बीमा अधिकारी सहित 30 लोगों से 1.68 करोड़ की साइबर ठगी

धोखाधड़ी व IT एक्ट में युवक,युवती पर प्रकरण दर्ज  

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बीमा अधिकारी सहित 30 लोगों से 1.68 करोड़ की साइबर ठगी

संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की खबर 

नर्मदापुरम। जिला मुख्यालय पर विगत दिवस एक बीमा अधिकारी सहित 30 अन्य लोगों के साथ करीब 1.68 करोड़ रुपए की साइबर ठगी के एक मामले में देहात पुलिस ने एक युवक और एक युवती पर प्रकरण दर्ज किया है। देहात थाना पुलिस ने कल रात 10 बजे एक व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन और उसके एक सदस्य को धोखाधड़ी व आईटी एक्ट में आरोपी बनाया है। आरोपियों ने फरियादी को अच्छा मुनाफा दिलवाने का लालच देकर शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 1.68 करोड़ 78 हजार रुपए जमा करवा लिए थे। *आरोपी फर्म ‘444 एफएफ वेल्थ शेयरिंग सोसायटी’* नाम से बने एक व्हाट्सएप ग्रुप पर मैसेज के माध्यम से बात होती थी। रुपए नहीं मिलने पर फरियादी ने कई कॉल और मैसेज किए। लेकिन कोई भी जवाब न मिलने पर फरियादी ऋषिकुमार शर्मा ने एसपी दफ्तर पहुंचकर अपने साथ हुई इस साइबर ठगी की शिकायत दर्ज कराई। मामले में एसपी ने जांच के आदेश दिए।

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जिसके बाद देहात थाना पुलिस और साइबर सेल ने जांच के बाद धोखाधड़ी का मामला होने पर गुरुवार रात 10 बजे ‘444 एफएफ वेल्थ शेयरिंग सोसायटी’ व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन और मोबाइल नंबर 9002474403 के यूजर श्रुति और कुणाल सराफ के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस से जुड़े सूत्रों के अनुसार आरोपी एलआईसी अधिकारी सहित 30 अन्य लोगों को वॉट्स एप ग्रुप पर जोड़कर इन लोगों से इंवेस्टमेंट कराते थे। एलआईसी ऑफिसर को थूर इंवेस्टमेंट करने का कहकर, अच्छा रिटर्न दिलाने का दावा किया था। इसके बाद उन्हें ग्रुप पर एक लिंक दी गई। इससे एक एप डाउन लोड कराया गया। हालांकि यह एप गूगल प्ले स्टोर्स पर नहीं है। इसे उन्होंने डाउनलोड किया और इस पर इन 30 लोगों का 1 करोड़ 68 लाख 78 हजार रुपए इंवेस्ट कर दिया गया। जब इस इंवेस्टमेंट का रिटर्न नहीं मिला और ग्रुप पर कोई रिस्पांस भी नहीं मिला तो उन्होंने 3 जुलाई को एसपी से मिलकर शिकायत की गई थी। देहात थाना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जांच के बाद व्हाट्सएप ग्रुप के दो व्यक्तियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। जिसमें एक युवती व दूसरा युवक है। इस साइबर ठगी का शिकार हुए लोगों में नर्मदापुरम, नसरूल्लगंज, माखन नगर क्षेत्र के लगभग 30 लोग शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक बीमा अधिकारी ने पुलिस को दिए आवेदन में बताया कि कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक एप के संपर्क में आया था। एप ने शेयर मार्केट में पैसा लगाने पर मोटा मुनाफा देने की आश्वासन दिया। लालच में आकर अधिकारी ने ज्वाइंट वेंचर में डीमेट एकाउंट खुलवाया। इसके बाद 30 लोगों का एक ग्रुप बनाया। सभी से पैसे लेकर आईपीओ के जरिए पैसा लगाना शुरू कर दिया। 15 दिन पहले अधिकारी को पांच लाख रुपए का भुगतान भी मिला। इसके बाद 1 करोड़ 65 लाख रुपए अटक गए। यह राशि संबंधित एप पर दिखाई दे रही थी लेकिन जब इसे निकलने का प्रयास किया गया तो सफलता नहीं मिली। एप की तरफ से बताया गया कि रकम बड़ी होने के कारण टैक्स आदि जमा करना पड़ेगा। इसके लिए अलग से पैसा जमा करना होगा। अधिकारी को साइबर फ्राड की आशंका हुई तो उसने एप के संचालित होने वाले संभावित स्थान मुबई और अन्य जगह पछताछ करने का प्रयास भी किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। परेशान होकर अधिकारी ने पुलिस को लिखित शिकायत कर घटना की जानकारी दी है। पीड़ित अधिकारी के मुताबिक उसने निवेश करने वाले एप में लगभग 15 बार में 1 करोड़ 65 लाख रुपए जमा किए । आईपीओ के जरिए राशि जमा होती थी। इसकी जानकारी एप में ही दिखाई देती थी। वल्क वॉय के रूप में इस पर लोग पैसा लगाते हैं। अपने-अपने एकाउंट पर जमा राशि दिखाई देती है। इसी में से भुगतान लेने का विकल्प भी आता था। पीड़ित बीमा अधिकारी ने मीडिया को बताया की जिस एप के जरिए 1 करोड़ 65 लाख रुपए लगाए हैं,उस एप का कोई अधिकारी या टोल फ्री नंबर नहीं है। एप से जुड़े लोग सिर्फ चैटिंग के जरिए ही बात करते हैं। अब वे अपनी राशि निकालने के लिए लगातार चैटिंग कर रहे हैं लेकिन जमा राशि को वापस करने को लेकर कोई जबाव नहीं मिल रहा है।