International Yog Day: योग अपनाएं- एक ध्यानमय जीवन की ओर कदम बढ़ाएं

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International Yog Day: योग अपनाएं- एक ध्यानमय जीवन की ओर कदम बढ़ाएं

॥ व्यायामात् लभते स्वास्थ्यं दीर्घायुष्यं बलं सुखं। आरोग्यं परमं भाग्यं स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनम्॥

 

अर्थात् व्यायाम से स्वास्थ्य, लम्बी आयु, बल और सुख की प्राप्ति होती है। निरोगी होना परम भाग्य है और स्वास्थ्य से अन्य सभी कार्य सिद्ध होते हैं। यह बात शास्त्रों में उल्लेखित है।

योग का महत्व आज पूरा विश्व मान रहा है। योग शरीर को निरोगी काया रखने में सक्षम होता है। योगासनों में 84 प्रकार के आसन का उल्लेख किया गया है। इनमें से कुछ आसन हमारे दैनिक जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए बहुत अहम है। स्वास्थ्य के अलावा मानसिक शांति और आत्मज्ञान के लिए योग प्राणायाम का महत्व बहुत अधिक है। योग करने से हमारी सोचने की क्षमता में वृद्धि होती है। योग के कारण सकारात्मक ऊर्जा और विचारों में शुद्धता आती है। योग का हमारे देश से बहुत प्राचीन संबंध है। योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भले ही बाद में पहचान मिली हो लेकिन योग का महत्व सदियों पुराना है। पहला सुख निरोगी काया को बताया है जो योग से ही संभव है। योग पर कई पुस्तकें लिखी जा चुकी है, जिनके अध्ययन से पता चलता है कि योग हमारे जीवन को बदलकर बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। योग हमारे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। योग का स्वस्थ जीवन में विशेष महत्व होता है। योग को अपनी नियमित दिनचर्या में शामिल कर स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है। नियमित योग करने से शारीरिक स्थिति में तेजी से सुधार होता है। योग हृदय संबंधी समस्याओं को नियंत्रित करता है और हड्डियों को मजबूत करता है। योग शरीर को स्वस्थ बनाने के साथ-साथ स्मरणशक्ति को बढ़ाता है। योग मानसिक स्थिति को नियंत्रित करने में सक्षम बनाने के साथ तनाव को कम करता है। वर्तमान में योग के प्रति आमजन में जागरूकता बढ़ी है और कई शहरों में योग के शिविर बड़े स्तर पर लगते हैं। योग का व्यक्ति के आत्म ज्ञान और आध्यात्मिक विकास की दिशा में विशेष महत्व है। योग श्वसन प्रणाली को सुधारता है और श्वास की समस्याओं को दूर करता है। योग वजन कम और नियंत्रित करने में सहायक होता है। काया को सुंदर बनाने के साथ-साथ शरीर को लचीला भी बनाता है। योग व्यक्ति को संतुलित और स्वस्थ जीवन जीने की कला सीखने के साथ-साथ आंतरिक शान्ति और अंतर मन को सुदृढ़ बनाने में मदद करता है। इन सभी फायदों के अलावा, योग व्यक्ति को संतुष्ट, सकारात्मक और सफल जीवन जीने की कला सिखाता है, इसलिए, योग को नियमित रूप से अपने जीवन में शामिल करके व्यक्ति अपने शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं।

दसवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस स्वयं एवं समाज के लिए योग की थीम पर 21 जून को मनाया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य उद्देश्य वसुधैव कुटुम्बकम के भाव के साथ स्वयं एवं समाज के लिए योग रखा गया है, जिससे जन मानस में योग के महत्व और बेहतर स्वास्थ्य और जीवन में योग के महत्व का जनजागरण हो। योग से शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक लाभों के बारे में बताते हुए जन मानस को योग से जोड़कर हमारी प्राचीन विरासत की महत्ता समझाना है। इस दिन के माध्यम से प्रत्येक जन मानस योग के महत्व को समझाते हुए योग को अपनी दैनिक दिनचर्या में सम्मिलित करते हुए एक स्वस्थ शरीर के साथ अपने अन्तर्मन को सशक्त करने के प्रेरित किया जाता है। योग के माध्यम से मिलने वाली मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य और विकास के सकारात्मक महत्व से प्रेरित किया जाता हे। इसके साथ ही इस दिन के माध्यम से योग की प्राचीन परंपरा को बढ़ावा देते हुए विश्व समुदाय को प्राचीन भारत से समाहित योग शिक्षा और ज्ञान का प्रसार करना है।

*तो कुछ यूं मनाया जाता है विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस*

भारत के साथ-साथ विश्व के अन्य देशों में योग का महत्व दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। दुनिया के प्रमुख देशों में योग दिवस को विभिन्न तरीकों से मनाया जा रहा है। योग दिवस पर योग की गतिविधि के साथ-साथ सेमिनार, योग शिविर, मुफ्त योग सत्र का आयोजन कर अधिक से अधिक व्यक्तियों को योग से जोड़कर स्वस्थ और निरोगी दुनिया की परिकल्पना को साकार करने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे है।

महर्षि पतंजलि को योग का जनक माना जाता है। भारत में आधुनिक युग में भी योग के प्रचार-प्रसार और उसकी महत्ता को प्रतिपादित करने के लिए अनेक संतों तथा महापुरूषों ने भी अहम भूमिका निभाई है। इनमें तिरुमलाई कृष्णमाचार्य, स्वामी विवेकानंद, स्वामी रामतीर्थ, रमना महर्षि, परमहंस योगानंद, श्री अरबिंदो, स्वामी कुवलयानंद, स्वामी शिवानंद, जिद्दू कृष्णमूर्ति, श्रिला प्रभुपद, राघवेंद्र स्वामी, श्री कृष्णामाचार्य, महर्षि महेश योगी, योग गुरू बाबा रामदेव प्रमुख रूप से शामिल है।

आज शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी दुनिया भर के लोगों के लिए बड़ी चुनौती है। इसलिए विश्व के अनेक देशों में योग जीवन चर्या का हिस्सा बन गया है। बतौर योग प्रशिक्षक अच्छा कॅरियर बनाया जा सकता है। भारतीय परंपरा में हजारों वर्षों से योगाभ्यास किया जाता रहा है। योग आज पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो चुका है। स्वयं को मानसिक एवं शारीरिक तौर पर स्वस्थ रखने के लिए दुनिया के लाखों लोग योग का अभ्यास करते हैं। जैसे-जैसे लोग योग के माध्यम से शारीरिक और मानसिक लाभों की तलाश कर रहे हैं, कुशल योग प्रशिक्षकों की मांग बढ़ती जा रही है। कई शिक्षण संस्थानों में योग को अनिवार्य कर दिया है। योग को एक अच्छे कॅरियर के तौर पर अपनाकर आप भी अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं।

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 में संयुक्त महासभा में दुनिया के तमाम देशों से योग दिवस को मनाने का आह्वान किया। इस प्रस्ताकव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीसकार कर लिया और तीन माह के अंदर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन का ऐलान कर दिया।

प्रधानमंत्री श्री मोदी की पहल पर भारत सहित पूरी दुनिया में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। इस साल भी अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास ने 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पहले वॉशिंगटन डीसी में एक योग सत्र का आयोजन किया। वॉशिंगटन डीसी के द व्हार्फ में आयोजित योग सत्र में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। इस साल योग दिवस की थीम स्वयं और समाज के लिए योग रखी गई है।

भारत के प्रधानमंत्री की इस पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने जब 2014 में हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की घोषणा की, तो उसके बाद साल दर साल योग का वैश्विक महत्व लगातार बढ़ता गया है। अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारतीय संस्कृति में प्रचलित योग के पक्ष में दलील देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यही कहा कि योग तो सभी को एक सूत्र में पिरोता है। यह विचारधाराओं से परे, सबके स्वस्थ और मंगल होने की कामना करता है।

भारत ने ही पूरी दुनिया को योग सिखाया है और इसीलिए योग को लेकर भारत को ‘विश्व गुरु’ कहा जाता है क्योंकि पूरी दुनिया को यह अमूल्य ज्ञान भारत से ही मिला है। हर साल कई देशों से तो लोग खासतौर से योग सीखने के लिए ही भारत आते हैं। 21 जून 2015 से दुनिया भर में योग दिवस मनाया जा रहा है और इन 10 वर्षों में भारत के ही कारण योग को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पहचान मिली है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने योग को अब पूरी दुनिया में पहचान दिलाई। उसी के बाद दुनिया के 177 देशों ने योग को हरी झंडी दी और भारत के योग को 21 जून को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय योग के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।

योगश्चित्तवृत्तिनिरोधः

अर्थात – योग चित्त की वृत्तियों को नियंत्रित करना है।

योगिनः कर्म कुर्वन्ति सङ्गं त्यक्त्वाऽत्मशुद्धये ।

अर्थात- योगी लोग कर्म करते हैं, संग का त्याग करके, अपने आत्मा की शुद्धि के लिए।

(लेखक भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं इंदौर के संभागायुक्त हैं)