DSP to Sipahi : अय्याशी करते रंगे हाथ पकड़े गए DSP को बतौर सजा सिपाही बना दिया गया!

घर जाने के लिए छुट्टी ली, घर नहीं पहुंचे तो पत्नी ने SP को उनके लापता होने की सूचना दी!

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DSP to Sipahi : अय्याशी करते रंगे हाथ पकड़े गए DSP को बतौर सजा सिपाही बना दिया गया!

Unnao (UP) : आशिकी करते पकड़े गए एक डीएसपी को विभागीय जांच के बाद सिपाही बना दिया गया। ये डीएसपी छुट्टी लेकर एक महिला सिपाही के साथ कानपुर की एक होटल में अय्याशी कर रहे थे। इस आशिक मिजाजी साहब को अंदाजा नहीं था कि उन पर इतनी बड़ी कार्यवाही हो सकती है।

रंगरेलियां मनाते हुए रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद हुई विभागीय जांच के नतीजे ने उन्हें ‘साहब: से सीधे ‘सिपाही’ बना दिया। यह डीएसपी गोरखपुर स्थित पीएसी की जिस 26वीं वाहिनी में डिप्टी कमांडेंट के पद पर तैनात थे। अब वहीं उनकी ड्यूटी सिपाही के रूप में वाहिनी व्यवस्था में लगा दी गई।

घर जाने के बहाने छुट्टी ली, पर घर नहीं गए

यह घटना जुलाई 2021 की है। डीएसपी कृपाशंकर कन्नौजिया उस समय उन्नाव जिले की बीघापुर सर्किल में तैनात थे। सहयोगी महिला सिपाही के साथ उनका इश्क परवान चढ़ा। इश्क में डूबे साहब ने घर में जरूरी काम बताकर 6 जुलाई को अपने अधिकारी से छुट्टी ली। लेकिन, घर नहीं पहुंचे। घर वालों ने उनसे फोन पर संपर्क किया, लेकिन बात नहीं हो पाई। घबराई पत्नी ने अनहोनी की आशंका जताते हुए उन्नाव के एसपी से संपर्क किया। डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारी की गुमशुदगी की सूचना ने एसपी को चिंता में डाल दिया। उनकी तलाश के लिए जिले की सर्विलांस टीम के साथ अन्य पुलिस टीमों को लगा दिया गया।

उनकी कानपुर में मिली लोकेशन

सर्विलांस टीम ने पड़ताल शुरू की तो पता चला कि उनकी आखिरी लोकेशन कानपुर के माल रोड में आई है। टीम डीएसपी को तलाशते हुए माल रोड के एक होटल में पहुंची। वहां उनकी फोटो दिखाकर मैनेजर से पूछा कि क्या ये यहां आए थे। मैनेजर ने बताया कि साहब किसी महिला के साथ होटल के कमरे में ही रुके हैं। टीम ने सीओ साहब से संपर्क कर कहा कि घरवाले परेशान हैं वह पत्नी से बात कर लें।

डीजीपी मुख्यालय का एक्शन

सीओ ने पत्नी को वीडियो कॉल करके बताया कि वह किसी शादी समारोह में शामिल होने के लिए कानपुर आए हैं। लेकिन, सीओ साहब की पूरी पोल पट्टी खुल गई। डीजीपी मुख्यालय ने सीओ को निलंबित करते हुए उनके खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी। विभागीय जांच में दोषी पाए जाने के बाद उन्हें डिमोट करके उनके मूल पद पर भेज दिया गया।