Rajasthan Assembly Session begins: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र की हंगामेदार शुरुआत, 45 मिनट बाद स्पीकर ने स्थगित की कार्यवाही

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Rajasthan Assembly Session begins: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र की हंगामेदार शुरुआत, 45 मिनट बाद स्पीकर ने स्थगित की कार्यवाही

गोपेन्द्र नाथ भट्ट की रिपोर्ट 

सोलहवीं राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र बुधवार से शुरू हुआ लेकिन पहले दिन सदन की कार्यवाही केवल 45 मिनट तक चल सकी।इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) वासुदेव देवनानी ने विधानसभा की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। अब 4 जुलाई की सुबह 11 बजे दूसरे दिन की कार्यवाही होगी।इस सत्र में राजस्थान की उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दिया कुमारी राजस्थान का पूर्ण कालीन बजट प्रस्तुत करेगी।

बुधवार को राजस्थान विधानसभा का यह बजट सत्र प्रतिपक्ष के भारी हंगामे के साथ शुरू हुआ । आज विधानसभा के द्वितीय सत्र के पहले दिन अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्ति दिवस पर विधानसभा पटल पर समस्त सम्मानित विधायकों के साथ राजस्थान को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने की शपथ ली गई।

इस दौरान विपक्षी दल के नेताओं ने सदन में जमकर नारेबाजी की और स्पीकर से ‘प्लास्टिक मुक्त राजस्थान’ की जगह ‘संविधान बचाने’ की शपथ दिलाने की मांग की।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि नए सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होती है। विधानसभा का पिछला सत्र मार्च में खत्म हो गया था। अभिभाषण नहीं होना असंवैधानिक है।

प्रतिपक्ष के नेता जूली ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर उनका माइक बंद करने का भी आरोप लगाया।

विधि और संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के राज्यपाल अभिभाषण को लेकर उठाए गए सवालों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष नेता जूली नियमों की गलत व्याख्या कर रहे हैं। मंगलवार से शुरू हुआ सत्र नया नहीं है। प्रतिपक्ष के नेता की मांग खारिज कर दी। इसके विरोध में कांग्रेस के सदस्य ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस पर प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए शपथ दिलाने का प्रस्ताव रखा। प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने इसका विरोध किया और कहा कि प्लास्टिक निर्माता के खिलाफ प्रस्ताव लाना चाहिए लेकिन सरकार प्लास्टिक बैंग बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करना चाहती है।

हंगामा और विरोध के बीच ही विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विधानसभा में प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए शपथ दिलाने की कार्रवाई शुरू की और इस शपथ के बाद इस संकल्प को पारित कर दिया गया।

इसके अलावा प्रतिपक्ष के नेताओं ने विधानसभा के इस दूसरे सत्र में राज्यपाल का अभिभाषण न होने पर भी सवाल उठाए और इसे संविधान के विरुद्ध बताया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि नए सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होती है। विधानसभा का पिछला सत्र मार्च में खत्म हो गया था। अभिभाषण नहीं होना असंवैधानिक है। इस पर स्पीकर वासुदेव देवनानी ने जवाब देते हुए कहा कि दूसरे सत्र में राज्यपाल का अभिभाषण जरूरी नहीं है।यह जवाब सुनकर विपक्षी दलों ने फिर हंगामा शुरू कर दिया।

विधि और संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के राज्यपाल अभिभाषण को लेकर उठाए गए सवालों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष नेता जूली नियमों की गलत व्याख्या कर रहे हैं। बुधवार से शुरू हुआ यह सत्र नया नहीं है। स्पीकर देवनानी ने प्रतिपक्ष के नेता की मांग खारिज कर दी। इसके विरोध में कांग्रेस के सदस्य ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी।प्रतिपक्ष के नेता जूली ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर उनका माइक बंद करने का भी आरोप लगाया।

*दिलचस्प नजारा- बाप विधायक ने आदिवासियों की परंपरागत वेशभूषा में ली शपथ*

शोर शराबी के मध्य ही दक्षिणी राजस्थान के बाँसवाड़ा ज़िले की बागीदौरा विधान सभा सीट से उपचुनाव में जीत कर आये भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी,बाप ) के नाव निर्वाचित विधायक जयकृष्ण पटेल को विधान सभा अध्यक्ष देवनानी ने विधायक पद की शपथ दिलाई। दिलचस्प नजारा यह रहा कि जयकृष्ण पटेल आदिवासियों की परंपरागत वेशभूषा पहने हुए थे और उन्होंने सिर पर परंपरागत फेटा भी बाँध रखा था। जयकृष्ण पटेल बागीदौरा सीट से आदिवासी नेता कांग्रेस के महेन्द्र जीत सिंह मालवीय के इस्तीफ़ा से ख़ाली हुई सीट से चुनाव जीत कर आये है। महेन्द्र जीत सिंह मालवीय ने भाजपा की टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस और उस सीट के विधायक पद से इस्तीफ़ा दिया था लेकिन वे कांग्रेस के समर्थन से चुनाव लड़े बाप के उम्मीदवार राज कुमार रोत के सामने चुनाव नहीं जीत पाये।

इस बीच शिव विधानसभा के चर्चित निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि आज के समय में बेरोजगारी बहुत बड़ी समस्या है। युवाओं को रोजगार मिले। बालोतरा को विशेष दर्जा मिले। साथ ही सरकार से मांग की कि जल्द ही छात्र संघ चुनाव करवाएं।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बुधवार को विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन की कार्यवाही में शामिल हुईं।इस दौरान उन्होंने हाथरस भगदड़ की घटना पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, ‘मैं प्रार्थना करती हूं कि शोक संतप्त परिवारों को नुकसान सहने की शक्ति मिले।’

विधानसभा में हाथरस की घटना में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि से पहले गुजरात और त्रिपुरा की पूर्व राज्यपाल कमला बेनीवाल, लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष मनोहर जोशी,पूर्व विधायक महावीर प्रसाद जैन, राधेश्याम गंगानगर, चंद्रशेखर, उमेश सिंह, विवेक धाकड़, प्रभुलाल, कृष्ण गोपाल कोगटा, मोटाराम, रतिराम यादव और हुकम सिंह को श्रद्धांजलि दी गई। बाद में विपक्ष के हंगामे के बीच स्पीकर देवनानी ने सदन की कार्रवाई बुधवार प्रातकाल 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

बजट सत्र के पहले दिन की कार्यवाही पूर्ण होने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने एक्स सोशल मीडिया प्लेटफ़ार्म पर दो बाते लिख शेयर की। उन्होंने राजस्थान विधानसभा के द्वितीय सत्र के प्रारंभ से पूर्व मंत्रिमंडल के सम्मानित सदस्यों द्वारा किए गए आत्मीय स्वागत एवं अभिनंदन के लिए सभी का हृदय से आभार जताया,जबकि बात उन्होंने सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त राजस्थान के निर्माण की शपथ के बारे में बताई और कुछ तस्वीरें भी शेयर कीं।

राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी एक्स पर एक वीडियो क्लिप शेयर करते हुए भजनलाल सरकार से 4 सवाल पूछे हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘अध्यक्ष जी, लोकसभा में माइक बंद कर देते हैं और यहां मेरा भी माइक बंद कर रहे हैं. क्या यही भाजपा का लोकतत्र है? क्या आमजन की आवाज़ उठाना अपराध है? क्या दलित पिछड़ो की पैरवी करना गलत है? सदन की यें परंपरा गैर लोकतांत्रिक है?’

इसी प्रकार राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने बजट सत्र के दौरान की एक वीडियो क्लिप शेयर करते हुए एक्स पर लिखा, ‘लोकतंत्र में विपक्ष की आवाज दबाना शर्मनाक है! लोकसभा के बाद विधानसभा में भी माइक बंद कर दिया गया।उन्होंने लिखा कि नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली को सदन में बोलने एवं जनता की आवाज उठाने से रोकने की साजिश की जा रही है।’

सत्र की पूर्व संध्या को भाजपा विधायक दल की बैठक में विधानसभा सत्र के दौरान केन्द्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और राज्य सरकार द्वारा आचार संहिता के बावजूद कम समय में किए गए जनहित के बड़े फैसलों और कार्यों का सदन में पूरजोर तरीके से उल्लेख करने पर सहमति बनी । वहीं कांग्रेस ने भी गहलोत सरकार मे लिए गए फैसलों को रिव्यू करने वाले मसले पर सरकार को घेरने की बात कही।इस सत्र में कई विधेयक भी पारित होने की उम्मीद है, जिसमें राज्य में तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने वाला विधेयक भी शामिल बताया जा रहा है।