भोपाल: प्रदेश के 15 से अधिक जिलों में वरिष्ठ नेताओं की खींचतान के चलते अटकी जिला कार्यकारिणी सोमवार को हुई जिला प्रबंध समिति के गठन की कार्यवाही के बाद घोषित होने लगी है। खासतौर पर ग्वालियर चंबल के 9 जिलों में जो कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाले क्षेत्र में आते हैं, उनमें से चार जिलों में कार्यकारिणी का ऐलान कर दिया गया है। इसके अलावा धार, उज्जैन की भी कार्यकारिणी भी घोषित कर दी गई है जहां विधायकों और मंत्रियों की खींचतान के चलते फैसला नहीं हो पा रहा है।
भाजपा बूथ स्तर पर संगठन विस्तार की तैयारी में जुटी है और पिछले एक साल से जिलों की कार्यकारिणी का ऐलान नहीं होने से जिला स्तर पर संगठनात्मक गतिविधियों में तेजी नहीं आ पा रही है। जिला अध्यक्षों द्वारा खींचतान के चलते पूरा मामला प्रदेश संगठन के संज्ञान में भी लाया गया था। इसके बाद संगठन ने चर्चा के बाद समन्वय स्थापित करते हुए उन जिलों की कार्यकारिणी घोषित कराने का काम कल से शुरू किया है जहां की घोषणा बाकी थी।
प्रदेश कार्यालय में कल हुई मेगा मीटिंग के बाद अशोकनगर, गुना, शिवपुरी, धार, ग्वालियर ग्रामीण और उज्जैन की जिला कार्यकारिणी की सूची सार्वजनिक हो चुकी है जबकि बाकी जिलों की सूची भी जल्द आने वाली है।
भोपाल, इंदौर में अभी भी पेंच
भाजपा की भोपाल और इंदौर नगर की कार्यकारिणी का ऐलान अभी भी नहीं हो सका है। इन जिलों में नेताओं की खींचतान के चलते अटकी सूची का विवाद न थमने पर पार्टी ने जिला कार्यसमिति की बैठकें बिना नई टीम बने ही कराने की सहमति जिला अध्यक्षों को दे दी थी। इन बैठकों में इसी के चलते जिला अध्यक्षों ने पुरानी कार्यकारिणी के साथ अपनी पसंद के नेताओं को भी शामिल किया था। माना जा रहा है कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर शहर के साथ बाकी बचे आधा दर्जन शहरों की जिला कार्यसमिति की घोषणा भी अब जल्द होगी।