,’यह किताब महिलाओं के लिए मशाल है।’ अभिनेत्री असीमा भट्ट ने कहा ‘किताब की सब नायिकाएँ अंततः लड़ी हैं,वे टूटी नहीं हैं।’ पुस्तक की रचना प्रक्रिया पर दिव्या जैन ने अपनी बात रखी। सरस्वती वंदना रामस्वरूप साहू ने,संचालन डॉ अंजु शर्मा ने व आभार रामकुमार ने व्यक्त क़िया।