No-Fly Zone : मोदी के शपथ समारोह में द‍िल्‍ली नो फ्लाई जोन क्‍यों घोषित? क्‍या होता है यह? क्‍या हैं न‍ियम?

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No-Fly Zone: मोदी के शपथ समारोह में द‍िल्‍ली नो फ्लाई जोन क्‍यों घोषित? क्‍या होता है यह? क्‍या हैं न‍ियम?

 भारत के प्रधानमंत्री के पद की आज(9 जून) की शाम शपथ लेने वाले हैं। इस अवसर पर, भारत के पड़ोसी और हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के नेताओं को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।

ऐसे में दिल्ली पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर द‍िया गया है।

जमीन से लेकर आकाश तक कड़ा पहरा है। चप्‍पे-चप्‍पे पर पैनी नजर है। प्रशासन ने राष्ट्रीय राजधानी को नो फ्लाई जोन  घोषित कर दिया है। सभी प्रवेश द्वार पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। इस बीच, सभी के जहन में यह सवाल उठना लाजमी है क‍ि क्या होता है नो फ्लाई जोन? कब होता है लागू? क्‍या हैं इसके नियम?

क्या होता है नो फ्लाई जोन?

नो फ्लाई जोन एक ऐसा क्षेत्र होता है जहां पर विमानों को उड़ान भरने की अनुमति नहीं होती। यह जोन विभिन्न कारणों से बनाया जा सकता है, जैसे सुरक्षा कारणों, सैन्य ऑपरेशनों, या महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए।

कब होता है लागू?

  • युद्ध या सैन्य ऑपरेशनों के दौरान: किसी क्षेत्र में चल रहे सैन्य ऑपरेशनों के दौरान वहां नो फ्लाई जोन घोषित किया जा सकता है, ताकि उस क्षेत्र में कोई विमान न उड़ सके और सैन्य गतिविधियों में रुकावट न आए।
  • महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा: जब किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति का दौरा होता है, तो उसकी सुरक्षा के लिए उस क्षेत्र को नो फ्लाई जोन घोषित किया जा सकता है।
  • विशेष आयोजनों के दौरान: बड़े अंतरराष्ट्रीय खेलकूद, राजनैतिक सभाओं या अन्य महत्वपूर्ण आयोजनों के दौरान भी नो फ्लाई जोन लागू किया जा सकता है।
  • संवेदनशील या जोखिम वाले क्षेत्रों के लिए: जैसे परमाणु संयंत्र, सैन्य अड्डे, आदि के ऊपर भी नो फ्लाई जोन हो सकता है।
  • पर्यावरण संरक्षण के कारण: इसका मकसद, संवेदनशील वन्यजीव आवासों, प्रवासी पक्षियों के मार्गों या वायु प्रदूषण को कम करने वाले क्षेत्रों की रक्षा करना होता है। आपको बता दें क‍ि अंटार्कटिका को 1959 में एक अंतरराष्ट्रीय संधि द्वारा नो-फ्लाइंग जोन घोषित किया गया था, जिसका उद्देश्य इस महाद्वीप के अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करना है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्‍ट‍ि से: देश राष्ट्रीय सुरक्षा के कारण भी अपने क्षेत्रों को नो-फ्लाइंग जोन घोषित कर सकते हैं। जैसे क‍ि संयुक्त राज्य अमेरिका ने राष्ट्रपति के निवास ‘कैम्प डेविड’ को नो-फ्लाइंग जोन घोष‍ित क‍िया है।

क्‍या हैं इसके नियम?

  • उड़ान की अनुमति न होना: नो फ्लाई जोन में किसी भी प्रकार के वाणिज्यिक, निजी या सैन्य विमान को उड़ान भरने की अनुमति नहीं होती।
  • नियंत्रण व निगरानी: इस क्षेत्र की निगरानी कड़ी होती है और इसका उल्लंघन करने वाले विमानों पर कार्रवाई की जा सकती है।
  • समय-सीमा: नो फ्लाई जोन को अस्थायी या स्थायी रूप से लागू किया जा सकता है, यह स्थिति पर निर्भर करता है।
  • कानूनी एक्‍शन:नो फ्लाई जोन का उल्लंघन करने पर कानूनी और दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है, जिसमें विमान को जमीन पर उतारना, जुर्माना या अन्य सजा शामिल हो सकती है। नो फ्लाई जोन का उद्देश्य सुरक्षा सुनिश्चित करना और संभावित खतरों से बचाव करना होता है। इसलिए इन नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है।