जन-जन को भाएगा मोहन कैबिनेट का यह मनभावन फैसला …
आपातकाल की बरसी के 49 साल पूरे होने पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जन-जन को लुभाने वाला लोकतांत्रिक फैसला किया है। यह फैसला मध्यप्रदेश में आपातकाल से भी तीन साल पहले यानि 1972 से लागू था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आयोजित की गई कैबिनेट बैठक में 25 जून 2024 को बड़ा फैसला लिया गया है। इस बैठक में सरकार ने 52 साल पुराना नियम बदलते हुए तय किया है कि अब सरकार मंत्रियों का इनकम टैक्स नहीं भरेगी। अब मंत्रियों को अपना इनकम टैक्स खुद भरना होगा। मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों द्वारा अपना इनकम टैक्स खुद भरने से सरकार का आर्थिक बोझ कम होगा। यह नियम 1972 से चल रहा था और अब तक सरकार मंत्रियों का इनकम टैक्स भर रही थी। अब प्रदेश के मंत्रियों के वेतन भत्ते पर लगने वाला इनकम टैक्स राज्य सरकार नहीं भरेगी बल्कि वे स्वयं मंत्री भरेंगे।
वैसे कैबिनेट बैठक में वर्ष 2024-25 की बजट का प्रस्तुतीकरण हुआ और इसमें किए गए प्रावधानों पर सहमति जताई गई। पर दूसरा लोकलुभावन फैसला यह है कि कृषि विभाग के द्वारा प्रदेश के सभी विकास खंडों में सॉयल टेस्टिंग लैब की शुरुआत के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसका लोकलुभावन हिस्सा यह है कि सभी विकासखंडों में स्थापित मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं का संचालन कृषि स्नातक और कृषि क्षेत्र में काम करने वाली सहकारी समितियां करेंगी। प्रत्येक विकासखंड में 45-45 नमूनों की जांच के लिए राशि राज्य सरकार देगी। इसके बाद संचालनकर्ता स्वयं मृदा परीक्षण करेंगे और राशि प्राप्त करेंगे। इससे युवा हाथों को रोजगार मिलेगा और मिट्टी परीक्षण के प्रति किसानों में जागरूकता आएगी। तो ग्रीन मध्यप्रदेश के लिए सरकार की यह भी अच्छी पहल है कि कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के अंतर्गत पौधारोपण के लिए निर्धारित 10 हेक्टेयर क्षेत्र की सीमा नहीं रखी जाएगी यानी कोई संस्था दो हेक्टेयर में भी पौधारोपण करना चाहती है तो उसे भी अनुमति दी जाएगी। छात्रों के हित में यह भी लुभाने वाला फैसला है कि मध्य प्रदेश वे विद्यार्थी जो अन्य राज्यों के सैनिक स्कूल में पढ़ते हैं, उन्हें भी छात्रवृत्ति दी जाएगी। तो एक भावनात्मक फैसला भी है कि सैनिक के बलिदान होने पर उसकी पत्नी को दी जाने वाली सम्मान निधि का आधा हिस्सा शहीद के माता-पिता को दिया जाएगा। अब इस फैसले के अलग-अलग पहलू हो सकते हैं। पर बहुमत सरकार के इस फैसले के साथ है।
तो डॉ. मोहन यादव अब यह जता रहे हैं कि वह जनता की नब्ज समझते हैं। और अब समय आ गया है कि यह बात मध्यप्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता भी महसूस करे। इसलिए ऐसे फैसलों की झलक अब जनता को देखने को मिलती रहेगी। निश्चित तौर पर मोहन यादव की कैबिनेट का यह फैसला मनभावन है कि सरकार अब मंत्रियों का इनकम टैक्स नहीं भरेगी…।