Baba Hiding in Ashram : मैनपुरी के बिछुआ आश्रम में अनुयायियों के साथ छुपा है भोले बाबा, पुलिस ने आश्रम को घेरा!

दमकल गाड़ियां भी आश्रम के बाहर पहुंचीं, मीडिया को बाहर रोक दिया गया!

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Baba Hiding in Ashram : मैनपुरी के बिछुआ आश्रम में अनुयायियों के साथ छुपा है भोले बाबा, पुलिस ने आश्रम को घेरा!

मैनपुरी से ऋषिकांत दुबे की रिपोर्ट

Mainpuri : हाथरस जिले के सिकंदराराऊ में सत्संग में मची भगदड़ के बाद अब सारी नजरें उस बाबा पर टिकी है जो अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लगा! इस भगदड़ में 122 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की जानकारी सामने आई। घटना के बाद भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि मौके से निकल गए। वे मंगलवार की शाम को मैनपुरी आश्रम पहुंच गए और यहां अनुयायियों के साथ बाबा मौजूद हैं।

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जानकारी मिलने के बाद रात से ही पुलिस भोले बाबा से संपर्क करने की कोशिश कर रही है। लेकिन, आश्रम में मौजूद बाबा किसी से मिल नहीं रहे। वे आश्रम के अंदर बड़ी संख्या में अनुयायियों के साथ मौजूद हैं। पुलिस ने भी आश्रम के पास डेरा डाल दिया है। आश्रम के चारों तरफ पुलिस मौजूद है। बाहर दमकल की गाड़ी भी खड़ी कर दी गई है। पुलिस किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। समाचार लिखे जाने तक पुलिस ने आश्रम में प्रवेश नही किया है। मीडिया को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। लेकिन, चर्चा है कि पुलिस कभी भी आश्रम में प्रवेश कर बाबा को पकड़ सकती है।

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बताया जाता है कि बाबा आश्रम में रहें या न रहें। लेकिन, उनके भक्तों के आने का सिलसिला अनवरत जारी रहता है। भोले बाबा की मान्यता काफी समय से है। दूर दूर से भक्त आश्रमों में नियमित रूप से पहुंचते हैं। भक्तों की मौजूदगी आश्रम में रहने के कारण आश्रम भी गुलजार रहता है।

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कौन है भोले बाबा बना सूरजपाल जाटव
इटावा जिले में कांस्टेबल के पद पर तैनात रहा सूरजपाल जाटव को एफआईआर होने के बाद बाबा निलंबित कर दिया गया। इसके बाद बाबा ने नौकरी छोड़ दी और प्रवचन देने लगा। फिर बाबा ने अपना नाम और रूप धारण कर लिया। इसके बाद सत्संग और प्रवचन शुरू कर दिए। सत्संग शुरू करने के बाद सूरजपाल को भोले बाबा के रूप में पहचान दिलाई। इनकी पत्नी को माताश्री के रूप में लोग जानने लगे। इनको कोई संतान नहीं है।

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1997 के बाद भोले बाबा की आध्यात्मिक यात्रा का प्रचार प्रसार तेजी से शुरू हुआ। भोले बाबा के सत्संग में लोग अपनी परेशानियां लेकर आने लगे। वे अपने हाथों से स्पर्श करके बीमारियां दूर करने का दावा करने लगे। सत्संग और चमत्कार के मोह में उनके अनुयायियों का कारवां लगातार बढ़ता गया। इन्होंने बहादुर नगर गांव में ही अपना आश्रम बनवा लिया। यह उनका पैतृक गांव भी है।

इसके बाद इनके आश्रमों की संख्या बढ़ती गई। बताया जाता है कि बहादुर नगर के अलावा आसपास के कई जिलों में भोले बाबा के आश्रम हैं। इसी तरह का एक आश्रम मैनपुरी जिले के बिछुआ थाना क्षेत्र में बना है। हाथरस घटना के बाद बाबा यहीं आए और यहीं रुके हैं।

आश्रम के समीप बस्ती में पुलिस मौजूद
बिछुआ आश्रम के आसपास के इलाके को पुलिस ने घेर रखा है। चारों तरह पुलिस का पहरा है। मुख्य मार्ग, आश्रम के बाहर मैदान से लेकर बस्ती तक पुलिस तैनात है और बाबा पर नजर बनाए है।

मैनपुरी के बिछुआ में है भोले बाबा का आश्रम
हाथरस कांड के नायक अपने आप को भोले बाबा बताने बाला मैंनपुरी के बिछबा क्षेत्र में अपने आलीशान आश्रम में मौजूद है। बिछबा में बना आलीशान आश्रम प्रतिदिन गुलजार रहता था। हाथरस में हादसे के बाद बाबा बाहर नही निकल रहा है। पुलिस आलीशान आश्रम के बाहर मुस्तैद है।

21 बीघा में बने आश्रम के तीनों गेट बंद
21 बीघा में बने आश्रम के तीनों गेट बंद कर दिए गए हैं। वहां भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। रात में सीईओ भोगांव सुनील कुमार 11:30 के लगभग आश्रम पर मौके पर पहुंचकर अंदर गए और लगभग एक घंटा की सर्चिंग करने के बाद बाहर निकले। उन्होंने मीडिया के सामने आश्रम में मौजूद न होने की बात कही।

सीईओ बोले बाबा अंदर नहीं है
आश्रम के बाहर मीडिया कर्मियों एवं पुलिस का तांता लगा था। सीईओ भोगांव सुनील कुमार रात 11 बजे के लगभग आश्रम पहुंचे। 1 घंटे बाद वे वापस आए तो उन्होंने कहा कि आश्रम में भोले बाबा मौजूद नहीं है। वही बाहर पहरा दे रहे सेवादारों ने कबूल किया कि बाबा जी मंगलवार को ही 3 बजे आश्रम में प्रवेश कर चुके थे जो अभी भी वहीं मौजूद है। वे आश्रम छोड़कर कहीं नहीं गए।