Sujata Saunik: महाराष्ट्र की पहली महिला मुख्य सचिव बनी 1987 बैच की IAS सुजाता सौनिक, पति भी रह चुके है CS
मुंबई । भारतीय प्रशासनिक सेवा में 1987 बैच की अधिकारी सुजाता सौनिक महाराष्ट्र की पहली महिला मुख्य सचिव बनी है। उन्होंने आज इस पद का कार्यभार संभाल लिया । उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव डॉ. नितिन करीर की जगह ली जो आज रिटायर हो गए।
इसके पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता वाला राज्य सामान्य प्रशासन विभाग औपचारिक आदेश जारी किया और आज सुजाता ने निवर्तमान मुख्य सचिव नितिन करीर से कार्यभार ले लिया। सुजाता सौनिक अगले साल जून में सेवानिवृत्त होंगी। सुजाता सौनिक के अलावा राजस्व विभाग से अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश कुमारी (1987 बैच) और मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव इकबाल चहल (1989 बैच) मुख्य सचिव पद के लिए दो अन्य प्रमुख दावेदार थे।
सरकार आगामी विधानसभा चुनावों से पहले महिला मतदाताओं को एक मजबूत संकेत भेजना चाहती है। इसके अलावा सुजात का चयन ऐसे समय में हुआ है जब सरकार ने हाल ही में चौथी महिला नीति के कार्यान्वयन की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य महिलाओं का सशक्तीकरण और विकास करना है।
सख्त और बेबाक अधिकारी के रूप में जानी जाने वाली सुजाता सौनिक मुख्य सचिव बनने से पहले राज्य के गृह विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव का कार्यभार संभाल रही थी। हाल ही में उन्हें कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा सचिव रैंक पर पदोन्नत किया गया था। उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग में भी अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर कार्य किया है। साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य सहित कुछ अन्य विभागों में भी काम किया है।
सुजाता सौनिक के पास स्वास्थ्य सेवा, वित्त, शिक्षा, आपदा प्रबंधन एवं जिला, राज्य और संघीय स्तर पर शांति स्थापना और भारतीय प्रशासनिक सेवा और संयुक्त राष्ट्र के हिस्से के रूप में अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सार्वजनिक नीति और शासन का तीन दशकों का अनुभव है।
सरकार ने उनके पति मनोज सौनिक को अप्रैल-दिसंबर 2023 तक सीएस नियुक्त किया था। वर्तमान में मनोज सौनिक मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार हैं।
मनोज सौनिक के सेवानिवृत्त होने के बाद सरकार ने दूसरी बार इस पद के लिए सुजाता सौनिक पर विचार नहीं किया और 1988 बैच के उनके जूनियर नितिन करीर को मुख्य सचिव के पद पर चुन लिया था। पिछले साल 31 दिसंबर को नियुक्त किए गए करीर को इस साल मार्च में सेवानिवृत्त होना था, लेकिन लोकसभा चुनावों के मद्देनजर उन्हें तीन महीने का सेवा विस्तार दिया गया था।