मां अम्बे , हाटकेश्वर महादेव वडनगर विसनगर नागर तीर्थ यात्रा
डॉ तेज प्रकाश पूर्णानंद व्यास
अद्भुत अवर्णनीय अंबाजी , हाटकेश्वर महादेव मंदिर वडनगर और हाटकेश्वर और हरिहर मन्दिर विसनगर की धार्मिक नागर यात्रा का अविस्मरणीय अद्भुत अभिनव पाठ और नागरों को अपनी जड़ों से जुड़े रहने का सात्विक सार्थक सनातनी श्रेष्ठ अभिलेख , जिसमें नागर श्रेष्ठियों की प्रमुख अभिव्यक्तियों को यथावत संजोकर पिरोया गया है। यह धार्मिक यात्रा वृतांत प्रेरक तो है ही, नई पीढ़ी के लिए नागर समाज की नैसर्गिक संस्कारों से जोड़े रहने का भविष्य का अभिलेख भी है। नागर समाज को यह प्रेरक अभिलेख डॉक्टर तेज प्रकाश व्यास के संयोजन से प्रस्तुत किया जा रहा है। प्रस्तुत आलेख भविष्य में नगरों को सदैव ही अपनी जड़ों से जुड़े रहने को प्रेरित करता रहेगा। नागर समाज को नैतिक बल मिलेगा कि हम नागर यात्रा के स्थलों की माटी को माथे पर धारण कर स्वयं जीतेजी अपने धरा के पूर्वजों के स्वर्ग को निहारें और नागर जीवन को धन्य करें।
‘भजन्ति हाटकेश्वरं सुरभक्ति भावतोSत्र ये, भवन्ति हाटकेश्वरा: प्रमाणमत्र नागरा:’
गर्व से कहो हम नागर ब्राह्मण हैं। स्कंद पुराण के नागर खण्ड में हाटकेश्वर भगवान को नागर ब्राह्मणों के इष्ट देवता के साक्षात प्रमाण उपलब्ध हैं। नागर ब्राह्मण आनुवंशिक रूप में वसुन्धरा के सर्वोत्कृष्ट डीएनए की श्रेणी में आते हैं। सफलता , उच्च मानवीय गुणों से नागरों को भगवान हाटकेश्वर महादेव ने नैसर्गिक रूप से आशीर्वाद दिया अर्जित हुआ है ।
आक्रांताओं से स्वयं की रक्षा को निकले नागर बेलगाड़ी से रातोंरात लसुड़िया पहुंचे। फिर 5 गावों लसुड़िया , सुन्दरसी, पीपलरवा, इकलेरा , भूतेश्वर से समीपस्थ गावों में पहुंचे। आज अपनी विद्वता से नागर पश्चिम के एवम विश्व के सभी देशों में अपनी प्रज्ञा का डंका बजाए हुए हैं । आप हम सब के लिए गर्व और गौरव का प्रसंग है कि काशी से आए विद्वानो ने, पीपलरवा के नागरों की विद्वता के परीक्षण के उपरांत पीपलरवा को छोटी काशी की उपाधि दी थी।
पीपलरवा के विद्वानों की विद्वता की ख्याति पूरे देश में फैल गई। काशी के विद्वानो का समूह काशी से बैलगाड़ियों और धर्म ग्रंथों को लेकर पीपलरवा के नागर विद्वानों से शास्त्रार्थ करने आए थे। शास्त्रार्थ में पीपलरवा नागर विद्वानों में वेदों रामायण भगवदगीता एवम सनातन धर्म , भागवत सहित अष्टादश पुराणों के प्रकाण्ड विद्वान पण्डित श्यामलाल नंदराम व्यास
पिताश्री वेदविद , भगवदगीता, श्रीमद भागवत एवम आयुर्वेद धन्वंतरि पंडित पूर्णानन्द जी व्यास एवम अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्कृत और आयुर्वेद के विद्वान पंडित डॉक्टर श्री अंबाशंकर जी शास्त्री एवम अन्य विद्वानों ने शास्त्रार्थ किया था। काशी के विद्वानों ने विद्वता में पराजय स्वीकार की, विद्वता से ही पीपलरवा को छोटी काशी की सम्मान उपाधि मिली।
आज भी पीपलरवा छोटी काशी के नाम से भारत में जानी जाती है। यहां इकलेरा के प्रकाण्ड विद्वान श्री अनोखी लाल जी नागर का नाम अवश्य अंकित करना चाहूंगा।उनके पुत्र इकलेरा में जनेश पंडित आज भी विद्वत कार्य करते हैं। अभिलेख के प्रभाग पांच में हाटकेश्वर महादेव अष्टक एवम नरसिंह मेहता का कालजयी भजन वैष्णव जन तो तेने कहिए भी अंकित किया जा रहा है। इन अभिलेखों को वरिष्ठ नागर बंधुओं से निवेदन है कि यह कालजयी मार्गदर्शक अभिलेख अपनी संतानों को विश्व में वे जहां भी रहते हैं, शेयर अवश्य करें
अद्भुत अवर्णनीय अंबाजी , हाटकेश्वर महादेव मंदिर वडनगर और हाटकेश्वर और हरिहर मन्दिर विसनगर की धार्मिक नागर यात्रा का अभिनव वर्णन करते हुए मैं आलेख में श्री अभिनव जी दवे, श्री संजय जी मेहता , बहन सोनिया मंडलोई , श्री हर्ष मेहता श्री शलभ जी शर्मा के साथ सभी आदरणीय विद्वानों की अभिव्यक्तियों को लेखन में मुख्य स्त्रोत बनाकर एक समग्र यात्रा रिपोर्ट सर्व नागर जन हिताय एवम सुखाय आलेख एक अद्भुत डॉक्यूमेंट के रूप में प्रस्तुत कर रहा हूं।
खजराना गणेश मंदिर के मुख्य पुजारी हमारे विनीत जी भट्ट द्वारा एकता डेरी खजराना की प्रसिद्ध ठंडी ठंडी छाछ पीकर सभी नागर जन मां अंबे के दर्शन के लिए दिनांक 9 जून 2024 को मां अम्बे और वडनगर हाटकेश्वर महादेव के दर्शन की धार्मिक यात्रा के लिए निकले। शानदार पूर्ण सुविधा युक्त एयर कंडीशंड स्लीपर कोच के दो वाहन हंस ट्रैवल से प्रस्थान किये ।
इंदौर नागर ब्राह्मण परिवार द्वारा जय गणेश के गगनचुंबी जयकारे से खजराना गणेश मंदिर से प्रारंभ यात्रा में दिनांक 10 जून की सुबह तक अम्बा जी पहुंचे। बोल माड़ी अम्बे जय अम्बे के जयकारे के साथ कुलदेवी माँ अम्बे के दरबार में आये । अप्रतिम आनंद, ढोल गाजे बाजे के साथ गरबे करते हुए, ध्वजा यात्रा में सहभागिता के साथ अम्बे माता के दिव्य दर्शन को पहुंच कर दर्शन किए। दोपहर में गब्बर माताजी के अनुपम अदभुत अलौकिक दर्शन किए। संध्या काल में सभी पुरुष ठेठ नागर वैशभूषा पवित्र सोला और उपवस्त्र एवं महिला वर्ग गुजराती परिवेश में माँ की विशिष्ट *रात्रि पूजा के लिए असीम उत्साह उमंग और प्रसन्नता के साथ मंदिर में एकत्रित हुए और गर्भगृह में माँ का पूजन आशीर्वाद प्राप्त किया तथा सभी ने एक अलौकिक भव्य और अपलक निहारने की अद्भुत दिव्यता की अनुभूति की। जिसकी सुस्मृति आजीवन सभी नगरों में बनी रहेगी । इन यादों का वर्णन शब्दों में अभिव्यक्त नहीं किया जा सकता है।अनुभूत ही किया जा सकता है।
शक्रादय स्तुति का संस्कृत के साथ देवनागरी हिन्दी लिपि में लिखे अर्थ का प्रपत्र डॉ तेज प्रकाश व्यास द्वारा सभी नागर जनों को वितरित किया गया। इसे दैनिक चैतन्य लोक युवा सशक्त पत्रकार श्री प्रबल शर्मा ने संस्कृत पृष्ठ संस्कृत लोक में प्रकाशित किया । साथ ही प्रस्तुत अभिलेख भी दैनिक चैतन्य लोक सर्व श्री दीपक शर्मा एवम प्रबल शर्मा ही प्रकाशित कर रहे हैं । उनके सहयोग के लिए कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं।
11 जून 2024 में वड़नगर विराजित हमारे इष्टदेव भगवान हाटकेश्वर के विधिमान्य शास्त्रोक्त मंत्रों से पण्डित योगेश जी नागर (इंदौर) ने अभिषेक पूजन करवाया। क्रमशः सभी ने इस अभिषेक का लाभ लिया । सभी नागर अपने जीवन में धन्य एवम कृतकृत्य हो अभिभूत हुए।
तत्पश्चात् आदरणीय संजय मेहता जी की शुद्ध मनोभावना या उनकी जिद कहिए, जिसे अध्यक्ष जी अभिनव दवे महोदय द्वारा मिले समर्थन से सम्पूर्ण नागर समुदाय की दोनों बसें पूर्वजों की जन्म- कर्म स्थली विसनगर की ओर अभिमुख हो हुई । सभी ने अपने पूर्वजों की पैतृक स्थली की माटी को नमन किया और माटी को माथे लगाकर प्रसन्न हुए। अपने जीवन को सपरिवार धन्य धन्य अनुभव किया। ईश्वर के अनन्त आशीर्वाद से पुनः ऐसी पवित्र और मन मन्दिर को सुखद अनुभूति देने वाली यात्रा का योग बने , ऐसी अभिलाषा है।
आदरणीय संजय जी मेहता के मित्र श्री महेंद्र भाई रावल ( जो स्वयं आपूदि ओदिच्य ब्राह्मण हैं ) के प्रयास से विसनगर के वरिष्ठ एवम प्रबुद्ध नागर महानुभाओं द्वारा एक सादगी पूर्ण परिचय और स्वागत कार्यक्रम रखा गया, जिसके लिए इन्दौर नगरों का यात्रा दल सदैव आभारी रहेगा । विसनगर में नागरों के भव्य हरिहर मन्दिर और दो हाटकेश्वर मन्दिर के दर्शन भी किए।
इस यात्रा के सभी आयाम( यथा ठहराने , त्वरित २ घंटे में रात्रि पूजन के लिए आईडी कार्ड बनवाना , रात्रि पूजा के लिए विशेष अनुमति प्राप्त करना , गुजराती नाश्ता, सात्विक भोजन ) की इतनी भव्य एवम श्रेष्ठ व्यवस्था के लिए हमारे मेहता परिवार के दामाद श्री हिमांशु जी मेहता, बेटी सौ मेघा मेहता और मास्टर सत्व मेहता के लिए विशेष आभार अभिव्यक्त करते हैं। धन्यवाद ।
साथ ही इस अद्भुत- अकल्पनीय धार्मिक यात्रा को इतने परफेक्शन से संपन्न करवाने के लिए जिस तरह भाई श्री अभिनव जी दवे , प्रिय हर्ष जी मेहता , और भाई आनंद जी शर्मा के इतने बारीकी से हर चीज , इंतज़ाम , व्यवस्था को लागू करना वाक़ई हमारे लिए गौरव का विषय है ।
हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि हमारी इस यात्रा में भगवान खजराना गणेश जी के प्रतिनिधि के रूप में पंडित विनीत जी भट्ट और पंडित योगेश नागर जी भी थे , जिन्होंने वडनगर में शास्त्रोक्त विधि विधान से अभिषेक पूजन भी संपन्न करवाया।
श्री हिमांशु पुराणिक , भाई प्रदीप मेहता सहित बाक़ी लोगो ने भी अपने अपने अनुभव ,सामर्थ्य से सहयोग किया, क्योंकि इस पवित्र यात्रा को सफल बनाना हम सब के लिए सौभाग्य का शुभ प्रसंग था। युवा कार्यकर्ताओ ने भी बहुत ही समर्पण से सहयोग किया जिसके लिये गर्व अनुभव करते हैं।
अंत में माँ अम्बे ,भगवान हाटकेश से यही विनती है की सभी नागर ब्राह्मण परिवारों को स्वस्थ ,सुखी और संपन्नता का आशीष प्रदान करे
श्री शलभ जी शर्मा के शब्दों में “आनंद के साथ संपन्न हुई बहुप्रतीक्षित मां अंबाजी एवम वडनगर हाटकेश्वर महादेव मंदिर दर्शन की अकल्पनीय यात्रा की कभी कल्पना भी नहीं की थी की यह भव्य धार्मिक यात्रा सफलता के अनगिनत झंडे गाड़ेगी।
बहुत शानदार व्यवस्था,सभी कार्यकर्ताओं की विनम्र और अति सहयोगत्मक सेवा शैली से सभी संतुष्ट हुए
यात्रा पर प्रतिक्रिया —
श्रीमती सोनिया मण्डलोई प्रदेशाध्यक्ष म.प्र.नागर ब्राह्मण महिला परिषद के अपने शब्दों में यह अभूतपूर्व धार्मिक यात्रा का यथावत मनभावन और चैतन्य वर्णन करते हुए कहा
मध्यप्रदेश नागर ब्राह्मण परिषद शाखा इंदौर के तत्वाधान में तथा शाखा अध्यक्ष श्री अभिनव जी के नेतृत्व में श्री हर्ष मेहता , श्री प्रदीप मेहता , श्री आनंद शर्मा , प.विनीत भट्ट जी , श्री हिमांशु पुराणिक जी तथा अहमदाबाद से इस यात्रा के समन्वयक श्री हिमांशु मेहता जी ….आप सभी के उच्चतम एवम कुशल प्रबंधन एवं मेहनत का परिणाम है कि हम 80 नागर जन की यह अढ़ाई दिवसीय धार्मिक यात्रा सानंद निर्विघ्न सम्पन्न हुई। 3 साल के बच्चे से ले कर 80 साल के बुजुर्ग इस यात्रा में शामिल हुए तथा सभी ने इस यात्रा में भरपूर आनंद उठाया।
अम्बा जी के पहले 2 बार दर्शन हम दोनों कर चुके थे , किंतु रात्रि पूजन का यह पहला अवसर था। सुबह गाजे बाजे के साथ ध्वजा जी को लेकर जाना तथा उसे शिखर पर स्थापित होते देखना , असीम दिव्य अनुभव रहा। रात्रि पूजन में गरबा गायन , गर्भगृह में विशेष पूजा के समय अम्बा माँ के साक्षात दर्शन , भोग थाल , आरती के पश्चात पुनः गर्भगृह में माँ का आशीर्वाद। शाम 7 बजे से ले कर रात्रि 1 एक बजे तक इस अलौकिक क्षणों में पता नही कितनी बार आंखे स्नेह में भीगती रही, शायद इसलिये कि यह अनुभव मैंने अपनी अभी तक की जिंदगी में पहली बार अनुभव किया। हर पल गर्वित पल रहा , यह सोच कर कि विशेष रात्रि पूजन का सौभाग्य हम सिर्फ नागर जन को ही मिलता है।
दूसरे दिन वडनगर में हाटकेश्वर महादेव कुल देवता का विधि विधान से अभिषेक का सौभाग्य प्राप्त हुआ। तत्पश्चात श्री संजय मेहता जी की पहल से हमारे पूर्वजों की नगरी विसनगर जिससे आज भी हमारी पहचान है , को नमन करने का सुअवसर मिला। बस से नीचे उतरते ही विसनगर कि रज माथे पर लगा कर उपस्थित सब नागर जन भावविभोर हो गए। मुझे जब भी कहीं बोलना रहता है: मेरा पहला वक्तव्य हमारे उन पूर्वजो को समर्पित रहता है , जिन्होंने आक्रांताओं से स्वयं की रक्षा करते हुए विषम परिस्थितियों में अपने इस गृह नगर को छोड़ा और आज मैं अपने पूर्वजों की धरती पर खड़ी हूँ और गर्व अनुभव कर रहे हूं । मेरी निगाह हर एक घर पर जा कर टिकती रही कि इन किसी घरों में हमारे पूर्वज निवासरत रहे होंगे।
विसनगर नागर मंडल द्वारा हम सभी से परिचय एवं सम्मान, आत्मीय पल रहे और बगैर किसी पहचान के अपने जाति बन्धुओ से मिलना सुखदाई रहा। इस परस्पर भेंट के लिये श्री रावल जी का आभार अभिव्यक्त करती हूं।
कुल देवी अम्बा जी और कुल देवता भगवान हाटकेश्वर से समस्त नागरजन के लिये शुभ मंगल प्रार्थना की। तथा साथ ही मध्यप्रदेश नागर ब्राह्मण परिषद , महिला परिषद तथा युवा परिषद तथा प्रदेश की सभी शाखाओं की और से प्रार्थना की एवं आशीर्वाद प्राप्त किया।
श्री कृपानिधेश्वर हाटकेश महादेव मंदिर ट्रस्ट विसनगर के श्री केतन भाई पंडित एवम उनकी टीम समस्त रात्रि पूजन की व्यवस्था में अपनी निस्वार्थ भाव से सेवा देते हैं, जिसमे पुरुष एवं महिलाओं के अलावा बच्चे भी शामिल रहते हैं।आप सभी का हार्दिक अभिनंदन एवं आभार। इस पुण्य कार्य के लिये आप सभी को साधुवाद हम आपकी इस सेवा के लिये हमेशा ऋणी रहेंगे।और अंत मे कलम कड़छी और बरछी हम नागरों के पवित्र चिन्ह है, कलम के आशीर्वाद स्वरूप हम आज यह सब लिख रहे , बरछी की जब जरूरत होगी निकाल सकते है और कड़छी की सार्थकता पिछले 2 दिनों में देख ली।इंदौर से स्वादिष्ट कचोरी से लेकर पूरे 2 दिनों तक सात्विक तथा फलाहारी भोजन से लेकर पुनः बस से उतरते समय केसर केरी से विदाई से सबका स्वाद मुँह में बस गया। एक बार पुनः सभी को हार्दिक बधाई। बोल म्हारी अम्बे जय जय अम्बे। जय हाटकेश🙏🏻
आप सब स्वस्थ एवं प्रसन्न रहे तथा जो ऊर्जा और शक्ति हमें अम्बा जी एवं हाटकेश्वर महादेव से मिली है , उसे नेक और पुण्य कार्य मे लगाएंगे।