Political Turmoil due to Speculations : 400 के सपने से बहुत दूर है भाजपा, अकेले बहुमत की उम्मीद भी कम!
New Delhi : भाजपा ने अपने दिल्ली मुख्यालय पर प्रस्तावित ‘अबकी बार 400 पार’ वाला कार्यक्रम निरस्त कर दिया। चुनाव से पहले भाजपा ने 400 सीट देने का नारा दिया था जो धीरे-धीरे घटता गया। चुनाव के तीसरे चरण के बाद भाजपा ने इसे हाशिये पर डाल दिया। अब चुनाव नतीजों के रुझान ने स्पष्ट कर यह उसका अतिआत्मविश्वास सही नहीं था। इसके साथ ही एग्जिट पोल के अनुमान भी गलत साबित होने का संकेत मिल गया।
लोकसभा चुनाव 2024 के रुझानों में एनडीए को बहुमत मिल गया है। लेकिन, ‘इंडिया’ गठबंधन कड़ी टक्कर दे रहा है। अब सवाल ये है कि क्या भाजपा के नेतृत्व में एनडीए जीत की हैट्रिक लगा सकेगा! क्या इंडिया गठबंधन भाजपा के विजयी रथ को रोकेगा! आने वाले कुछ घंटों में इसका जवाब भी मिल जाएगा। अभी तक जो रुझान सामने आए वो नतीजों में बदलते हैं, तो देश में फिर एक बार मोदी सरकार बनेगी। लेकिन, अभी फाइनल रिजल्ट का इंतजार करना होगा।
लोकसभा चुनाव के पूरे नतीजे आने से पहले ही कांग्रेस ने पीएम मोदी से इस्तीफा मांगा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने लिखा कि अपने आपको अभूतपूर्व होने का दिखावा करते थे। अब साबित हो गया कि निवर्तमान प्रधानमंत्री भूतपूर्व होने वाले हैं। वे नैतिक जिम्मेदारी लें और इस्तीफ़ा दें। यही इस चुनाव का संदेश है।
चुनाव आयोग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, भाजपा अब भी बहुमत से काफी दूर है। भारतीय जनता पार्टी अभी 241 सीटों पर लीड कर रही है, जबकि कांग्रेस 96 सीटों पर आगे है। वहीं अखिलेश की समाजवादी पार्टी यूपी में 34 सीटों पर आगे चल रही है। ममता बनर्जी की टीएमसी बंगाल में 31 सीटों पर आगे है। डीएमके 21 और टीडीपी 16 सीटों पर आगे है। नीतीश कुमार की जदयू 15 सीटों पर आगे चल रही है।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और सपा जादू चला
उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से कांग्रेस को अच्छी खबर बहुत जल्द मिलने वाली है। रायबरेली सीट से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जीत बड़ी जीत की ओर आगे बढ़ रहे हैं। अभी वह रायबरेली से करीब 1 लाख से अधिक वोटों से आगे चल रहे हैं। राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से भी आगे चल रहे हैं। राहुल गांधी को पिछली बार अमेठी सीट से हार का सामना करना पड़ा था। उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट पर भाजपा का मामला फंसता दिख रहा है। अब तक के वोटों की गिनती में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पिछड़ चुकी हैं। अमेठी में स्मृति ईरानी करीब 47 हजार वोटों से पीछे चल रही हैं। गांधी परिवार के करीबी और कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा बड़ी बढ़त की ओर हैं। वे फिलहाल, 47424 वोटों से आगे चल रहे हैं। वहीं, रायबरेली से भी राहुल गांधी आगे चल रहे हैं।
मध्य प्रदेश में भाजपा का क्लीन स्वीप
मध्य प्रदेश में फिर भाजपा का जादू चलता दिखाई दे रहा है ,यहां कि सभी 29 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार जीत की तरफ अग्रसर हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने छिंदवाड़ा की सीट जीती थी, पर इस बार वो सीट भी भाजपा की झोली में जाती दिखाई दे रही है। राजगढ़ सीट पर इस बार कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह में थे, उनके जीतने के आसार थे, पर वे भी पिछड़ रहे हैं।
मोदी के मंत्री अभी पीछे
लोकसभा चुनाव में अब तक के काउंटिंग में मोदी के कितने मंत्री चल रहे पीछे?
1.स्मृति ईरानी
2. नारायण राणे
3. राव इंद्रजीत सिंह
4. नित्यानंद राय
5. गिरिराज सिंह
6. गजेंद्र सिंह शेखावत
7. अर्जुन राम मेघवाल
लोकसभा चुनाव के अब तक के नतीजों में भाजपा अपने दम पर बहुमत से दूर नजर आ रही है. अब तक के रुझानों में एनडीए 291 सीटों पर आगे है। जबकि, इंडिया गठबंधन का कुल आंकड़ा 231 पहुंच चुका है।
कहां-कहां फंसती दिख रही है भाजपा
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सहित कुछ हिंदी भाषी राज्यों में भारतीय जनता पार्टी को आश्चर्यजनक रूप से भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने इन राज्यों में अपना प्रभुत्व साबित किया था। कहा जाता है कि इसकी बदौलत ही वह केंद्र में भारी बहुमत के साथ सरकार बनाने में सफल रही थी।
राजनीतिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली है. कुल 543 सदस्यीय लोकसभा में उत्तर प्रदेश सर्वाधिक 80 सांसदों को भेजता है। अभी भाजपा 35 सीटों पर और सपा 34 सीटों पर आगे हैं। विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन राज्य की 42 सीटों पर आगे है। भाजपा ने 2019 में राज्य में 62 सीटें जीती थीं और उसने सपा को महज पांच सीटों पर समेट दिया था।
हरियाणा में कांग्रेस आगे निकली
हरियाणा में कांग्रेस आगे है जबकि भाजपा पीछे. इस राज्य में कांग्रेस जहां 6 सीटों पर आगे है वहीं भाजपा ने चार सीटों पर बढ़त हासिल कर रखी है। राजस्थान में भाजपा 14 सीटों पर जबकि कांग्रेस आठ सीटों पर आगे है। साल 2019 में, भाजपा ने हरियाणा और राजस्थान की सभी 10 और 24 (25 में से) सीटों पर जीत हासिल की थी। इस चुनाव में एक सीट पर भाजपा के सहयोगी दल ने जीत दर्ज की थी। बिहार में भाजपा-जदयू-लोजपा (आर) गठबंधन को राजद-कांग्रेस-वाम गठबंधन से कड़ी चुनौती मिल रही है. हालांकि सत्तारूढ़ गठबंधन ने अभी तक यहां बढ़त हासिल कर रखी है।