Promotee IAS of 4 Batches Waiting : कलेक्टरों के तबादले की तैयारी, क्या 11, 12, 13 और 14 बैच के बचे प्रमोटी IAS अधिकारियों को मौका मिलेगा!
Bhopal : लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद राज्य सरकार एक्शन में आ गई है। अब IAS और IPS अधिकारियों के तबादला आदेश कभी भी जारी हो सकते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार करीब एक दर्जन कलेक्टरों के तबादले होना तय है। कुछ IAS अधिकारियों को अच्छे काम के इनाम के तौर पर बेहतर जिलों में पदस्थ किए जाने की तैयारी है।
लेकिन, अभी भी यह सवाल जिंदा है कि क्या 11, 12, 13 और 14 बैच के ऐसे प्रमोटी IAS अधिकारी जो अभी तक कलेक्टर नहीं बन पाए, उन्हें इस बार मौका दिया जाएगा? क्या सरकार उन्हें कलेक्टर बनाने के बारे में गंभीरता से विचार करेगी!
प्रशासनिक हलकों में यह मुद्दा इसलिए फिर चर्चा में है कि इन चार बैच के कुछ अधिकारियों को तो कई बार कलेक्टर की कुर्सी पर बैठने का मौका मिला, पर कई अभी भी पहली बार की कलेक्टरी के इंतजार में हैं।
यह सोच रखने वाले अधिकारी भी कम नहीं है, जिनका ये मानना है कि डॉ मोहन यादव की सरकार में ऐसे अधिकारियों के साथ अब अन्याय नहीं होगा। 2011 बैच के दो अधिकारी अभी तक कलेक्टर नहीं बन सके। यह अधिकारी हैं प्रीति जैन जो बोर्ड आफ सेकेंडरी एजुकेशन इंदौर में डिविजनल सेक्रेटरी है। दूसरी हैं उषा परमार जो भोपाल संभाग की एडिशनल कमिश्नर (राजस्व) हैं। इसी प्रकार 2012 बैच के एक प्रमोटी IAS अधिकारी चार जिलों के कलेक्टर रह चुके हैं, जबकि कुछ अधिकारी कलेक्टर बनने से वंचित हैं। इनमें केदार सिंह, विवेक श्रोत्रिय, राजेश ओगरे, भारती जाटव शामिल है। 2013 बैच के जहां सीधी भर्ती के अधिकारी कलेक्टर बन चुके हैं, वहीं प्रमोटी अभी भी कलेक्टर बनने का इंतजार कर रहे हैं। इनमें अमर बहादुर सिंह, श्रीमती मनीषा सेंतिया, नीरज कुमार वशिष्ठ, रूही खान और पवन कुमार जैन शामिल है।
2014 बैच के सीधी भर्ती के कई आईएएस अधिकारियों को कलेक्टर बनने का मौका मिल चुका हैं। साथ में कुछ प्रमोटी अधिकारी भी कलेक्टर बन गए। लेकिन, इस बैच के कई अधिकारी अभी कलेक्टर बनने का रास्ता ही देख रहे हैं। ये अधिकारी हैं चंद्रशेखर शुक्ला, दिलीप कुमार कापसे, विनय निगम, नियाज खान, नीतू माथुर, अंजू भदोरिया और जमुना भिड़े।
पिछली शिवराज सरकार में भी कई प्रमोटी IAS अधिकारी सुपर टाइम स्केल में तो आ गए, पर वे कलेक्टर नहीं बन पाए। इन अधिकारियों में उर्मिला मिश्रा, उर्मिला शुक्ला, पातीराम कटरोलिया और राजकुमारी खन्ना आदि के नाम शामिल है। इनमें उर्मिला मिश्रा, कटरोलिया और राजकुमारी खन्ना तो बिना कलेक्टर बने ही रिटायर हो गए।
यहाँ यह उल्लेख करना उचित होगा कि जहाँ सीधी भर्ती के IAS अधिकारियों को बिना किसी अपवाद के जिला कलेक्टर बना दिया जाता हैं,वहीं राज्य सिविल सेवा के पदोन्नत IAS अधिकारियों के बीच ‘पिक एंड चूज’ की स्थितियां देखी जाती हैं।